निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए [1 × 4 = 4]
(क) ‘करुण रस’ का एक उदाहरण लिखिए।
(ख) निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में निहित रस पहचान कर लिखिए
तंबूरा ले मंच पर बैठे प्रेमप्रताप,
साज मिले पंद्रह मिनट, घंटा भर आलाप।
घंटा भर आलाप, राग में मारा गोता,
धीरे-धीरे खिसक चुके थे सारे श्रोता।
(क) उत्साह’ किस रस का स्थायी भाव है?
(ख) ‘वात्सल्य रस का स्थायी क्या है?
(ग) ‘शृंगार रस के कौनसे दो भेद हैं।
करुण रस का उदाहरण—
‘उभरी नसों वाले हाथ
घिसे नाखूनों वाले हाथ
पीपल के पत्ते से नए-नए हाथ
जूही की डाल से खुशबूदार हाथ
गंदे कटे-पिटे हाथ
जख्म से फटे हुए हाथ
खुशबू रचते हैं हाथ।
(ख) हास्यरस
(ग) उत्साह ‘वीर रस’ का स्थायी भाव है।
(घ) वात्सल्य रस का स्थायी भाव वत्सल है।
(ङ) ‘ श्रृंगार रस’ के दो भेद संयोग श्रृंगार और वियोग श्रृंगार