क्षितिज भाग २ Chapter 9 मंगलेश डबराल - संगतकार
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    NCERT Solution For Class 10 Hindi क्षितिज भाग २

    मंगलेश डबराल - संगतकार Here is the CBSE Hindi Chapter 9 for Class 10 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 10 Hindi मंगलेश डबराल - संगतकार Chapter 9 NCERT Solutions for Class 10 Hindi मंगलेश डबराल - संगतकार Chapter 9 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 10 Hindi.

    Question 1
    CBSEENHN100018866

    निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर संक्षेप लिखिए [2 × 4 = 8]

    (क) संगतकार की मनुष्यता किसे कहा गया है। वह मनुष्यता कैसे बनाए रखता है?
    (ख) ‘अट नहीं रही है’ कविता के आधार पर वसंत ऋतु की शोभा का वर्णन कीजिए।
    (ग) परशुराम ने अपनी किन विशेषताओं के उल्लेख के द्वारा लक्ष्मण को डराने का प्रयास किया?
    (घ) आपकी दृष्टि में कन्या के साथ दान की बात करना कहाँ तक उचित है? तर्क दीजिए।
    (ङ) कवि ने शिशु की मुस्कान को दंतुरित मुस्कान क्यों कहा है? कवि के मन पर उस मुस्कान का क्या प्रभाव पड़ा?

    Solution

    (क) संगतकार की मनुष्यता अपने स्वर को अधिक न उठाने की कोशिश करना ही मनुष्यता’ है। अपने स्वर को अधिक ऊँचा न उठाना उसकी इंसानियत है। वह अपनी मनुष्यता बनाए रखने के लिए कभी भी मुख्य गायक को अकेलेपन का अहसास नहीं होने देता। वह अपने राग के माध्यम से मुख्य गायक को यह भी बता देता है कि पहले गाया गया राग फिर से भी गाया जा सकता है। वह गाते समय यह कोशिश करता है कि उसका स्वर मुख्य गायक के स्वर से किसी भी हालत में ऊँचा न उठ जाय।

    (ख) वसंत ऋतु ऋतुओं का राजा है। इस ऋतु में प्रकृति ही निराला सौन्दर्य है। इस ऋतु में उद्यान में रंग-बिरंगे पुष्प दिखाई देते हैं। इस समय खेतों में गेहूँ, सरसों की फसलें कटने को तैयार हो जाती है। पीली सरसों की शोभा देखते ही बनती है, इस ऋतु को होली का संदेशवाहक भी कहा जाता है क्योंकि बसंत ऋतु में ही रंगों का त्योहार होली मनायी जाती है। राग और रंग इसके प्रमुख अंग हैं। यह त्योहार वसंत पंचमी को आरम्भ हो जाता है। चारों ओर सौन्दर्य राशि बिखरी हुई प्रतीत होती है।

    (ग) परशुराम ने लक्ष्मण को डराते हुए सभा में बताया कि मैं बाल ब्रह्मचारी हूँ और अत्यंत क्रोधी स्वभाव का हूँ। मैं क्षत्रियों के कुल का संहारक हूँ। यह बात इस विश्व में सभी जानते थे कि मैंने अनेक बार सम्पूर्ण पृथ्वी को राजाओं से विहीन कर दिया है तथा पृथ्वी ब्राह्मणों को दान में दे दी है। मेरा फरसो बहुत भयानक है। इसी से मैंने सहस्रबाहु की भुजाओं को काटकर शरीर से अलग कर दिया था। इस फरसे की भयंकरता को देखकर गर्भवती स्त्रियों के बच्चे गर्भ में ही मर जाते हैं।

    (घ) जब कोई वस्तु दान कर दी जाती है, तो वह अपनी नहीं रहती। इस सन्दर्भ में वस्तुएँ दान की जाती हैं। और कन्या कोई वस्तु नहीं है। परन्तु यदि उसका दान कर भी दिया जाता है, तो उससे सम्बन्धविच्छेद नहीं होता वह फिर भी अपने माता-पिता की लाड़ली रहती है तथा समय-समय पर अपने मायके’ आती जाती रहती है। आज समाज में लड़का व लड़की को समान अधिकार प्राप्त है। इस प्रकार हमारी दृष्टि में कन्या के साथ दान शब्द का कोई औचित्य नहीं है। हर माता-पिता कन्या के सुंदर भविष्य की कामना करते हैं, इसलिए वे इसे इस काबिल बना देते हैं कि उसका अपना अस्तित्व हो ।

