Vitan Bhag Ii Chapter 4 डायरी के पन्ने
  • Sponsor Area

    NCERT Solution For Class 12 Hindi Vitan Bhag Ii

    डायरी के पन्ने Here is the CBSE Hindi Chapter 4 for Class 12 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 12 Hindi डायरी के पन्ने Chapter 4 NCERT Solutions for Class 12 Hindi डायरी के पन्ने Chapter 4 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 12 Hindi.

    Question 1
    CBSEENHN12026812

    “यह साठ लाख लोगों की तरफ से बोलने वाली एक आवाज़ है।” एक ऐसी आवाज, जो किसी संत या कवि की नहीं, बल्कि एक साधारण लड़की की है।” इल्या इहरनबुर्ग की इस टिप्पणी के संदर्भ में ऐन फ्रैंक की डायरी के पठित अंशों पर विचार कीजिए।

    Solution

    द्वितीय विश्वयुद्ध के समय जर्मनी में हिटलर का शासन था। हिटलर की नस्लवादी नीति का सबसे अधिक प्रभाव यहूदी समुदाय ने झेला था। आधुनिक इतिहास का यह काला अध्याय है। ऐन फ्रैंक भी एक यहूदी परिवार की लड़की थी। वह एक साधारण लड़की ही थी। वह अन्य यहूदियों की ही तरह अपना जीवन बचाने के लिए अपने परिवार के साथ दो वर्ष से भी अधिक समय तक गुप्त आवास में रही। इस समय को वह अपने संवेदनशील एवं मानवीय सोच के साथ स्थितियों और उसके प्रभाव को अभिव्यक्त करती है।

    ऐन फ्रैंक की डायरी में भय, आतंक, भूख, प्यास, मानवीय सवेदना, प्रेम, घृणा, बढ़ती उम्र की आशाये, हवाई हमले के डर ,पकड़े जाने का लगातार डर, तेरह साल की उस से जुड़े सपने, किशोर मन की कल्पनायें, बाहरी दुनिया से अलग-थलग पड़ जाने का दर्द, प्रकृति के प्रति संवेदना, मानसिक और शारीरिक जरूरतें, हँसी-मजाक, युद्ध की पीडा़ अकेलेपन का वर्णन है। यहूदियों के खिलाफ हुए अमानवीय दमन का मार्मिक इतिहास जानने और महसूस करने के लिए ऐन की डायरी सबसे महत्वपूर्ण है l इस डायरी में कल्पना का अंश नाममात्र का हो सकता है।

    फिर भी उसकी अभिव्यक्ति सामूहिक अभिव्यक्ति का स्तर प्राप्त कर लेती है। ऐन की डायरी एक भोगे हुए यथार्थ की उपज है। इस तरह साधारण लड़की द्वारा रचित होने के बाद भी यह साठ लाख यहूदी लोगों की आवाज बन जाती है। इल्या इहरनबुर्ग की टिप्पणी हर तरह से सही सिद्ध होती है।

    Question 2
    CBSEENHN12026813

    “काश, कोई तो होता, जो मेरी भावनाओं को गंभीरता से समझ पाता। अफ़सोस, ऐसा व्यक्ति मुझे अब तक नहीं मिला........।” क्या आपको लगता है कि ऐन के इस कथन में उसके डायरी लेखन का कारण छिपा है?

