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निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए। [2*4=8]
आजकल दूरदर्शन पर आने वाले धारावाहिक देखने का प्रचलन बढ़ गया है बाल्यावस्था में यह शौक हानिकारक है। दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले धारावाहिक निम्न स्तर के होते हैं। उनमें अश्लीलता, अनास्था, फैशन तथा नैतिक बुराइयाँ ही अधिक देखने को मिलती हैं। छोटे बालक मानसिक रूप से परिपक्व नहीं होते। इस उम्र में वे जो भी देखते हैं उसका प्रभाव उनके दिमाग पर अंकित हो जाता है। बुरी आदतों को वे शीघ्र ही अपना लेते हैं समाजशास्त्रियों के एक वर्ग का मानना है कि समाज में चारों ओर फैली बुराइयों का एक बड़ा कारण दूरदर्शन तथा चलचित्र भी है। दूरदर्शन से आत्मसीमितता, जड़ता, पंगुता अकेलापन आदि दोष बढ़े हैं। बिना समय की पाबंदी के घंटों दूरदर्शन के साथ चिपके रहना बिलकुल गलत है। इससे मानसिक विकास रुक जाता है, नजर कमजोर हो सकती है और तनाव बढ़ सकता है।
(क) आजकल दूरदर्शन के धारावाहिकों का स्तर कैसा है?
(ख) दूरदर्शन का दुष्प्रभाव किन पर अधिक पड़ता है और क्यों ?
(ग) दूरदर्शन के क्या-क्या दुष्प्रभाव हैं?
(घ) ‘बाल्यावस्था’ शब्द का संधि-विच्छेद कीजिए।
(ङ) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
(क) आजकल दूरदर्शनों के धारावाहिकों का स्तर घटता जा रहा है। उसमें दर्शकों को अश्लीलता, अनास्था, फैशन तथा नैतिक बुराइयाँ ही अधिक देखने को मिलती हैं।
(ख) दूरदर्शन का दुष्प्रभाव सबसे अधिक छोटे बालकों पर पड़ता है क्योंकि वे मानसिक रूप से अपरिपक्व होते है। वे जो इस छोटी उम्र में देखते हैं उसका प्रभाव उन पर अधिक पड़ता है।
(ग) दूरदर्शन के कई दुष्प्रभाव हैं जैसे- इससे समाज में फैली बुराइयों को बढ़ावा मिलता है। इससे आत्मसीमितता, जड़ता, पंगुता अकेलापन आदि दोष बढ़े हैं। नज़र कमजोर पड़ती है एवं घंटों दूरदर्शन देखने से समय की पाबंदी घट जाती है।
(घ) ‘बाल्यावस्था’ का संधि-विच्छेद- बाल + अवस्था।
(ङ) उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक-दूरदर्शन के प्रभाव’।
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए [1*7=7]
कोलाहल हो
या सन्नाटो कविता सदा सृजन करती है।
जब भी आँसू हुआ पराजित
कविता सदा जंग लड़ती है।
जब भी कर्ता हुआ अकर्ता
कविता ने जीना सिखलाया
यात्राएँ जब मौन हो गईं
कविता ने चलना सिखलाया
जब भी तम का जुल्म बढ़ा है,
कविता नया सूर्य गढ़ती है,
जब गीतों की फसलें लुटर्ती
शीलहरण होता कलियों का,
शब्दहीन जब हुई चेतना
तब-तब चैन लुटा गलियों का
अपने भी ओ गए पेराए
यों झूठे अनुबंध हो गए।
घर में ही बनवास हो रहा
यों गूगें संबंध हो गए।
(क) कविता कैसी परिस्थितियों में सृजन करती है? स्पष्ट कीजिए।
(ख) भाव समझाइए ‘जब भी तम का जुल्म बढ़ा है, कविता नया सूर्य गढ़ती है।’
(ग) गलियों का चैन कब लुटता है?
(घ) “परस्पर संबंधों में दूरियाँ बढ़ने लर्गी’-यह भाव किस पंक्ति में आया है?
(ङ) कविता जीना कब सिखाती है?
अथवा
जो बीत गई सो बात गई
जीवन में एक सितारा था,
माना, वह बेहद प्यारा था,
वह डूब गया तो डूब गया।
अंबर के आनन को देखो,
कितने इसके तारे टूटे,
कितने इसके प्यारे छूटे,
जो छूट गए फिर कहाँ मिले;
पर बोलो टूटे तारों पर,
कब अंबर शोक मनाता है?
जो बीत गई सो बात गई।
जीवन में वह था एक कुसुम,
थे उस पर नित्य निछावर तुम,
वह सूख गया तो सूख गया;
मधुबन की छाती को देखो,
सूखी कितनी इसकी कलियाँ,
मुरझाई कितनी बल्लरियाँ,
जो मुरझाई फिर कहाँ खिल,
पर बोलो सूखे फूलों पर,
कब मधुबन शोर मचाता है?
जो बीत गई तो बात गई।
(क) ‘जो बीत गई सो बात गई’ से क्या तात्पर्य है। स्पष्ट कीजिए।
(ख) आकाश की ओर कब देखना चाहिए, और क्यों ?
(ग) “सूखे फूल’ और ‘मधुबन’ के प्रतीकार्य स्पष्ट कीजिए।
(घ) टूटे तारों का शोक कौन नहीं मनाता है?
(ङ) आपके विचार से जीवन में एक सितारा’ किसे माना होगा?