    (ङ) कवि ने शिशु की मुस्कान को दंतुरित मुस्कान इसलिए कहा है क्योंकि छोटे बच्चे के नए-नए दाँतों से झलकती लुभावनी मुस्कान मन मोह लेती है। बच्चे की दंतुरित मुस्कान का कवि के मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। बच्चे की मोहक मुस्कान कवि के हृदय को प्रसन्नता से भर देती है। उसे लगता है कि जैसे कमल तालाब को छोड़कर उसकी झोंपड़ी में आकर खिल गया हो। कवि का हृदय बच्चे की मुस्कान को देखकर आह्लादित हो जाता है।

    Question 2
    CBSEENHN10001954

    संगतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है?

    Solution
    संगतकार के माध्यम से कवि विवश या ज्ञान के इच्छुक व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है। वह या तो मुख्य गायक का छोटा भाई है या संगीत की शिक्षा प्राप्त करने का इच्छुक उसका कोई शिष्य या कोई दूर से पैदल आने वाला असहाय सगा-संबंधी, जिसके लिए गायन की कला सीखना विवशता है।
    Question 3
    CBSEENHN10001955

    संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा और किन-किन क्षेत्रों में दिखाई देते हैं?

    Solution
    संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा जीवन के हर क्षेत्र में दिखाई देते हैं। साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार आदि ठीक करने वाले कारीगरों के पास काम करने वाले लड़के संगतकार की ही तरह काम सीखते और करते हैं। लुहार, काष्ठकार, मूर्तिकार, रंग-रोगन करने वाले, चर्मकार, नल ठीक करने वाले और पत्थर का काम करने वाले इसी श्रेणी से संबंधित होते हैं जो अपने-अपने गुरु या उस्ताद से अभ्यास के द्वारा काम सीख लेते हैं।
    Question 4
    CBSEENHN10001956

    संगतकार किन-किन रूपों में मुख्य गायक-गायिकाओं की मदद करते हैं?

    Solution
    संगतकार मुख्य रूप से गायक-गायिकाओं के साथ सहगायक, सहगायिका के रूप में मदद करते हैं। वे तरह-तरह के वाद्‌य यंत्र बजाने में सहायक बनते हैं।
    Question 5
    CBSEENHN10001957

    भाव स्पष्ट कीजिए:
    और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
    या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
    उसे विफलता नहीं
    उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

    Solution
    कभी-कभी संगतकार मुख्य गायक का साथ देने के लिए गाता है। वह अस्पष्ट रूप से उसे यह बताना चाहता है कि जो राग पहले गाया जा चुका है उसे फिर से गाया जा सकता है पर उसकी आवाज में एक हिचक साफ सुनाई देती है। वह अपने स्वर को ऊँचा उठाने की कोशिश नहीं करता। इसे उसकी विफलता नहीं समझना चाहिए बल्कि उसकी मनुष्यता समझना चाहिए क्योंकि वह किसी भी अवस्था में मुख्य गायक के अहं को ठेस नहीं लगने देना चाहता। वह उसका शिष्य है। उसका बड़प्पन इसी बात मे है कि वह मुख्य गायक के मान-सम्मान की रक्षा करे। 
    Question 6
    CBSEENHN10001958

    किसी भी क्षेत्र में प्रसिद्वि पाने वाले लोगों को अनेक लोग तरह-तरह से अपना योगदान देते हैं। कोई एक उदाहरण देकर इस कथन पर अपने विचार लिखिए।

    Solution
    हर क्षेत्र में प्रसिद्वि पाने के लिए लोगों को अनेक लोगों की सहायता लेनी ही पड़ती है। हम सामाजिक प्राणी हैं और समाज में रहते हैं। इसलिए दूसरों की सहायता और उनके योगदान के बिना जीवन की राह में आगे नहीं बढ़ सकते। कल्पना चावला के नाम को आज हमारे देश में ही नहीं बल्कि सारे संसार में प्रसिद्वि प्राप्त हो चुकी है। उसकी प्रसिद्वि का आधार तो वह स्वयं ही है पर उसे उसके जीवन में अनेक लोगों ने योगदान दिया था। सबसे पहला योगदान तो उसके माता-पिता और भाई ने दिया। उसके हरियाणा के करनाल में स्थित स्कूल टैगोर बाल निकेतन और कॉलेज दगाल सिंह कॉलेज के शिक्षकों ने उसकी पढ़ाई में योगदान दिया। पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ ने उसकी शिक्षा में योगदान दिया। नासा ने उसे सफलता प्राप्ति के लिए भरपूर योगदान दिया न जाने कितने लोगों के योगदान को प्राप्त करके ही वह अपनी मंजिल तक थी। योगदान तो सभी को मिल जाता है पर आत्मिक बल और परिश्रम की सबसे अधिक आवश्यकता होती तभी प्रसिद्वि की प्राप्ति होती है।
    Question 7
    CBSEENHN10001959