    Solution

    ऐन एक साधारण लड़की थी। वह अपनी पढ़ाई सामान्य रूप से करती रही होगी। उसके डायरी के अंशों से यह संकेत मिलता है कि उसका परिवार पढ़ाई के प्रति सजग रहा होगा क्योंकि गुप्त आवास में भी वह ‘स्टडी’ की बात करती है। अब हम ऐन के डायरी लिखने के कारण को जानने का प्रयास करें। ऐन एक जगह कहती है कि “मेरे दिमाग में हर समय इच्छाएँ, विचार आशय तथा डाँट-फटकार ही चक्कर खाते रहते हैं। मैं सचमुच उतनी घमंडी नहीं हूँ जितना लोग मुझे समझते हैं। मैं किसी और की तुलना में अपनी नई कमजोरियों और खामियों को बेहतर तरीके से जानती हूँ।” ऐन की यह सोच एक दो दिन में विकसित नहीं हुई थी। परिवार एवं अन्य लोग के बीच उसकी यह छवि गुप्त आवास में जाने से पहले ही बनी थी। यही कारण है कि वह गुप्त आवास में जाने की तैयारी में सबसे पहले अपनी डायरी समेटती है। ऐन ने अपनी डायरी में सम्बोधन के लिए अपनी गुड़िया किट्टी को चुना है, परिवार या बाहर के किसी व्यक्ति को नहीं। इस तरह वह स्वयं से ही बातें करती है। अगर कोई दूसरा उसकी भावनाओं और विचारों को जानने वाला होता तो शायद उसे डायरी लिखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। डायरी पढ़ते हुए हम पाते हैं कि ऐन के पास हर पहलू और घटना के बारे में अपनी एक सोच है। चाहे वह मिस्टर डसेल का व्यक्तित्व हो या समाज में स्त्रियों की स्थिति से जुड़े हुए प्रश्न, इन सब पर वह बहुत सही ढंग से अपने विचार व्यक्त करती है। स्पष्ट है कि उसके इस कथन में ही डायरी लिखने का कारण निहित है।

    Question 3
    CBSEENHN12026815

    'प्रकृति-प्रदत्त प्रजनन-शक्ति के उपयोग का अधिकार बच्चे पैदा करें या न करें अथवा कितने बच्चे पैदा करें-इसकी स्वतंत्रता स्त्री से छीन कर हमारी विश्व-व्यवस्था ने न सिर्फ स्त्री को व्यक्तित्व विकास के अनेक अवसरों से वंचित किया है बल्कि जनांधिक्य की समस्या भी पैदा की है'। ऐन की डायरी के 13 जून, 1944 के अंश में व्यक्त विचारों के संदर्भ में इस कथन का औचित्य ढूँढे।

    Solution

    ऐन के विचार-ऐन समाज में स्त्रियों की स्थिति को बहुत अन्याय कहती है। वह उसके कारण जानना चाहती है। वह मानती है कि शारीरिक अक्षमता को बहाना बनाकर पुरुषों ने स्त्रियों को घर में बाँधकर रखा है। इस स्थिति को स्त्रियाँ अब तक सहती आ रही थीं। ऐन इसे बेवकूफी कहती है। वह स्पष्ट कहती है कि आधुनिक समाज में स्थिति बदली है और औरतों ने चेतनाशील होकर हर क्षेत्र में कदम बढ़ाया है। औरतों और कुछ पुरुषों ने इस गलत स्थिति का विरोध किया है। वह स्त्रियों की स्वतंत्रता के साथ उनका सम्मान भी चाहती है। समाज के निर्माण में सभी स्त्रियों का योगदान महत्वपूर्ण मानती है। वह एक पुस्तक ‘मौत के खिलाफ मनुष्य’ के हवाले से स्पष्ट करती है कि प्रसवपीड़ा दुनिया की सबसे बड़ी तकलीफ है। इस तकलीफ को भी झेलकर स्त्री मनुष्य जाति को जीवित रखे हुए है। उसकी इच्छा है कि स्त्रियों के विरोधी और असम्मान देने वाले मूल्यों और मनुष्यों की निन्दा की जाये। वह स्त्री जीवन के अनुभव को अतुलनीय बताती है। उसके भीतर आगामी भविष्य को लेकर आशा एवं सपने हैं कि अगली सदी में स्थिति बदलेगी। बच्चे पैदा करने वाली स्थिति बदलकर औरतों को ज्यादा सम्मान एवं सराहना प्राप्त होगी। ऐन के ये विचार बहुत सामाजिक एवं प्रभावी चिन्तन का गुण लिये हुए हैं।