(क) कविता हमेशा ही कठिन परिस्थितियों को हमारे अनुकूल कर नए पथ का सृजन करती है। जब आँसू पराजित हो जाते हैं तो कविता अपनी लेखनी द्वारा प्रतिकूल परिस्थितियों से जंग लड़ती है। जब कर्ता हताश हो जाता है तो उसमें नई उमंग भरती है। कविता एक ऐसे नए सूरज को निर्माण करती है जो नया सवेरा लाता है।
(ख) “जब भी तम का जुल्म बढ़ा है, कविता नया सूर्य गढ़ती है-को भाव यह है कि जब-जब अंधेरा अर्थात् प्रतिकूल परिस्थितियाँ अपने चरम पर होती हैं तो कविता अपनी लेखनी द्वारा इन प्रतिकूल अंधकारमय परिस्थितियों को अपने पथ प्रदर्शक शब्दों द्वारा नया सूर्य दिखाकर उन्हें प्रतिकूल बनाती है।
(ग) गलियों का चैन शब्दहीन निर्दय चेतना द्वारा लुटता है।
(घ) परस्पर संबंधों में दूरियाँ बढ़ने लगी :- यह भाव अपने भी हो गए पराए’ में आया है।
(ङ) जब कर्ता अकर्ता हो जाता है अर्थात् प्रतिकूल परिस्थितियों के समक्ष हार जाता है तो कविता उसे जीना सिखाती है।
अथवा
(क) ‘जो बीत गई सो बात गई’ से तात्पर्य है कि जो बीत गया वो हमारा कल था और वह दोबारा नहीं आएगा। अतीत के दु:खों को याद कर रोने से कोई लाभ नहीं।
(ख) अंबर की ओर रात्रि में देखना चाहिए, जब उसमें अनगिनत तारे होते हैं क्योंकि तारे प्रतिदिन टूटते हैं पर अंबर हमेशा ही वैसा का वैसा रहता है। चाहे नए तारे आए या पुराने टूटे।
(ग) मधुबन का अर्थ बगीचा एवं सूखे फूल ‘मधुबन’ में मुरझाए फूल।।
(घ) टूटे तारों का शोक अंबर नहीं मनाता है।
(ङ) आपके विचार से ‘जीवन में एक सितारा’ हमारे जीवन का महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है जिसके इर्द-गिर्द हमारी दुनियाँ घुमती है।
निर्देशानुसार किन्हीं तीन के उत्तर लिखिए- [1 × 3 = 3]
(क) मैंने उस व्यक्ति को देखा जो पीड़ा से कराह रहा था। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(ख) जो व्यक्ति परिश्रमी होता है, वह अवश्य सफल होता है। (सरल वाक्य में बदलिए)
(ग) वह कौन-सी पुस्तक है जो आपको बहुत याद है। (रेखांकित उपवाक्य का भेद बदलिए)
(घ) कश्मीरी गेट के निकल्सन कब्रगाह में उनका ताबूत उतारा गया। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
(क) संयुक्त वाक्य मैंने उस व्यक्ति को देखा पर वह पीड़ा से कराह रहा था।
(ख) सरल वाक्य-परिश्रमी व्यक्ति अवश्य सफल होता है।
(ग) “वह कौन-सी पुस्तक है’–प्रधान उपवाक्य
(घ) जहाँ कश्मीरी गेट का निकल्सन कब्रगाह तथा वहाँ उनका ताबूत उतारा गया।
निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं चार वाक्यों का निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए- [1 × 4 = 4]
(क) बालगोबिन भगत प्रभातियाँ गाते थे। (कर्मवाच्य में बदलिए)
(ख) बीमारी के कारण वह यहाँ न आ सका।। (भाववाच्य में बदलिए)
(ग) माँ के द्वारा बचपन में ही घोषित कर दिया गया था। (कर्तृवाच्य में बदलिए)
(घ) अवनि चाय बना रही है। (कर्मवाच्य में बदलिए)
(ङ) घायल हंस उड़ न पाया। (भाववाच्य में बदलिए)
(क) कर्मवाच्य- बालगोबिन भगत द्वारा प्रभातियाँ गाई जाती थी।
(ख) भाव वाच्य- बीमारी के कारण वह यहाँ नहीं आ सकता।
(ग) कर्तृवाच्य- माँ ने बचपन में ही घोषित कर दिया था।
(घ) अवनि के द्वारा चाय बनायी गयी।
(ङ) भाववाच्य घायल हंस उड़ न सका।
निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं चार रेखांकित पदों का पद-परिचय लिखिए [1 × 4 = 4]
(क) दादी जी प्रतिदिन समाचार पत्र पढ़ती हैं।
(ख) रोहन यहाँ नहीं आया था।
(ग) वे मुंबई जा चुके हैं।
(घ) परिश्रमी अंकिता अपना काम समय में पूरा कर लेती है।
(ङ) रवि रोज सवेरे दौड़ता है।
(क) पढ़ती है– एकवचन, क्रिया, स्त्रीलिंग
(ख) यहाँ– सर्वनाम, स्थानवाचक क्रिया विशेषण
(ग) वे— बहुवचन, सर्वनाम (पुरुषवाचक), कर्ता कारक।
(घ) परिश्रमी– जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, विशेषता विशेषता स्पष्ट करता है)
(ङ) रवि- व्यक्ति वाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग कर्ताकारक।
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए [1 × 4 = 4]
(क) ‘करुण रस’ का एक उदाहरण लिखिए।
(ख) निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में निहित रस पहचान कर लिखिए
तंबूरा ले मंच पर बैठे प्रेमप्रताप,
साज मिले पंद्रह मिनट, घंटा भर आलाप।
घंटा भर आलाप, राग में मारा गोता,
धीरे-धीरे खिसक चुके थे सारे श्रोता।
(क) उत्साह’ किस रस का स्थायी भाव है?
(ख) ‘वात्सल्य रस का स्थायी क्या है?
(ग) ‘शृंगार रस के कौनसे दो भेद हैं।
करुण रस का उदाहरण—
‘उभरी नसों वाले हाथ
घिसे नाखूनों वाले हाथ
पीपल के पत्ते से नए-नए हाथ
जूही की डाल से खुशबूदार हाथ
गंदे कटे-पिटे हाथ
जख्म से फटे हुए हाथ
खुशबू रचते हैं हाथ।
(ख) हास्यरस
(ग) उत्साह ‘वीर रस’ का स्थायी भाव है।
(घ) वात्सल्य रस का स्थायी भाव वत्सल है।
(ङ) ‘ श्रृंगार रस’ के दो भेद संयोग श्रृंगार और वियोग श्रृंगार
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 200 से 250 शब्दों में निबंध लिखिए
(क) कमरतोड़ महँगाई
(ख) स्वच्छ भारत अभियान
(ग) बदलती जीवन शैल
निबंध
कमरतोड़ महँगाई
महँगाई का अर्थ होता है वस्तुओं की कीमत में वृद्धि होना। इस महँगाई पर ही पूरे देश की अर्थव्यवस्था टिकी होती है। मॅहगाई मनुष्य के जीवन शैली को प्रभावित करती है। आप समाज की यह प्रमुख समस्या है जिसने उच्च, मध्यम व निम्न सभी वर्गों की कमर तोड़ रखी है।