    कभी-कभी तारसप्तक की ऊँचाई पर पहुँचकर मुख्य गायक का स्वर बिखरता नज़र आता है उस समय संगतकार उसे बिखरने से बचा लेता है। इस कथन के आलोक में संगतकार की विशेष भूमिका को स्पष्ट कीजिए। 

    Solution
    जब कभी तारसप्तक की ऊँचाई पर पहुँच कर मुख्य गायक का स्वर बिखरता नज़र आता है तब संगतकार उसके साथ स्वर मिलाकर उसे अहसास करा देता है कि वह अकेला नहीं है। वह पहले भी तारसप्तक की ऊँचाई पर कई बार पहुँचा था और अब फिर पहुँच सकता है। पहले गाया गया राग फिर गाया जा सकता है। संगतकार उसे सांत्वना देता है और उसके आत्मिक बल को बढ़ाने में सहायता देता है।
    Question 8
    CBSEENHN10001960

    सफलता के चरम शिखर पर पहुँचने के दौरान यदि व्यक्ति लड़खड़ाते हैं तब उसे सहयोगी किस तरह संभालते हैं?

    Solution
    सफलता के चरम शिखर पर पहुँचने के दौरान यदि व्यक्ति लड़खड़ाते हैं तब उसे उसके सहयोगी सांत्वना देते हैं। उसका हौसला बढ़ाते है। असफलता को भूलने की सलाह देते हैं। यदि आवश्यकता हो तो आर्थिक सहायता भी देते हैं।
    Question 9
    CBSEENHN10001961

    कल्पना कीजिए कि आपको किसी संगीत या नृत्य समारोह का कार्यक्रम प्रस्तुत करना है लेकिन आपके सहयोगी कलाकार किसी कारणवश नहीं पहुँच पाए-
    (क) ऐसे में अपनी स्थिति का वर्णन कीजिए।
    (ख) ऐसी परिस्थिति का आप कैसे सामना करेंगे?

    Solution

    (क) ऐसी स्थिति में मन में घबराहट उत्पन्न होगी। संगीत या नृत्य समारोह सहयोगी कलाकारों के बिना लगभग असंभव-सा है। वाद्‌य यंत्रों के बिना संगीत या नृत्य निथ्या है।

    (ख) ऐसी परिस्थिति में सहयोगी कलाकारों से शीघ्र संपर्क करके? उन्हें बुलाऊँगा। उनके न पहुँच पाने की स्थिति में नए सहयोगी कलाकारों को बुलाने का प्रयत्न करूंगा लेकिन नए सहयोगी कलाकारों को बुलाने पर भी कार्यक्रम पूरी तरह से सफल नहीं होगा क्योंकि उनके साथ पूर्व अभ्यास न होने के कारण संगीत और संगति में तालमेल बैठाना बहुत कठिन होगा। यह संभव है कि उस कार्यक्रम को स्थगित ही करना पड़े।

    Question 10
    CBSEENHN10001962

    आपके विद्यालय में मनाए जाने वाले सांस्कृतिक समारोह में मंच के पीछे काम करने वाले सहयोगियों की भूमिका पर एक अनुच्छेद लिखिए।

