Question
निम्नलिखित पद्याशं को पढ़कर उनका पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये
भीतर जो डर रहा छिपाए,
हाय! वही बाहर आया।
एक दिवस सुखिया के तनु को
ताप-तप्त मैंने पाया।
ज्वर में विहृल हो बोली वह,
क्या जाएं किस डर से डर,
मुझको देवी के प्रसाद का
एक फूल ही दो लाकर।
मन में छिपे डर का भाव क्या था?
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महामारी का प्रकोप
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बेटी महामारी का शिकार न हो
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रोगों का शिकार
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बीमार हो जाना
Solution
B.
बेटी महामारी का शिकार न हो