महँगाई की समस्या न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व की गंभीर समस्या बन गई है। इस समस्या के कारण बहुत से देशों का आर्थिक स्तर घटता है। हमारा देश, भारत जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा बड़ा देश है। पर उस तरह की पैदावार नहीं हो पा रही है जिससे आए दिन सामानों के दाम बढ़ते हैं। आजादी के बाद भारत में तीन चीजें हमेशा बढ़ती रही हैं भ्रष्टाचार, असमानता और महँगाई। ये तीनों सगी बहनें हैं। ये एक साथ बढ़ती हैं। भ्रष्टाचार बढ़ता है तो धनवान और धनी होते जाते हैं और गरीब बिल्कुल लगोंटी रारी हो जाते हैं। काले धन के कारण कालाबाजारी बढ़ती है। उससे मँहगाई बढ़ती है।
हमारे देश के अमीर लोग इस मॅहगाई के सबसे अधिक जिम्मेदार होते हैं। आपात काल के शुरू-शुरू में वस्तुओं की कीमत कम रखने की परंपरा चली लेकिन व्यापरी अपनी मनमानी करते हैं, सामान्य जनता पर महँगाई का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। उसके पास सीमित पूँजी होती है और उसकी खरीदने की शक्ति कमजोर हो जाती है। अफसरशाही नेता, व्यापारी ये सभी मँहगाई को बढ़ाने के लिए बहुत अधिक जिम्मेदार हैं। इससे समाज पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
यदि सरकार मुद्रा स्फीति पर रोक लगाए तो शायद महँगाई पर कुछ तो लगाम लग सकेगी। सरकार को अधिक पैमाने पर गांवों का विकास कर उन्हें जागरूक करना चाहिए जिससे वे आधुनिक संसाधनों का प्रयोग करे और पैदावार बढ़ाए।
हमारी अधिकांश समस्याओं का मूल कारण जनसंख्या है। जब तक जनसंख्या को वश में नहीं किया जाएगा मॅहगाई वश में नहीं आयेगी। महँगाई को वश में करने के लिए उचित राष्ट्र नीति जरूरी है। मॅहगाई को रोकने के लिए लोगों को अपनी जमाखोरी की प्रवृत्ति छोड़नी होगी। उपभोक्ता को भी उतनी ही वस्तुएं खरीदनी चाहिए जितनी कि उसे आवश्यकता हो । दोबारा जरूरत पड़ने पर उपभोक्ता को तभी सामान लेना चाहिए। इस तरह से महँगाई पर काबू रखा जा सकता है।
(ख) स्वच्छ भारत अभियान
‘एक कदम स्वच्छता की ओर ‘स्वच्छता’ आज केवल घर या मुहल्ले तक नहीं बल्कि इसका दायरा काफी बड़ा बन गया है। देश और राष्ट्र की स्वच्छता से ही वास्तविक विकास हो सकता है। जिस देश का नागरिक स्वच्छता के प्रति सजग होगा उस देश का विकास अबाध गति से होगा। प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपने देश की स्वच्छता में अपना सहयोग दें। इसी को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान चलाया है जिसमें यह प्रण लिया गया है कि प्रत्येक गली, मुहल्ला, सड़कों से लेकर शौचालय का निर्माण कराना और बुनियादी ढांचे को बदलना एवं स्वच्छता का संदेश फैलाना।
अस्वच्छता से विभिन्न प्रकार की हनियाँ हैं। स्वच्छ वातावरण से पर्यावरण का विकास संभव है। हम सभी जानते हैं कि हमारा वातावरण ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से ग्रस्त है पर इससे कुछ अंशों में युक्त। का एकमात्र साधन स्वच्छता है। जिस तरह का स्वच्छ परिवेश से वातावरण में कोई रोग-बीमारी का खतरा नहीं होगा। पहले गांवों में लोग खुले में शौच जाते थे पर इस अभियान द्वारा जनता जागरूक हो गई एवं उन्हें शौचालय का महत्व समझ में आया है। सड़कों, गलियों को स्वच्छ रखना जिससे वहाँ रहने वाले लोग स्वस्थ रहेंगे।
हमारे पूज्यनीय गांधी जी स्वच्छता के प्रति अत्यंत जागरूक थे उन्हीं के सिद्धांतों को आगे बढ़ाते हुए हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2 अक्टूबर 2014 को इस आंदोलन से जोड़ने की मुहिम चलाई है। इस आंदोलन को जन-जन तक पहुँचाने के लिए हमारे अभिनेता-अभिनेत्री सब स्कूल, कॉलेजों वे सरकारी कार्यालयों ने अहम भूमिका निभाई है। अब वह समय दूर नहीं जब हम गांधी जी के सपने को साकार कर पाएंगे।
इसलिए हमें ‘स्वच्छ भारत अभियान में बढ़चद कर हिस्सा लेना चाहिए और कुछ नहीं तो हमें कम से कम रोज हमारी गली को साफ करना चाहिए। शिक्षा के प्रसार प्रचार को बढ़ावा देकर जनता को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना चाहिए। स्वच्छ भारत अभियान में आप भी भागीदार बने लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक बनाएं।
(ग) बदलती जीवन शैली
स्वस्थ जीवन शैली एक अच्छे जीवन की नींव है। हालांकि इस जीवन शैली को हासिल करने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती बल्कि कई लोग व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं, दृढ़ संकल्प की कमी और अन्य कारणों द्वारा इसका पालन नहीं कर पाते स्वस्थ रहने के लिए किस प्रकार की शैली अपनाना है यह जानना ज्यादा जरूरी हैं।
आजकल की पीढ़ी कम्यूटर मोबाइल, बर्गर, पिज्जा और देर रात की पार्टियों पर आधारित है-मूल रूप से ये सब अस्वास्थ्यकर है। पेशेवर प्रतिबद्धताओं और व्यक्तिगत मुद्दों ने सभी को जकड़ लिया है। और इन सभी आवश्यकताओं के बीच वे अपना स्वास्थ्य खो रहे हैं। इन दिनों लोग अपने दैनिक जीवन में इतने व्यस्त हो गए हैं कि वे भूल गए हैं कि एक स्वस्थ जीवन जीने के क्या मायने हैं। हम स्वस्थकर आदतें अपनाकर अपनी जीवन शैली में सुधारा जा सकता है यदि हम प्रातः भ्रमण, योगा व मेडिटेशन का जीवन में समावेश करें तो हमारा स्वास्थ्य अच्छा हो पाएगा। शरीर में अनेक शक्तियाँ निहित हैं, यदि हम उन शक्तियों को पहचान लेंगे तो