    Solution
    मेरे विद्यालय में मनाए जाने वाले किसी भी सांस्कृतिक समारोह में जितना महत्व मंच पर कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले कलाकारों और उद्‌घोषकों का होता है उतना या उससे भी अधिक महत्त्व मंच के पीछे काम करने वालों का होता है। जिस प्रकार नींव के बिना कोई भवन खड़ा नहीं हो सकता उसी प्रकार मंच के पीछे काम करने वाले सहयोगियों के बिना कोई सांस्कृतिक समारोह हो ही नहीं सकता। संगीत और नृत्य कार्यक्रमों में संगतकार मंच के पीछे से संगीत की प्रस्तुति कर कार्यक्रम को जीवंत बनाते हैं। प्रकाश की अनुकूल और प्रभावी व्यवस्था मंच के पीछे काम करने वाले ही करते हैं। वे ही मंच पर प्रकाश की उचित व्यवस्था से किसी कार्यक्रम में जान डाल देते हैं। मंच की साज-सज्जा का दर्शक के मन पर कार्यक्रम आरंभ होने से पहले ही जो स्थाई प्रभाव पड़ता है उसका सीधा संबंध कार्यक्रम की प्रस्तुति पर होता है। इसलिए मंच सज्जाकार का विशिष्ट महत्त्व है। ध्वनि व्यवस्था करने वाले इलैक्ट्रीशियन का महत्व तो असंदिग्ध रूप से महत्त्वपूर्ण है। बिना उचित ध्वनि के कार्यक्रम संभव ही नहीं। पावर कट की स्थिति में जैनरेटर चलाने वाले की उपयोगिता अपने आप ही दिखाई दे जाती है। किसी नृत्य-कार्यक्रम में मंच के पीछे से भूमिका बांधने वाले और गायन प्रस्तुत करने वाले सहयोगी की आवश्यकता तो सदा रहती ही है।
    Question 11
    CBSEENHN10001963

    किसी भी क्षेत्र में संगतकार की पंक्ति वाले लोग प्रतिभावान होते हुए भी मुख्य या शीर्ष स्थान पर क्यों नहीं पहुँच पाते होंगे?

    Solution
    यह दुनिया किसी फ्रेम में लगे चित्र का चमकीला और रंगीन दृश्य ही देख पाती है। उसका ध्यान कभी उसके पीछे सहारा देने वाले गले या लकड़ी के टुकड़े की ओर नहीं जाता। सभी को किसी ऊँचे-सुंदर भवन का सजा-संवरा रूप तो दिखाई देता है पर उसकी गहरी मिट्‌टी में दबी नींव दिखाई नहीं देती जिसके बिना भवन का अस्तित्व ही संभव नहीं था। मंच पर गाते और नृत्य करते कलाकार तो सभी को दिखाई देते हैं और इसलिए उनकी प्रतिभा की पहचान सभी को हो जाती है। लोग उनके लिए वाह-वाह करते हैं, तालियां बजाते हैं, उन्हें पुरस्कार देते हैं पर उनके कार्यक्रम तैयार करने वाले, उनके लिए गीत लिखने वाले, उनके संगतकार मंच के अंधेरे में ही छिपे रहते हैं। इसीलिए अति प्रतिभावान संगतकार भी लोगों की भीड़ के सामने न आ पाने के कारण मुख्य या शीर्ष स्थान पर नहीं पहुँच पाते।
    Question 12
    CBSEENHN10001964

    भारतीय इतिहास के परिप्रेक्ष्य में संगतकार का महत्त्व प्रतिपादित कीजिए।

    Solution
    भारतीय इतिहास में संगतकार का सदा से ही विशिष्ट योगदान रहा है। राजा- महाराजाओं के युग में सैनिकों की सहायता से युद्ध लड़े जाते थे। हार या जीत से कोई गुलाम बन जाता था तो कोई सम्राट् बन जाता था। सैनिकों को इतिहास में कोई जानता तक नहीं पर राजसत्ता में परिवर्तन का आधार तो वही बनते थे। कर वसूल करने वाले का नाम-पता तक ज्ञात होता पर शासक और उच्चाधिकारियों के नाम को ऊंचा उठा दिया जाता है या नीचे गिरा दिया जाता है। राजतंत्र का मुखिया स्वयं तो बहुत कम काम करते थे, काम तो उनके संगतकार ही करते थे पर नाम शासक का ही होता था।
    Question 13
    CBSEENHN10001965

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर उसकी सप्रसंग व्याख्या कीजिये:
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था
     

      

    Solution

    प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियां हमारी पाठ्‌य-पुस्तक क्षितिज भाग-2 में संकलित कविता ‘संगतकार’ से ली गई हैं जिसके रचयिता श्री मंगलेश डबराल हैं। कवि ने मुख्य गायक के साथ गाने वाले संगतकार की विशिष्टता का वर्णन करते हुए उसके महत्त्व को प्रतिपादित किया है।