    भारत की वर्तमान स्थिति-भारतीय समाज की स्थिति बहुत मिली-जुली है। स्त्रियों के बारे में सामाजिक सोच की भी स्थिति यही है । औरतों को ज्यादा सम्मान और सराहना मिलने के जिस सपने को देखा था वह स्थिति आज भी बहुत कम भारतीय महिलाओं को नसीब है। भारतीय समाज महिलाओं को घर की चारदीवारी में बाँधकर ही रखना चाहता है। यह स्थिति मध्यवर्गीय परिवारों में बहुत प्रभावी है। स्त्रियों को अपना स्थान एवं महत्त्व प्राप्त करने के लिए बहुत अधिक बलिदान देना पड़ता है। कुछ घरों में महिलाओं को उनके ही परिवार में पर्याप्त भोजन नहीं मिल पाता है। परिवार में उनकी स्थिति दोयम दर्जें की होती है। शिक्षा के क्षेत्र में यह भेदभाव प्रभावी है। परिवार मे लड़कों की पढ़ाई महत्वपूर्ण मानी जाती है।

    ऐन ने तो एक किताब के हवाले से स्त्रियों की पीड़ा को सैनिकों की तकलीफ और पीड़ा से भी बड़ा बताया है। यहाँ तक तुलना की बात कौन करे। हजारों महिलायें प्रति वर्ष केवल प्रसव पीड़ा से मर जाती हैं। उनके लिए किसी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है। कन्याभ्रूण हत्या का कटु सच भारतीय समाज को हजारों साल पीछे ढकेल रहा है। अगर हम यह कहें कि यह सच अमानवीयता का नया चेहरा है तो गलत नहीं होगा।

    अपवादों का छोड़कर भारतीय समाज में स्त्रियों की स्थिति अभी वही बनी हुई है जिसके बारे में ऐन ने उल्लेख किया है।

    Question 4
    CBSEENHN12026816

    “ऐन की डायरी अगर एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज़ है, तो साथ ही उसके निजी सुख-दुःख और भावनात्मक उथल-पुथल का भी। इन पृष्ठों में दोनों का फर्क मिट गया है।” इस कथन पर विचार करते हुए अपनी सहमति या असहमति तर्कपूर्वक व्यक्त करें।

    Solution

    ऐन यहूदी परिवार की होने के कारण हिटलर की नस्लवादी नीति से प्रभावित हुई थी। उसको अपने परिवार के साथ दो वर्ष तक एक गुप्त आवास में छुपे रहना पड़ा था। जब वह गुप्त आवास के लिए गई तो उस समय उसकी आयु तेरह साल ही थी। तेरह साल की उम्र में जीवन के घनघोर संकट का सामना, अपने आप में जिजीविषा का प्रमाण है। ऐन की संवेदना का विकास छुपने से पहले ही हो चुका था। उसके भीतर अपने व्यक्तित्व की पहचान आदि को लेकर उथल-पुथल पहले से चलती रही थी। वह व्यक्तिगत जीवन पारिवारिक जीवन और सामाजिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने का प्रयास करती है। गुप्त आवास में रहने की स्थिति का निर्माण, हिटलर के कारण ऐतिहासिक हो जाता है। यदि उस समय हिटलर नस्लवाद का नंगा नाच नहीं करता तो लोगो का जीवन इतना कठिन नहीं होता। ऐन को उस अनुभव से नहीं गुजरना पड़ता ऐन ने अपने जीवन के जिन दो वर्षो को गुप्त रहकर बिताया, वह दोनों वर्ष उसके ही थे, लेकिन इन दो वर्षो के जीवन पर सामयिक इतिहास का भी असर था। ऐन ने इस जटिल स्थिति को गहराई से महसूस किया था। शायद इसीलिए वह डायरी में अपनी व्यक्तिगत जीवन की मानसिक उथल-पुथल के साथ युद्ध और राजनीति से जुड़ी बातें भी व्यक्त करती है। उसके विचार एक पीड़ित के विचार हैं। इस तरह दोनों का अंतर मिट जाता है।

    Question 5
    CBSEENHN12026817

    ऐन ने अपनी डायरी ‘किट्टी’ (एक निर्जीव गुड़िया) को संबोधित चिट्ठी की शक्ल में लिखने की जरूरत क्यों महसूस की होगी?

