वसंत पर अनेक सुंदर कविताएं हैं। कुछ कविताओं का संकलन तैयार कीजिए।
खेतों में फसलें चहकी हैं: यह वसंत त्योहार हुआ।।
पंचायत मेरे गाँव की; मौन तोड़ती है अपना
और यही चर्चा चौपाल पर; ये फसलें हैं धन अपना,
आज नया दरबार लगा है; सब मौलिक अधिकार हुआ।
जब वसंत आकर मुसकाया: पीलापन व्यवहार हुआ।।
सरसों के फूले खेतों पर, खुशी मनाकर हम हँस लें
कुन्दन सी बनकर लहकी है; देखो खेतों की फसलें,
बापू की लाठी को थामे, रमुआ मग्न विचार हुआ।
जब वसंत आकर मुसकाया, पीलापन व्यवहार हुआ।। कवि-मनोहरलाल ‘रत्नम’