    व्याख्या- कवि कहता है कि मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी-भरकम गाने के स्वर के साथ संगतकार की काँपती हुई-सी सुंदर और कमजोर आवाज मिल गई थी। शायद वह संगतकार गायक का छोटा भाई है या उसका कोई चेला है। हो सकता है कि वह कहीं दूर से पैदल चल कर संगीत की शिक्षा प्राप्त करने वाला गायक का अभावग्रस्त रिश्तेदार ही हो। वह संगतकार मुख्य गायक की ऊंची गंभीर आवाज में अपनी गूंज युगों से ही मिलाता आया है। अभावग्रस्त, जरूरतमंद और कमजोर सदा से ही निपुण और संपन्न की ऊँची आवाज में अपनी आवाज मिलाता ही आया है। मुख्य गायक जब स्वर को लंबा खींच कर अंतरे की जटिल तानों के जंगल में खो जाता है; संगीत के रस में डूब जाता है या संगीत के सुरों की अपनी सरगम की सीमा को पार कर ईश्वरीय आनंद की प्राप्ति में डूब जाता है और उसे अनहद का आनंददायक स्वर आलौकिक आनंद देने लगता है तब संगतकार ही गीत के स्थायी को संभाल कर अपने साथ रखता है। गीत को बिखरने से वही रोकता है। ऐसा लगता है जैसे वही मुख्य गायक के पीछे छूट गए सामान को इकट्‌ठा करता है। संगतकार ही उस मुख्य गायक को उसका बचपन याद दिलाता है, जब उसने संगीत को अभी नया-नया ही सीखना आरंभ किया था और उसने संगीत में निपुणता प्राप्त नहीं की थी।

    Question 14
    CBSEENHN10001966

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 
     अवतरण में निहित भाव को स्पष्ट कीजिए।

    Solution
    मुख्य गायक गाता है और अपनी कला का प्रदर्शन करता है पर संगतकार उसकी आवाज में केवल अपनी आवाज ही नहीं मिलाता बल्कि वह उसके स्वर और दिशा को संभालता भी है। उसे स्वरों से दूर भटकने से रोकता भी हे।
    Question 15
    CBSEENHN10001967

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 

    मुख्य गायक के साथ स्वर कौन साधता है?

    Solution
    मुख्य गायक के साथ संगतकार स्वर साधता है।
    Question 16
    CBSEENHN10001968

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 

    'संगतकार' का स्वर कैसा है?

    Solution
    संगतकार का स्वर कंपनशील और सुंदर है पर वह कमज़ोर है।
    Question 17
    CBSEENHN10001969

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 

    'संगतकार' मुख्य गायक का कौन हो सकता है?

    Solution
    संगतकार मुख्य गायक का छोटा भाई हो सकता है या उसका कोई शिष्य हो सकता है या दूर से पैदल चल कर आने वाला कोई रिश्तेदार हो सकता है।

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    Question 18
    CBSEENHN10001970

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 

    ‘पैदल चल कर’ किस भाव की ओर संकेत करता है?

    Solution
    ‘पैदल चल कर’ संगतकार की निर्धनता और साधनहीनता की ओर संकेत करता है।
    Question 19
    CBSEENHN10001971

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 
    ‘वह अपनी गूंज मिलाता आया है प्राचीन काल से’ में निहित गूढ़ार्थ को स्पष्ट कीजिए।

    Solution
    कवि ने लाक्षणिकता का प्रयोग करते हुए प्रकट किया है कि जैसे निपुण संगीतकार के ऊंचे और गंभीर स्वर में संगतकार अपना स्वर मिलाने को विवश होता है वैसे ही किसी साधन-संपन्न, समृद्ध और शक्तिशाली के स्वर में कोई अभावग्रस्त अपनी आवाज को मिलाने के लिए मजबूर होता है। उसके अपने स्वर का कोई औचित्य नहीं होता।
    Question 20
    CBSEENHN10001972

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 

    ‘अनहद’ क्या है?

    Solution
    ‘अनहद’ वह विशेष ध्वनि है जो संतों-भक्तों को ईश्वर-मिलन से पहले सुनाई देती है। वे उसके आनंद में डूब जाते हैं।
    Question 21
    CBSEENHN10001973

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 

    मुख्य गायक कहाँ खो गया था?