    Solution

    ऐन की डायरी पढ़ने से हमें पता चलता है कि वह संवेदनशील एवं अंतर्मुखी लड़की थी। वह एक जगह कहती हैं कि “मैं सचमुच उतनी घमंडी नहीं हूँ जितना लोग मुझे समझते हैं।” इसी प्रकार वह यह भी कहती है कि, “काश, कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गंभीरता से समझ पाता। अफसोस, ऐसा व्यक्ति अब तक नहीं मिला है इसीलिए तलाश जारी रहेगी।”
    स्पष्ट है कि ऐन की बातों को समझने की क्षमता न तो उसके परिवार के किसी सदस्य में थी और न ही साथ रहने वाले दूसरे लोगों में। वह कहती भी है कि “किसी और की तुलना में वह अपनी कई कमजोरियों और खामियों को बेहतर तरीके से जानती है।” स्पष्ट है कि वह खुद को औरों से बेहतर समझती है। अपनी डायरी में अपनी गुड़िया को वह पत्र लिखती है गुड़िया को पत्र लिखते हुए अपरोक्ष रूप से वह खुद से ही बातें करती है। वह जानती है कि जिन बातों को वह लिख रही है, शायद उन्हें दूसरे व्यक्ति ठीक ढंग से न समझ पायें। इसीलिए उसे अपनी गुड़िया को सम्बोधित करते हुए पत्र लिखना पड़ा।

    Question 6
    CBSEENHN12026819

    ऐन के साथ कौन-कौन से लोग छुपे हुए थे?

    Solution

    ऐन के साथ कुल आठ लोग छिपे थे। इनमें ऐन के माता-पिता और उसकी बहन मार्गोट, सहित वान दान दंपत्ति और उनका सोलह साल का बेटा पीटर था। आठवाँ व्यक्ति मिस्टर डसले थे। ये आठों लोग दो बरस से ज्यादा समय तक छुपे रहे थे।

    Question 7
    CBSEENHN12026820

    ऐन ने अपने थैले में कौन-कौन से अजीबोगरीब चीजें भरीं और क्यों?

    Solution

    ऐन ने सबसे पहले अपने बैग में एक डायरी हंसी। उसके बाद उसने कर्लर रुमाल, स्कूली किताबें, एक कंघी और कुछ पुरानी चिट्ठियाँ थैले में डालीं। इस तरह की अजीबोगरीब चीजें रखने का कारण अज्ञातवास जाने के विचार को बताता है। वह इस विचार से बुरी तरह आतंकित थी। इसके बाद भी उसे अपने इस काम पर किसी तरह का अफसोस नहीं होता है। वह स्मृतियों को अपने लिए अपने पोशाक से ज्यादा महत्वपूर्ण मानती है।

    Question 8
    CBSEENHN12026821

    ऐन अधिक से अधिक कपड़े ले जाने के लिए क्या करती है, और क्यों?

    Solution

    ऐन सहित उसके परिवार के सभी लोग कठिन परिस्थिति में थे। वे छुपने के लिए अपने घर से दूसरी जगह जाते हैं। वहाँ कब तक रहना होगा इस बारे में वे खुद नहीं जानते हैं। सूटकेस में कपड़े रखकर बाहर जाना एक यहूदी के लिए संभव नहीं था। इसीलिए ऐन ने दो बनियान तीन पैंट एक ड्रेस और उसके ऊपर एक स्कर्ट एक जैकेट एक बरसाती दो जोड़ी स्टाकिंग्स, भारी जूते एक केप, एक स्कार्फ और इन सबके अलावा और भी बहुत कुछ ओढ़-पहन रखा था। इस तरह वे अधिक-से-अधिक कपड़े ले जाना चाहते थे।

    Question 9
    CBSEENHN12026822

    ऐन के मम्मी और पापा ने अज्ञातवास में जाने की तैयारी कब और कैसे शुरू की थी?

