Sponsor Area

अब कैसे छूटै राम नाम - रैदास

Question
CBSEENHN9000699

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए सवालों के जवाब दीजिये    
ऐसा लाल तुझ बिनु कउनु करै।
गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै।।
जाकी छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै।
नीचहु ऊच करै मेरा गोबिदुं काहू ते न डरै।।
नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै।
कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरिजीउ ते सभै सरै।।

प्रस्तुत पद की भाषा है

  • ब्रज 
  • सधुक्कड़ी
  • खड़ी बोली
  • अवधी

Solution

A.

ब्रज 

Some More Questions From अब कैसे छूटै राम नाम - रैदास Chapter

नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
जाकी जोति बरै दिन राती

नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै

नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
नीचहु ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै

रैदास के इन पदों का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।

रैदास की भक्ति दास्य भाव की है-सिद्ध कीजिए।

रैदास को क्यों लगता है कि उनके प्रभु उन पर द्रवित हो गए हैं?

कवि की दृष्टि में गरीबों और दीन दुखियों का रक्षक कौन है?

निम्न कोटि के लोगों को गोबिन्द कैसे तारते है?

‘लाल’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है।

कवि ने भगवान को निम्न नामों से पुकारा है? कौन-सा कथन असत्य है-