    Solution
    मुख्य गायक संगीत के आलौकिक आनंद की धारा में खो गया था।
    Question 22
    CBSEENHN10001974

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 

    संगतकार ने मुख्य गायक के किस रूप को याद दिलाया?

    Solution
    संगतकार ने मुख्य गायक के नौसिखिया रूप को याद दिलाया है जब वह सरगम से परे हो जाया करता था।
    Question 23
    CBSEENHN10001975

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 

    गायक के स्वर को संभालने में कौन सहायक बनता है?

    Solution
    कवि ने संगीतकार के साथ संगतकार के महत्व को प्रतिपादित किया है और माना है कि वही मुख्य गायक रचर को संभालने में सहायक सिद्ध होता है।
    Question 24
    CBSEENHN10001976

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 

    कवि ने किस बोली का प्रयोग किया है?

    Solution
    खड़ी बोली का प्रयोग है।
    Question 25
    CBSEENHN10001977

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 

    किस प्रकार की शब्द-योजना की गई है?

    Solution
    सामान्य बोलचाल के शब्दों की अधिकता है।
    Question 26
    CBSEENHN10001978

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 

    कथन को सरलता-सरसता किस शब्द शक्ति ने प्रदान की है?

    Solution
    अभिधा शब्द शक्ति ने कवि के कथन को सरलता और सरसता प्रदान की है।
    Question 27
    CBSEENHN10001979

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 

    काव्य-गुण कौन-सा है?

    Solution
    प्रसाद गुण विद्यमान है।
    Question 28
    CBSEENHN10001980

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 

    किस छंद का प्रयोग किया गया है?

    Solution
    अतुकांत छंद का प्रयोग है।
    Question 29
    CBSEENHN10001981

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 

    दो तद्‌भव काव्य चुन कर लिखिए।

    Solution
    छोटा, भाई
    Question 30
    CBSEENHN10001982

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 

    दो तत्सम शब्द चुन कर लिखिए।

    Solution
    प्राचीन, स्थायी
    Question 31
    CBSEENHN10001983

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 

    दो विशेषण चुन कर लिखिए।

    Solution
    कमजोर, भारी
    Question 32
    CBSEENHN10001984

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये ! 
    मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
    वह आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
    वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
    या उसका शिष्य
    या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
    मुख्य गायक की गरज़ में
    वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
    गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
    खो चुका होता है
    या अपने ही सरगम को लाँघकर
    चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
    तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
    जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
    जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
    जब वह नौसिखिया था 

    अलंकार चुन कर लिखिए।

    Solution

    अनुप्रास-कमजोर काँपती, दूर का कोई रिश्तेदार,
    गायक की गरज में, संमेटता हो.......... हुआ सामान।
    • उपमा - चट्टान जैसे भारी।
    • रूपक - जटिल तानों के जंगल।
    • उत्प्रेक्षा - जैसे समेटता हो.. हुआ सामान।
     - जैसे उसे याद बचपन।

    Question 33
    CBSEENHN10001985

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर उसकी सप्रसंग व्याख्या कीजिये:
    तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
    प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
    आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
    तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता
    कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
    कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
    यह बताने के लिए कि बह अकेला नहीं है
    और यह कि फिर से गाया जा सकता है
    गाया जा चुका राग
    और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
    या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
    उसे विफलता नहीं
    उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

    Solution

    प्रसंग - प्रस्तुत अवतरण हमारी पाठ्‌य-पुस्तक ‘क्षितिज भाग-2’ में संकलित कविता ‘संगतकार’ से अवतरित किया गया है जिसके रचयिता श्री मंगलेश डबराल हैं। कवि ने संगतकार के महत्त्व को प्रस्तुत किया है और माना है कि वह मुख्य गायक के गायन में सहायता ही नहीं देता बल्कि अपनी इंसानियत को भी प्रकट करता है।