हम निरोग रहेंगे।
गत कुछ दिनों से आपके क्षेत्र में अपराध बढ़ने लगे हैं। जिससे आप चिंतित हैं। इन अपराधों की रोकथाम के लिए थानाध्यक्ष को पत्र लिखिए।
अथवा
आपका एक मित्र शिमला में रहता है। आप उसके आमंत्रण पर ग्रीष्मावकाश में वहाँ गए थे और प्राकृतिक सौंदर्य को खूब आनंद उठाया था। घर वापस लौटने पर कृतज्ञता व्यक्त करते हुए मित्र को पत्र लिखिए।
सेवा में,
थानाध्यक्ष महोदय,
तिलक नगर थाना,
नई दिल्ली-110018
दिनांक- 23 मार्च 20XX
विषय–अपराधों की रोकथाम के संदर्भ में।
माननीय महोदय,
मैं दिल्ली के तिलक नगर का रहने वाला हूँ। मुझे अत्यंत दु:ख के साथ आपको सूचित करना पड़ रहा है कि हमारी कॉलोनी में दिन-प्रतिदिन अपराध बढ़ रहे हैं। पहले यह कॉलोनी शांतिप्रिय थी पर अब यहाँ हम भय में जीवन जी रहे हैं। महिलाएँ तो घर से निकलने में कतराती हैं। कुछ सप्ताह पहले दो महिलाओं का किसी राह चलते लूटेरे ने पर्स छीन लिया और कल तो हद ही हो गई घर के सामने किसी काम से मेरी माता जी खड़ी थीं वहाँ राह चलते किसी ने उनकी चेन खींचकर ही भाग गया। घर के सदस्य उसके पीछे भागे परंतु वह तेजी से नौ दो ग्यारह हो गया। पूरे क्षेत्र में चोरी व छीनने की घटनाओं के कारण भय का माहौल हैं। लोग घर से निकलने में भी कतराते हैं।अत: आप से विनम्र निवेदन है कि हमारी उचित सुरक्षा का प्रबंध करे व प्रतिदिन पुलिस की गश्त लगाते रहे। इससे हमें सुरक्षा का भाव मिले।
धन्यवाद,
भवदीय,
अ. ब. स
अथवा
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।।
दिनांक 23 मार्च 20XX
प्रिय मित्र नीरज,
सस्नेह अभिवादन,
मैं कुशलतापूर्वक दिल्ली पहुँच गया हूँ। आशा है तुम भी ठीक होंगे। बहुत बहुत धन्यवाद मित्र। इस ग्रीष्मकाल के अवकाश को तुमने यादगार बना दिया। मैंने स्वपन में भी इस तरह का नजारा नहीं देखा जो तुमने मुझे शिमला में दिखाया। तुम्हारे व तुम्हारे परिवार के सहयोग द्वारा ही हमारी यह मात्रा यादगार बनी। सच में तुम तो प्रकृति की गोद में ही रहते हो। इतना सुंदर दृश्य तुमने हमें पहाड़ियों से दिखाया जैसे स्वर्ग हो। मैं अपने शब्दों द्वारा भी उस प्राकृतिक दृश्यों का वर्णन नहीं कर सकता। यहाँ आकर के मुझे दोबारा तुम्हारे साथ बिताए गए समय का स्मरण हो रहा है। मेरे माता-पिता जी भी तुम्हारे व तुम्हारे परिवार वालों को याद कर रहे हैं। मेरी माता तो तुम्हारी माता जी की मित्र ही बन गई थी। सच में दो परिवारों के साथ मिलकर की गई यात्रा यादगार ही बन जाती है। आशा है तुम भी परिवार सहित दिल्ली आओ तो हम सभी साथ मिलकर मथुरा-वृंदावन घूमने चलेंगे। चाचा जी व चाची जी को मेरा प्रणाम कहना एवं बहन को स्नेह देना। तुमसे पुनः मिलने की आशा में।।
तुम्हारा मित्र
ऋषि
अतिवृष्टि के कारण कुछ शहर बाढ़ ग्रस्त हैं। वहाँ के निवासियों की सहायतार्थ सामग्री एकत्र करने हेतु एक विज्ञापन लगभग 50 शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
बॉल पेनों की एक कंपनी सफल’ नाम से बाजार में आई है। उसके लिए एक विज्ञापन लगभग 50 शब्दों में तैयार कीजिए।
दान एक पुण्य
आइए पुण्प कमाइए
रोटरी क्लब की ओर से
केरल के बाढ़पीड़ितों के लिए सहायता
आपकी सहायता किसी की जिंदगी
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गाँधी मैदान, जनकपुरी
नई दिल्ली।
अथवा
किसी बस में वारदात कर भाग रहे अपराधी को संवाहक द्वारा पकड़ कर पुलिस को सौंपने की घटना की विवरण सहित जानकारी देते हुए परिवहन विभाग के प्रबंधक को पत्र लिखकर कि उसे पुरस्कृत करने का अनुरोध कीजिए।
अथवा
आपकी बहन कस्बे से अपनी पढ़ाई पूरी कर आगे शिक्षा के लिए बड़े नगर में गई है नगर के वातावरण में संभावित परेशानियों की चर्चा करते हुए उनसे बचने के तरीके उसे पत्र द्वारा समझाइए।
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक-16 अक्टूबर 20xx
सेवा में,
मुख्य प्रबंधक महोदय,
दिल्ली परिवहन विभाग,
जनकपुरी, नई दिल्ली।
विषय-संवाहक के प्रशंसनीय साहसिक व्यवहार के लिए
पुरस्कृत करने का अनुरोध।
महोदय,
निवेदन है कि मैं दिल्ली का निवासी हूँ और नियमित रूप से प्रातः आठ बजे जनकपुरी से द्वारका तक जाने वाली बस का यात्री हैं। बस का संवाहक और चालक दोनों को ही व्यवहार मधुर तथा सहयोगीपूर्ण है। दोनों ही कुशलता और हिम्मत के धनी हैं।
आज रास्ते में एक व्यक्ति जनकपुरी बस स्टैंड से बस में चढ़ा। बस में 20-30 यात्री थे जो शांति से बैठे हुए थे। जैसे ही बस आधे रास्ते पहुँची उस आदमी ने तमंचा निकालकर सभी से चुप रहकर अपना कीमती सामान उसके हवाले करने को कहा। बस में यात्रा कर रहीं महिलाएँ चीखने लगीं, संवाहक से सभी को शांत होने एवं हिम्मत रखने के लिए कहा। फिर उस आदमी को अपनी बातों में फंसाकर अन्य व्यक्ति को इशारा किया। सभी ने उसे दबोच लिया। उसने जैसे ही भ. गिने की कोशिश की संवाहक ने चतुराई दिखाते हुए उसका सामना किया। रास्ते में पड़ने वाली पुलिस चौकी में जाकर उस अपराधी को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। संवाहक का यह साहसिक कार्य प्रशंसनीय योग्य था।
अतः मैं विभाग से निवेदन करता हूँ कि संवाहक के इस साहसिक कार्य की प्रशंसा करते हुए उसे सम्मानित किया जाए जिससे सभी को प्रेरणा मिल सके।
सधन्यवाद
भवदीय
क.ख.ग.
