नीचे लिखे काव्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
पुष्प-पुष्य से तंद्रालस लालसा खींच लूँगा मैं.
अपनै नव जीवन का अमृत सहर्ष सींच दूँगा मैं,
द्वार दिखा दूँगा फिर उनको।
हैं मेरे वे जहाँ अनंत-
अभी न होगा मेरा अंत।
वह फूलों में क्या परिवर्तन चाहता है?
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वह उन्हें अपने स्पर्श से विमल, सुंदर और हर्षान्वित करना चाहता है।
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वह उन्हें हरा-भरा करना चाहता है।
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वह उन्हें और रंगीन देखना चाहता है।
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वह चाहता है कि वे कभी मुरझाए ही न।
A.
वह उन्हें अपने स्पर्श से विमल, सुंदर और हर्षान्वित करना चाहता है।