    व्याख्या- कवि कहता है कि मुख्य गायक ऊँचे स्वर में गाता है और उसकी आवाज मध्य सप्तक से ऊपर उठकर तार सप्तक पर पहुँचती है तो ध्वनि की उच्चता के कारण उसका गला बैठने लगता है। उसकी प्रेरणा उसका साथ छोड़ने लगती है और उसका उत्साह मंद पड़ने लगता है। उसका स्वर बुझने-सा लगता है और उसे प्रतीत होने लगता है कि वह गायन ठीक प्रकार से नहीं कर पाएगा। वह हतोत्साहित-सा हो जाता है। उसमें जब निराशा का भाव भरने लगने लगता है तब संगतकार उसे सांत्वना देता है, उसका हौसला बढ़ाता है। इससे मुख्य गायक का स्वर स्वयं ही कहीं से आ जाता है। वह फिर से उद्य स्वर में गाने लगता है। उसकी निराशा समाप्त हो जाती है। कभी-कभी संगतकार वैसे ही मुख्य गायक का साथ दे देता है। वह मुख्य गायक को यह अहसास कराना चाहता है कि वह अकेला नहीं है। वह उसका साथ देने के लिए उसके साथ है। वह उसे गाकर यह भी बता देता है कि जिस राग को पहले गाया जा चुका है उसे फिर से गाया जा सकता है। पर उसकी आवाज में हिचक का भाव अवश्य छिपा रहता है। उसे यह अवश्य लगता है कि उस मुख्य गायक से संकेत मिले बिना नहीं गाना चाहिए था। ऐसा भी हो सकता है कि वह अपने स्वर को मुख्य गायक के स्वर से ऊँचा उठाने की कोशिश नहीं करना चाहता था। संगतकार के द्वारा अपने स्वर को ऊंचा न उठाने की कोशिश उसकी असफलता नहीं मानी जानी चाहिए, बल्कि इसे तो उसकी इंसानियत समझना चाहिए। वह मनुष्यता के भावों को सामने रखकर और सोच विचार कर अपने संगीत-गुरु की आवाज से अपनी आवाज को ऊंचा नहीं उठाना चाहता। उसमें श्रद्‌धा का भाव है, जो सराहनीय है।

     
    Question 34
    CBSEENHN10001986

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
    प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
    आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
    तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता
    कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
    कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
    यह बताने के लिए कि बह अकेला नहीं है
    और यह कि फिर से गाया जा सकता है
    गाया जा चुका राग
    और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
    या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
    उसे विफलता नहीं
    उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

    अवतरण में निहित भाव स्पष्ट कीजिए।

    Solution
    कवि ने संगतकार की विशेषता और उसके श्रेष्ठ गुणों को प्रकट करते हुए माना है कि वह मुख्य गायक को गाने में सहायता ही नहीं देता बल्कि उसे प्रेरणा भी देता है। उसके साहस को बढ़ाता है और स्वयं को उससे नीचे ही दिखाने का प्रयत्न करता है। प्रयत्न 
    Question 35
    CBSEENHN10001987

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
    प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
    आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
    तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता
    कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
    कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
    यह बताने के लिए कि बह अकेला नहीं है
    और यह कि फिर से गाया जा सकता है
    गाया जा चुका राग
    और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
    या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
    उसे विफलता नहीं
    उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

     तार सप्तक क्या है?

    Solution
    संगीत के सात शुद्ध स्वर हैं। ध्वनि की ऊंचाई और निचाई के आधार पर संगीत के तीन सप्तक माने गए हैं-मध्यसप्तक, तारसप्तक और मंद्र सप्तक। जब ध्वनि मध्यसप्तक से ऊपर होती है तो उसे तारसप्तक कहते है।
    Question 36
    CBSEENHN10001988

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
    प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
    आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
    तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता
    कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
    कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
    यह बताने के लिए कि बह अकेला नहीं है
    और यह कि फिर से गाया जा सकता है
    गाया जा चुका राग
    और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
    या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
    उसे विफलता नहीं
    उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

    ‘बैठने लगता है उसका गला’ से क्या तात्पर्य है?

    Solution
    ऊँचे स्वर मेंगाने से जब गला ठीक प्रकार से स्वरलहरी स्के प्रकट नहीं कर पाता तो उसे गला बैठने लगा’ कहते हैं।
    Question 37
    CBSEENHN10001989

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
    प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
    आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
    तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता
    कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
    कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
    यह बताने के लिए कि बह अकेला नहीं है
    और यह कि फिर से गाया जा सकता है
    गाया जा चुका राग
    और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
    या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
    उसे विफलता नहीं
    उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

    ‘आवाज से राख जैसा कुछ गिरता हुआ’-अर्थ स्पष्ट कीजिए।

    Solution
    ‘आवाज से राख जैसा कुछ गिरता हुआ’ से तात्पर्य है-बुझता हुआ स्वर। जब गायक के स्वर में उत्साह की कमी हो जाती है।
    Question 38
    CBSEENHN10001990
    Question 39
    CBSEENHN10001991

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
    प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
    आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
    तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता
    कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
    कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
    यह बताने के लिए कि बह अकेला नहीं है
    और यह कि फिर से गाया जा सकता है
    गाया जा चुका राग
    और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
    या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
    उसे विफलता नहीं
    उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

    मुख्य गायक का साथ कभी-कभी कौन देता है और क्यों?