अथवा
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक-15 मार्च 20xx
प्रिय बहन अर्पिता
सस्नेह,
आशा करती हूँ कि तुम कुशल मंगल होगी और चिंताओं से मुक्त अध्ययनरत होगी।
प्रिय अर्पिता ! माँ से कल फोन पर वार्तालाप हुआ और मुझे पता चला कि तुम पढ़ाई पूरी करने के लिए नगर गई हो। मुझे खुशी है कि तुम शिक्षा प्राप्त करने के लिए तत्पर हो, किन्तु अब कस्बे से दूर नगरीय जीवन में तुम्हारा प्रवेश हो गया है, जहाँ का वातावरण और जीवन शैली बिल्कुल विपरीत है। ध्यान रखना, कि व्यक्तित्व की परख बाह्य श्रृंगारिक चीजों से नहीं होती बल्कि शालीनता से होती है। नगर की चकाचौंध और भागदौड़ से बचकर रहना। स्वयं को फैशन की दौड़ में शामिल मत करना वरना अपने उद्देश्य से भटक सकती हो। नगर के लोगों से सावधान रहते हुए दूरी बनाए रखना। कस्बे में अपने लोगों के बीच रहकर अपनेपन की आदत बनाए रखना अच्छा था, परन्तु नगर में ऐसे लोग बहुत मिलेंगे जो सिर्फ अपना स्वार्थ पूरा करना जानते हैं।
विद्यार्थी जीवन का समय अमूल्य होता है। इस समय को न गंवाते हुए अपने उद्देश्य को पूरा करना और परिवार का सम्मान बढ़ाना। आगे तुम स्वयं समझदार हो। आशा है मेरी सलाह को तुम जरूर समझोगी।
तुम्हारी बड़ी बहन
क.ख.ग.
किसी विशेष टी. वी. चैनल द्वारा अंधविश्वासों को प्रोत्साहित करने वाले अवैज्ञानिक और तर्कहीन कार्यक्रम प्रायः दिखाए जाने पर अपने विचार व्यक्त करते हुए किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए। [5]
अथवा
आप अपनी किसी चूक के लिए बहुत लज्जित हैं और माँ के सामने जाने का साहस भी नहीं जुटा पा रहे हैं। तथ्यों को स्पष्ट करते हुए माँ को पत्र लिखकर क्षमायाचना कीजिए।
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक-26 मार्च 20XX
सेवा में, संपादक,
दैनिक समाचार पत्र, .
बहादुर शाह जफर मार्ग,
नई दिल्ली।
विषय-टी. वी. चैनल में तर्कहीन व अवैज्ञानिक
कार्यक्रम पर रोक लगाने हेतु पत्र
महोदय,
मैं आपके दैनिक समाचार पत्र के माध्यम से टी.वी. चैनल के अधिकारियों तक अपनी बात पहुँचाना चाहती हूँ। टी.वी. चैनल में रात्रि नौ बजे एक धारावाहिक आता है जो अंधविश्वास को प्रोत्साहित करता है। इसका नाम है-‘डर’ यह कार्यक्रम अवैज्ञानिक व तर्कहीन है। इसमें प्रत्येक दिन एक नयी कहानी दिखायी जाती है जो भूत पिशाचों से संबंधित होती है। इसका असर बच्चों पर अधिक पड़ रहा है क्योंकि बच्चे इसे शौक में देखते हैं और इसे ही सच मानते हैं। परन्तु इसका असर भयावह हो रहा है क्योकि इसकी छाप मानसिक पटल पर रह जाती है। जो हमारी भावी पीढ़ी के लिए नुकसानदायक हो सकती है। आपसे अनुरोध है कि अपने लोकप्रिय समाचार पत्र में इस लेख को छापें ताकि टी.वी. चैनल से अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित हो तथा वे ऐसे कार्यक्रमों का प्रसारण न करें जो समाज को अंधविश्वासों से हानि पहुँचाए।
धन्यवाद,
भवदीया,
क. ख. ग. .
अथवा
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली
दिनांक 16 मार्च 20XX
आदरणीय माता जी,
चरण स्पर्श,
माँ कुछ दिनों पहले अर्द्धवार्षिक परीक्षा में मुझसे एक गलती हो गई। विज्ञान के पेपर की तैयारी अच्छी तरह न होने के कारण में परेशान था जिसके कारण परीक्षा में मैंने नकल की। परन्तु मैं इसके लिए अत्यधिक लज्जित हूँ। माँ मैंने गलती की है पर आज तक में इससे उभर नहीं पाया हूँ। पास होने के लिए मैंने गलत रास्ता स्वीकार कर लिया जो शर्मनीय कार्य है।
माँ इस गलती को स्वीकार करते हुए माफी माँगना चाहता हूँ। परन्तु साहस नहीं जुटा पा रहा हूँ। आपके सामने अपनी गलती स्वीकार करने में लज्जित महसूस कर रहा हूँ। आपके दिये गए संस्कारों का मान नहीं रख पाया। माँ मैं इस पत्र द्वारा आपसे माँफी चाहता हूँ। मुझे माफ कर दीजिए। आगे से ऐसी चूक कभी नहीं होगी। आज मुझे एहसास हो रहा है मैं आदर्श बेटा न बन सका। मैं वादा करता हूँ ऐसी गलती दुबारा नहीं होगी। माँ इस पत्र द्वारा मैं अपने भावों को स्पष्ट करने की हिम्मत जुटा पाया हूँ। आशा है, आप मुझे माफ कर देंगी।
आपका पुत्र,
क. ख. ग.