    Solution

    ऐन का परिवार जब घर से निकलकर गली में आ गया, तब उसके पापा और मम्मी ने उन्हें बताया कि उन्होंने इस अज्ञातवास की तैयारी पहले से करनी शुरू कर दी थी। वे पिछले कई महीनों से थोड़ा-थोड़ा करके जितना भी हो सका फर्नीचर और कपड़े लत्ते, फ्लैट से बाहर पहुँचाते रहे। उन्होंने तो 16 जुलाई को ही अज्ञातवास में चले जाने का निर्णय किया था। ए. एस. एस. कें लिए मार्गोट के लिए बुलावा आ जाने के कारण दस दिन पहले निकलना पड़ा था।

    Question 10
    CBSEENHN12026823

    ऐन को बुधवार तक अपनी जिंदगी में आये बड़े परिवर्तन के बारे में सोचने का अवसर क्यों नहीं मिला?

    Solution

    ऐन का परिवार उसके पिता के ऑफिस में हुए कुछ कमरों में आ गया था। आने से पहले वहाँ किसी तरह की साफ-सफाई या व्यवस्था नहीं हो पायी थी। बैठक और दूसरे कमरों में सारा सामान बिखरा पड़ा था। रात को ढंग से सोने के लिए साफ-सफाई एवं सामानों को व्यवस्थित करने का कार्य करना आवश्यक था। ऐन की माँ और बहन बुरी तरह थक गयी थीं। ऐन और उसके पिता ने मिलकर दो दिनों तक सफाई एवं सामान व्यवस्थित करने का कार्य किया। इस तरह दोनों, दो दिनों तक काम में ही जुटे रहे और ऐन को अपनी जिदंगी में आये बड़े परिवर्तन के बारे में सोचने की फुर्सत नहीं मिली थी।

    Question 11
    CBSEENHN12026824

    19 मार्च, 1941 वाले पन्ने पर ऐन ने हिटलर और एक सैनिक की बातचीत को प्रस्तुत किया है। इस बातचीत से आप जर्मनी के सैनिकों के बारे में क्या अनुमान करते हैं?

    Solution

    19 मार्च 1943 को ऐन रेडियो पर सुनी गई इस बातचीत को करुणाजनक मानती है। ऐन कहती है कि गोली से घायल सैनिक अपने घावों को दिखाते हुए गर्व महसूस कर रहे थे। जिसके ऊपर जितने घाव थे, उसको उतना ही अधिक गर्व था। ऐन का अनुमान है कि उनमें से एक हिटलर से मिलने से इतना उत्साहित है कि वह कुछ बोल नहीं पाता है। इस वर्णन से हमें पता चलता है कि हिटलर का अपने सैनिकों पर कितना प्रभाव था। सैनिकों में उन्माद की स्थिति थी। यह उन्माद ही हर तरह की कारुणिक स्थिति को निर्मित कर रहा था। ऐन का उल्लेख इसी ओर संकेत करता है।

    Question 12
    CBSEENHN12026826

    अज्ञातवास में रहते हुए भी ऐन फिल्मों के प्रति अपनी रुचि एवं जानकारी कैसे बनाये रखती है?

    Solution

    रविवार के दिन ऐन अपने प्रिय फिल्मी कलाकारों की तस्वीरें अलग करती है और उन्हें देखती थी। उसका संग्रह अच्छा हो चुका था। उसके शुभचिंतक मिस्टर कुगलर, सोमवार के दिन उसके सिनेमा एंड थियेटर पत्रिका की प्रति ले आते थे। घर के बाकी लोग इसे पैसे की बर्बादी मानते थे। इसका फायदा यह हुआ कि ऐन को साल भर के बाद भी सभी फिल्मी कलाकारों के नाम सही-सही याद थे। उसके पिता के अफिस में काम करने वाली फिल्म देखने जाती तो वह उन फिल्मों के बारे में भी बता देती थी। उसकी इस रुचि से सभी अचंभित रहते थे।

    Question 13
    CBSEENHN12026828

    ऐन अपनी सहायता करने वाले लोगों के बारे में क्या विचार व्यक्त करती है?

