Question
निम्नलिखित पद्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
हम भिखमंगों की दुनिया में,
स्वच्छंद लुटाकर प्यार चले,
हम एक निसानी-सी उर पर,
ले असफलता का भार चले।
अब अपना और पराया क्या?
आबाद रहें रुकनेवाले!
हम स्वयं बँधे थे और स्वयं
हम अपने बंधन तोड़ चले।
वीरों के हृदय पर कैसी असफलता के निशान हैं?
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स्वतंत्रता न प्राप्त कर सकने की।
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अग्रे़जी सरकार का मुकाबला न कर पाने की।
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अपने रिश्तेदारों से न मिल पाने की।
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इनमें से कोई नहीं।
Solution
A.
स्वतंत्रता न प्राप्त कर सकने की।