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दोहे - रहीम

Question
CBSEENHN9000752

निम्नलिखित दोहों को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के जवाब दीजिये: 
दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।
ज्यों रहीम नट कुंडली, सिमिटि कूदि चढ़ि जाहिं।।

कवि ने दोहा छंद की तुलना नट से क्यों की है?



  • छिपे भाव
  • कल्पना की ऊँची उड़ान
  • सिकोड़कर छोटा बना लेना
  • ऊँची छूलाँग लगाने

Solution

C.

सिकोड़कर छोटा बना लेना

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रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।