    Solution
    मुख्य गायक का साथ कभी-कभी संगतकार देता है ताकि उसे ऐसा न लगे कि वह अकेला है। वह उसे अहसास कराना चाहता है कि वह उसके साथ है।

    Sponsor Area

    Question 40
    CBSEENHN10001992

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
    प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
    आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
    तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता
    कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
    कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
    यह बताने के लिए कि बह अकेला नहीं है
    और यह कि फिर से गाया जा सकता है
    गाया जा चुका राग
    और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
    या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
    उसे विफलता नहीं
    उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

    संगतकार की आवाज में हिचक क्यों सुनाई देती है?

    Solution
    संगतकार की आवाज में हिचक सुनाई देती है क्योंकि वह मुख्य गायक का मान-सम्मान करते हुए अपने स्वर को उससे ऊंचा नहीं उठाना चाहता।
    Question 41
    CBSEENHN10001993

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
    प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
    आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
    तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता
    कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
    कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
    यह बताने के लिए कि बह अकेला नहीं है
    और यह कि फिर से गाया जा सकता है
    गाया जा चुका राग
    और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
    या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
    उसे विफलता नहीं
    उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

    संगतकार ने अपने स्वर को ऊँचा उठाने की कोशिश क्यों नहीं की?

    Solution
    संगतकार ने अपने स्वर को जान-बूझकर ऊँचा उठाने की कोशिश नहीं की। वह मुख्य गायक के प्रति आदर-भाव और मनुष्यता के नाते ऐसा नहीं करना चाहता था।
    Question 42
    CBSEENHN10001994

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
    प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
    आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
    तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता
    कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
    कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
    यह बताने के लिए कि बह अकेला नहीं है
    और यह कि फिर से गाया जा सकता है
    गाया जा चुका राग
    और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
    या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
    उसे विफलता नहीं
    उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

    अवतरण का भाव स्पष्ट कीजिए।

    Solution
    कवि ने संगतकार की निपुणता और श्रेष्ठ मानसिकता की ओर संकेत किया है जो मुख्य गायक का सहायक बन कर भी उसके प्रति श्रद्‌धा के भाव अपने मन में रखता है
    Question 47
    CBSEENHN10001999

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
    प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
    आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
    तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता
    कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
    कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
    यह बताने के लिए कि बह अकेला नहीं है
    और यह कि फिर से गाया जा सकता है
    गाया जा चुका राग
    और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
    या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
    उसे विफलता नहीं
    उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

    किस प्रकार के शब्दों की अधिकता है?

    Solution
    सामान्य बोलचाल के शब्दों का प्रयोग किया गया है।
    Question 48
    CBSEENHN10002000

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
    प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
    आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
    तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता
    कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
    कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
    यह बताने के लिए कि बह अकेला नहीं है
    और यह कि फिर से गाया जा सकता है
    गाया जा चुका राग
    और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
    या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
    उसे विफलता नहीं
    उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

    किस शब्द शक्ति ने कथन को सरलता-सरसता प्रदान की है? 

    Solution
    अभिधा शब्द शक्ति का प्रयोग कवि के कथन को सरलता-सरसता प्रदान करने का आधार बना है।
    Question 51
    CBSEENHN10002003
    Question 52
    CBSEENHN10002004

    निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
    प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
    आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
    तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता
    कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
    कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
    यह बताने के लिए कि बह अकेला नहीं है
    और यह कि फिर से गाया जा सकता है
    गाया जा चुका राग
    और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
    या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
    उसे विफलता नहीं
    उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

    प्रयुक्त अलंकार चुनिए।

    Solution

    • उपमा - आवाज से राख जैसा कुछ
    • पुनरुक्ति प्रकाश - कभी--कभी
    • संदेह - या अपने स्वर को ऊँचा न उठाये।

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