नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- “टोपी तो आदमियों का राजा पहनता है। जानती है, एक टोपी के लिए कितनों का टाट उलट जाता है। जरा-सी चूक हुई नहीं कि टोपी उछलते देर नहीं लगती। अपनी टोपी सलामत रहे, इसी फिकर में कितनों को टोपी पहनानी पड़ती है। ... मेरी मान तो तू इस चक्कर में पड़ ही मत।”
गवरा गवरइया की टोपी पहनने की इच्छा को क्यों नकारता है?
क्योंकि यह जिस हाल में है उसी हाल में खुश रहना चाहता है।
उसे गवरइया वैसे ही अच्छी लगती है वह नहीं चाहता कि वह अपने में परिवर्तन लाए।
वह नवीन विचारधारा को नहीं अपनाना चाहता।
उसे मनुष्य के रहन-सहन का तरीका पसंद नहीं।
Solution
Multi-choise Question
B.
उसे गवरइया वैसे ही अच्छी लगती है वह नहीं चाहता कि वह अपने में परिवर्तन लाए।