निर्देशानुसार उत्तर लिखिए। [1 × 3 = 3]
(क) बालगोबिन जानते हैं कि अब बुढ़ापा आ गया। (आश्रित उपवाक्य छाँटकर भेद भी लिखिए।)
(ख) मॉरीशस की स्वच्छता देखकर मन प्रसन्न हो गया। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
(ग) गुरुदेव आराम कुर्सी पर लेटे हुए थे और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहे थे। (सरल वाक्य में बदलिए)
(क) आश्रित उपवाक्य : अब बुढ़ापा आ गया है। भेद : संज्ञा उपवाक्य
(ख) मिश्र वाक्य : जब मॉरीशस की स्वच्छता देखी तब मन प्रसन्न हो गया।
(ग) सरल वाक्य : गुरुदेव आराम कुर्सी पर लेटकर प्राकृतिक सौन्दर्य का आनन्द ले रहे थे।
निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए : [1 × 4 = 4)
(क) मई महीने में शीला अग्रवाल को कॉलेज वालों ने नोटिस थमा दिया। (कर्मवाच्य में)
(ख) देशभक्तों की शहादत को आज भी याद किया जाता है। (कर्तृवाच्य में)
(ग) खबर सुनकर वह चल भी नहीं पा रही थी। (भाववाच्य में)
(घ) जिस आदमी ने पहले-पहल आग का आविष्कार किया होगा, वह कितना बड़ा आविष्कर्ता होगा। (कर्तृवाच्य में)
(क) कर्मवाच्य : कॉलेज वालों के द्वारा मई महीने में शीला अग्रवाल को नोटिस थमा दिया गया।
(ख) कर्तृवाच्य : देश भक्तों की शहादत को आज भी याद करते हैं।
(ग) भाववाच्य : खबर सुनकर उससे चला भी नहीं जा रहा था।
(घ) कर्तृवाच्य : जिस आदमी ने पहले-पहल आग का आविष्कार किया, वह कितना बड़ा आविष्कर्ता होगा।
रेखांकित पदों का पद-परिचय लिखिए। [1 × 4 = 4]
अपने गाँव की मिट्टी छूने के लिए मैं तरस गया
पद परिचय
गांव की – संज्ञा पद, सम्बन्ध कारक, जातिवाचक संज्ञा, एकवचन
मिट्टी- संज्ञा पद, जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, कर्मकारक
मैं- सर्वनाम, पुरुषवाचक, उत्तम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, वर्ताकारक
तरस गया— क्रिया पदबंध अकर्मकद्ध, भूतकाल, पुल्लिंग, एकवचन
(क) “रति’ किस रस का स्थायी भाव है? [1]
(ख) ‘करुण रस का स्थायी भाव क्या है? [1]
(ग) “हास्य रस का एक उदाहरण लिखिए। [1]
(घ) निम्नलिखित पंक्तियों में रस पहचान कर लिखिए : [1]
मैं सत्य कहता हूँ सखे! सुकुमार मत जानो मुझे,
यमराज से भी युद्ध को प्रस्तुत सदा मानो मुझे।
(क) रति-श्रृंगार रस
(ख) करुण रस का स्थायी भाव-शोक,
(ग) हास्य रस का स्थायी भाव-होस
(घ) उल्लेखित पंक्तियाँ–वीर रस
भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण है | वर्णों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं| जैसे स+ र+ ल= सरल यहां स , र और ल वर्ण है जिनसे सरल शब्द बना है| शब्दों का अपना एक अर्थ होता है यही शब्द जब वाक्यों में प्रयोग किए जाते हैं, तो लिंग, वचन, कारक इत्यादि व्याकरण के नियमों से बंद कर स्वतंत्र नहीं रह जाता और पद बन जाता है|
श्याम खाना खाया
यह तीनों स्वतंत्र शब्द है, जिनका अपना एक अलग अर्थ है| परंतु जब हम इन शब्दों का एक वाक्य में प्रयोग करेंगे तब यह शब्द पद बन जाएंगे| जैसे श्याम ने खाना खाया| इस वाक्य में ने कारक द्वारा यह शब्द आपस में जुड़कर पद बन गए हैं|
Q4निर्देशानुसार वाक्य रूपांतरण कीजिए— 1×3 = 3
(i) वह फल खरीदने बाज़ार गया। वहाँ से फल लेकर आ गया।
(संयुक्त वाक्य मे)
(ii) चाय पीने की यह एक विधि है। जापानी में उसे चा—नो—यू कहते हैं।
(मिश्र वाक्य में)
(iii) भारतीय सैनिक ऐसे हैं कि कोई उनकी बराबरी नहीं कर सकता।
(सरल वाक्य में)
(i)वह फल खरीदने बाज़ार गया और वहाँ से फल लेकर आ गया।
(ii) जो चाय पीने की यह एक विधि है, उसे जापानी में चा-नो-यू कहते हैं।
(iii) भारतीय सैनिकों की कोई बराबरी नहीं कर सकता है।
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Q5(क) निम्नलिखित शब्दों का विग्रह करते हुए समास का नाम लिखिए
(1+ 1 = 2)
(क) (i) नीलकमल
(ii) घुड़साल
(ख) निम्नलिखित शब्दों को समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए – (1 + 1 = 2)
(i)नया जो आभूषण
(ii) गगन में विचरण करने वाला
(क) (i) नीला है, जो कमल (कर्मधारय समास)
(ii) घोड़े के रहने का स्थान (तत्पुरुष समास)
(ख) (i) नया आभूषण (कर्मधारय समास)
(ii) नभचर (बहुव्रीहि समास)
Q6निम्नलिखित वाक्यों को शुद्द रुप में लिखिए- (1 × 4 = 4)
(i) सावित्री सत्यवान की पत्नी रहीं।
(ii) प्रधानाचार्य छात्र को बुलाए।
(iii) वह अनुत्तीर्ण होकर परीक्षा में फेल हो गया।
(iv) मोहन ने सोया।
(i)सावित्री सत्यवान की पत्नी थीं।
(ii) प्रधानाचार्य ने छात्र को बुलाया।
(iii) वह परीक्षा में फेल हो गया।
(iv) मोहन सोया है।
मुठभेड़ होना- चोर तथा पुलिस की मुठभेड़ हुई।
एक-एक शब्द को चाट जाना- मोहन का उत्तर देखकर लगता है मानो किताब का एक-एक शब्द चाट गया हो।
Q14निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर संकेत बिंदुओं क आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए— 5
(क) अपनी भाषा प्यारी भाषा
• अपनी भाषा का परिचय
• प्यारी क्यों है?
• अन्य भाषाओं से मेल
(ख) स्वच्छता अभियान
• क्या है
• क्यों और कैसे
• सुझाव
(ग) लड़कियों की शिक्षा
• समाज में लड़कियों का स्थान
• शिक्षा की अनिवार्यता और बाधाएँ
• सबकों सहयोग
(क) अपनी भाषा प्यारी भाषा
भाषा के द्वारा मनुष्य अपने विचारों को आदान-प्रदान करता है । अपनी बात को कहने के लिए और दूसरे की बात को समझने के लिए भाषा एक सशक्त साधन है ।
जब मनुष्य इस पृथ्वी पर आकर होश सम्भालता है तब उसके माता-पिता उसे अपनी भाषा में बोलना सिखाते हैं । इस तरह भाषा सिखाने का यह काम लगातार चलता रहता है । प्रत्येक राष्ट्र की अपनी अलग-अलग भाषाएं होती हैं । लेकिन उनका राज-कार्य जिस भाषा में होता है और जो जन सम्पर्क की भाषा होती है उसे ही राष्ट्र-भाषा का दर्जा प्राप्त होता है ।
