Question
निम्नलिखित पद्याशं को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये:
क्रमश: कंठ क्षीण हो आया,
शिथिल हुए अवयव सारे,
बैठा था नव-नव उपाय की
चिंता में मैं मनमारे।
जान सका न प्रभाव सजग से
हुई अलस कब दोपहरी,
स्वर्ण-घनों में कब रवि डूबा,
कब आई संध्या गहरी।
‘स्वर्ण घन’ का अर्थ लिखो -
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घन
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सनहरी बदली
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सुनहरा बादल
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अधिक सोना
Solution
D.
अधिक सोना