हिन्दी एक भाषा है, इसकी लिपि देवनागरी है। 'हिन्दी' हिन्दुस्तान की पहचान है। वैसे भारत में असंख्य भाषाएँ बोली जाती हैं परन्तु हिन्दी इन सबमें विशिष्ट है। इस भाषा के माध्यम से पूरा भारत आपस में जुड़ा हुआ है। हिन्दी का जन्म ऐसे ही नहीं हुआ, यह विकास के विभिन्न चरणों से गुजरती हुई, इस शिखर पर आसीन हुई है। स्वतंत्रता के समय इसने देश को एकता के सूत्र में पिरो दिया। उसके हिन्दी जन-जन की भाषा बन गई। यह सभी भाषाओं का मेल है। इसमें हर भाषा के शब्द विद्यमान है। इसने उनके साथ ऐसा मेल किया कि वह उसके ही हो गए।
(ख) स्वच्छता अभियान
स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलायी गयी एक स्वच्छता मिशन है। यह अभियान 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की 145 वें जन्मदिन के अवसर पर भारत सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर शुरू किया गया था| यह राजघाट, नई दिल्ली जो की महात्मा गांधी का अंतिम संस्कार का स्थान है, में शुरू किया गया था। भारत सरकार २ अक्टूबर 2019 तक भारत को स्वच्छ भारत बनाने का उद्देश्य रखी है जो की महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती होगी|
यह एक राजनीति मुक्त अभियान है और देशभक्ति से प्रेरित है। यह प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक जिम्मेदारी है और इस देश को स्वच्छ देश बनाने के लिए हर भारतीय नागरिक की भागीदारी की आवश्यकता है| इस अभियान को सफल बनाने के लिए विश्व स्तर पर लोगों ने पहल की है। शिक्षक और स्कूल के छात्र इसमें पूर्ण उत्साह और उल्लास के साथ शामिल हो रहे है और 'स्वच्छ भारत अभियान' को सफल बनाने का प्रयास कर रहे है| इसके अंतर्गत, मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक और स्वच्छता पहल की शुरूआत की है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में चबाने वाले पान, गुटखा और अन्य तम्बाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
(ग) लड़कियों की शिक्षा
आज समय तेजी से बदल रहा है। पुरूषों के बराबर स्त्रियों की भी शिक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार द्वारा ऐसे अनेक योजनाएँ चलाए जा रहे हैं जिससे बालिकाओं के निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है। लोगों में जागरूकता फैलाने का काम स्वयंसेवी संस्थाएं कर रही हैं। आम चुनावों में महिलाओं को आरक्षण दिया जा रहा है। इन सब ने आज ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों का रूझान पढ़ाई की ओर कर दिया है। आज की लड़कियां घर और बाहर दोनों को संभाल रही हैं। सरकार द्वारा बालिका कल्याण हेतु अनेक योजनाएँ चलाए जा रहे हैं।
इन सब का परिणाम है कि दो दशक पूर्व और आज के बालिकाओं की स्थिति की तुलना करें तो हमें क्रांतिकारी परिवर्तन दिखाई पड़ेंगे । आज का समाज तेजी से बदल रहा है। आज महिलाओं को पुरूषों के समकक्ष माना जा रहा है। बालिका शिक्षा से आज देश प्रगति की ओर बढ़ रहा है। बाल विवाह, दहेज प्रथा, महिला उत्पीड़न जैसी घटनाओं में कमी और जागरूकता आयी है। महिलाओं को समाज के अभिन्न अंग के रूप में पूरे विश्व में स्वीकार किया जाने लगा है। अतः हम पूरे विश्व में कहीं भी चले जाएंगे ऐसे परिवर्तन दिख जाएंगे ।लड़कियों को पढ़ाना आज भी भारत में कई स्थानों पर बुरा माना जाता है। उन्हें लड़कों के बराबर स्थान नहीं दिया जाता है। लोगों का मानना है कि लड़के वंश को बढ़ाते हैं, लड़कियाँ नहीं। अतः यह धारण उनकी शिक्षा के रास्ते में सबसे बड़ी बाधक है। उनके विकास के लिए शिक्षा बहुत आवश्यक है। शिक्षा उनके भविष्य को नई दिशा दे सकती है और उन्हें स्वाबलंबी बनाती है। हमें चाहिए कि माता-पिता को इस दिशा में समझाएँ। इसके लिए सरकार, विद्यालय तथा समाज के सहयोग की आवश्यकता है।
(i) शब्द क्या है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
(ii) शब्द वाक्य में प्रयुक्त होने पर क्या कहलाता है?
(ii) शब्द वाक्य में प्रयुक्त होने पर पद कहलाता है।
निर्देशानुसार उत्तर दीजिएः
(i) वह पुस्तक लेने बाजार गया। (मिश्र वाक्य में बदलकर लिखिए)
(ii) तुमने जो घड़ी खरीदी, वह अच्छी थी। (सरल वाक्य में बदलिए)
(iii) वह वाचनालय जाकर समाचार पत्र पढ़ने लगा। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(i) वह बाज़ार गया क्योंकि उसे पुस्तक लेनी थी।
(ii) तुमने अच्छी घड़ी खरीदी है।
(iii) वह वाचनालय गया और समाचार पत्र पढ़ने लगा।
(क) निम्नलिखित का विग्रह करके समास का नाम लिखिएः
दहेज-प्रथा, महात्मा
(ख) निम्निलिखित का समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिएः
नया जो युवक, ध्यान में मग्न
(क) दहेज की प्रथा (तत्पुरुष समास)
महान है जो आत्मा (बहुव्रीहि समास)
(ख) नवयुवक (कर्मधारय समास)
ध्यानमग्न (तत्पुरुष समास)
निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिएः
(क) हम यहाँ सकुशलतापूर्वक हैं।
(ख) आज लगभग कोई एक दर्जन छात्र नहीं आए हैं।
(ग) कृपया आज का अवकाश देने की कृपा करें।
(घ) मोहन ने घर गया और सो गया।
(क) हम यहाँ कुशलतापूर्वक हैं।
(ख) आज लगभग एक दर्जन छात्र नहीं आए हैं।
(ग) कृपया आज का अवकाश दे दीजिए।
(घ) मोहन घर जाकर सो गया।
निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाएः
नाकों चने चबाना, बाल-बाल बचना।
झाँसी की रानी ने अंग्रेज़ों को नाकों चने चबवा दिए।
माताजी दुर्घटना में बाल-बाल बच गईं।
Q3शब्द किसे कहते हैं? उदाहरण देकर शब्द और पद को समझाए।
भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण है | वर्णों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं| जैसे स+ र+ ल= सरल यहां स, र और ल वर्ण है जिनसे सरल शब्द बना है| शब्दों का अपना एक अर्थ होता है यही शब्द जब वाक्यों में प्रयोग किए जाते हैं, तो लिंग, वचन, कारक इत्यादि व्याकरण के नियमों से बंद कर स्वतंत्र नहीं रह जाता और पद बन जाता है|
श्याम खाना खाया
यह तीनों स्वतंत्र शब्द है, जिनका अपना एक अलग अर्थ है| परंतु जब हम इन शब्दों का एक वाक्य में प्रयोग करेंगे तब यह शब्द पद बन जाएंगे| जैसे श्याम ने खाना खाया| इस वाक्य में ने कारक द्वारा यह शब्द आपस में जुड़कर पद बन गए हैं|
निर्देशानुसार उत्तर दीजिए –
(क) मैं ठीक समय पर पहुँच गया परंतु सुरेश नहीं आया। (रचना के आधार पर वाक्य–भेद लिखिए)
(ख) गरजते बादलों में बिजली कौंध रही है। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(ग) जो परिश्रम करता है उसकी पराजय नहीं होती। (सरल वाक्य में बदलिए)
(क) संयुक्त वाक्य
(ख) बादल गरज रहे हैं इसलिए बिजली कौंध रही है।
(ग) परिश्रम करने वालों की पराजय नहीं होती।
(क) निम्नलिखित का विग्रह करके समास का नाम लिखिए –
माता–पिता, महापुरुष।
(ख) निम्नलिखित का समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए –
बाढ़ से पीड़ित, नीला है जो गगन
(क) माता और पिता- द्वंद्व समास
महापुरुष- महान है जो पुरुष- कर्मधारय समास
(ख) बाढ़पीड़ित- तत्पुरुष समास , नीलगगन- कर्मधारय समास
निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए –
(क) गाय को मिलाकर सानी खिलाओ।
(ख) हमारे माताजी का आ व्रत है।
(ग) कृपया स्वीकृति देने की कृपा करें।
(घ) लड़का लोग घर चला गया।
(क) सानी मिलाकर गाय को खिलाओ
(ख) हमारी माताजी का आज व्रत है।
(ग) स्वीकृति देने की कृपा करें।
(घ) लड़के घर चले गए।
निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि अर्थ स्पष्ट हो जाए –
आँखों में धूल झोंकना, हक्का–बक्का रह जाना।
(क) चोरों ने बैंक कर्मचारियों कीआंखों में धूल जोझु करधन एकत्रित कर लिया।
(ख) राहुल के चित्र को देखकर सब लोग हक्के-बक्के रह गए।
(क) निम्नलिखित में रेखांकित पदबंधों के प्रकार लिखिएः
(i) ऋतुओं की विविधता भारतीयों को आनंदित करती है।
(ii) केवल पुस्तकों से सर्वांगीण और स्थायी ज्ञान प्राप्त नहीं होता।
(ख) विग्रहपूर्वक समास का नाम लिखिएः
हवनसामग्री
(ग) समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिएः
धूलि से धूसर
(क) (i) क्रिया-विशेषण पदबंध
(ii) विशेषण पदबंध
(ख) हवन के लिए सामग्री- तत्पुरुष समास
(ग) धूलि-धूसर- तत्पुरुष समास
(क) निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का परिचय दीजिएः
(i) खेतों में सरसों के पीले फूल लहलहाते हैं।
(ii) इस देश में विभिन्न भाषा-भाषी लोग रहते हैं।
(iii) राष्ट्रीय नेताओं का देश की स्वाधीनता में प्रमुख योगदान रहा।
(ख) संधि-विच्छेद कीजिएः
नियमानुसार
(क) (i) गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिंग।
(ii) जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग।
(iii) गुणवाचक विशेषण एकवचन, पुल्लिंग।
(ख) नियम+अनुसार
(क) निर्देशानुसार उत्तर दीजिएः
(i) जैसा उसका स्वभाव है, वैसा ही आचरण है। (वाक्य-भेद लिखिए)
(ii) श्रम करने से सफलता मिलती है। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
(iii) मधुमक्खियाँ दूर-दूर घूमकर मधु संचित करती हैं। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(ख) संधि कीजिएः
ग्राम + उद्योग
(क) (i) मिश्र वाक्य
(ii) जैसा श्रम करेंगे, वैसी सफलता मिलेगी।
(iii) मधुमक्खियाँ दूर-दूर घूमती हैं और मधु संचित करती हैं।
(क) निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिएः
(i) सुरेश को, योगेश को और मोहन को मैंने कल साथ-साथ देखा।
(ii) क्या आप देख लिए हैं।
(iii) तुम तुम्हारी पुस्तक पढ़ो।
(ख) संधि-विच्छेद कीजिएः
लोकोपकारक
(क) (i) सुरेश, योगेश और मोहन को मैंने कल साथ-साथ देखा।
(ii) क्या आपने देख लिया है?
(iii) तुम अपनी पुस्तक पढ़ो।
(ख) लोक + उपकारक
निम्नलिखित मुहावरों तथा लोकोक्ति का वाक्यों में प्रयोग इस प्रकार कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाएः
(i) सिर पर चढ़ना
(ii) सिर से पानी गुजरना
(iii) दूध का दूध पानी का पानी
(iv) बिल्ली के भागों छींका टूटा
(i) गोपाल को ज़्यादा ही सिर पर चढ़ा लिया है, बड़ा-छोटा नहीं देखता और कुछ भी बोल देता है।
(ii) राहुल को अब समझाना पड़ेगा सिर से पानी गुज़र चुका है।
(iii) पंचों ने पंचायत में दूध का दूध पानी का पानी कर दिया।
(iv) बिल्ली के भागों छींका टूटा, जो आज महात्मा के दर्शन हो गए।
'शब्द' किसे कहते हैं? उदाहरण देकर समझाए।
भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण है | वर्णों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं| जैसे स+ र+ ल= सरल यहां स , र और ल वर्ण है जिनसे सरल शब्द बना है| शब्दों का अपना एक अर्थ होता है यही शब्द जब वाक्यों में प्रयोग किए जाते हैं, तो लिंग, वचन, कारक इत्यादि व्याकरण के नियमों से बंद कर स्वतंत्र नहीं रह जाता और पद बन जाता है|
श्याम खाना खाया
यह तीनों स्वतंत्र शब्द है, जिनका अपना एक अलग अर्थ है| परंतु जब हम इन शब्दों का एक वाक्य में प्रयोग करेंगे तब यह शब्द पद बन जाएंगे| जैसे श्याम ने खाना खाया| इस वाक्य में ने कारक द्वारा यह शब्द आपस में जुड़कर पद बन गए हैं|
(क) रोज़ व्यायाम करने के कारण वह स्वस्थ रहता है।
(ख) जो परिश्रमी व्यक्ति होता है, वह कभी ख़ाली नहीं बैठता।
(ग) श्याम आज्ञाकारी है और माता-पिता की सेवा करता है।
(क) निम्नलिखित शब्दों का समास-विग्रह करते हुए समास का नाम लिखिए:
(क) (i) तीसरी है जो कसम (कर्मधारय समास)
(ii) दिन और रात (द्वंद्व समास)
(ख) (i) मुखचंद्र (कर्मधारय समास)
(ii) तिहारा (द्विगु समास)
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(क) आप उससे क्या कह रहे हैं?
(ख) हमारे घर में उसकी बात होती रहती है।
(ग) इस गलती की पुनरावृति नहीं होनी चाहिए।
(घ) बच्चे बहुत शोर कर रहे हैं।
बेराह चलना- सोहन अपना लक्ष्य बनाओ बेराह चलना उचित नहीं होता।
अंधे के हाथ बटेर लगना- मूर्ख कवि को इतनी जायदाद मिल गई यह तो अंधे के हाथ बटेर लगने जैसा है।
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