    Solution

    ऐन अपनी सहायता करने वाले लोगों की विशेषतायें गिनाती है। वह बताती है कि ये लोग अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की मदद करते हैं। मदद करने वालों को उम्मीद है कि वे इन सबको किनारे पहुँचा सकेंगे यानि सुरक्षित बनाये रख सकेंगे। ऐन इसका कारण भी स्पष्ट करती है। वह कहती है कि ऐसा करना उनकी मजबूरी है। उसकी सहायता के बारे में पता चल जाने पर उनकी भी दशा वही होती, जो ऐन के परिवार की हो रही थी। इसके बाद भी वे लोग उनको मुसीबत नहीं मानते हैं। वे रोजाना आकर, सबसे ढेर सारी बातें करते थे। वे हमेशा उन लोगों को खुश रखने की कोशिश करते हैं। जन्मदिनों और दूसरे मौकों पर सबके लिए उपहार लाते थे। ऐन कहती है कि उसके मददगार रोजा़ना अपनी बेहतरीन भावनाओं और प्यार से उनका दिल जीत रहे हैं।

    Question 14
    CBSEENHN12026829

    ऐन ने अन्तर्राष्ट्रीय राजनीतिक संबंधों के बारे में भी टिप्पणी की है। सिद्ध कीजिए।

    Solution

    ऐन ने अपनी डायरी में कई स्थानों पर तत्कालीन राजनीति पर टिप्पणी की है। मंगलवार 15 जून, 1944 वाले पन्ने पर उसने एक दिन पहले चर्चिल, स्मट्स, आइजनटावर तथा आर्नोल्ड द्वारा किये गये फ्रांसीसी गाँवों के दौरे का जिक्र किया है। इसी के तुरंत बाद वह हालैंड के लोगों के राजनीतिक विचारों का विश्लेषण भी करती है। इस तरह वह इस संबंध में भी टिप्पणी करती है।

    Question 15
    CBSEENHN12026830

    डच मंत्री की किस घोषणा से ऐन रोमांचित हो उठी?

    Solution

    डच मंत्री मिस्टर बोल्के स्टीन ने घोषणा की थी कि युद्ध के बाद युद्ध से संबंधित डायरियों और पत्रों का सग्रह किया जाएगा। इस घोषणा को सुनकर ऐन बहुत रोमांचित हुई थी। वह सोचने लगी यदि ऐसा हो गया तो उसके लिए बहुत दिलचस्प होगा। वह अपने वर्णन को ऐसा शीर्षक देगी जिससे लोग इसे एक जासूसी कहानी समझेंगे।

    Question 16
    CBSEENHN12026831

    डचों की नैतिकता पर ऐन की टिप्पणी बताइए।

    Solution

    ऐन ने लिखा है कि डच नैतिक नहीं हैं। उनकी नैतिकता बेहद खराब है। एक हफ्ते का राशन दो दिन भी नहीं चल पाता। वे पुरुषों को जबर्दस्ती जर्मनी भेज रहे हैं। बच्चे बीमार हैं तथा भूखे हैं, परंतु उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं देता। जूतों की कमी के कारण कालाबाजारी शुरु हो गई है। ब्लैक मार्किट में जूते का तला 7.50 गिल्डर में मिल रहा है। इस मुसीबत की घड़ी का डच लोग नाजायज फायदा उठा रहे हैं।

    Question 17
    CBSEENHN12026832

    अज्ञातवास के दिनों का वर्णन ऐन ने कैसे किया है?

    Solution

    ऐन ने अपने अज्ञातवास के दिनों का करुणाजनक वर्णन किया है। वह बताती है कि वे लोग छोटी-छोटी बातों पर सहम जाते थे। उनके पास डरने या चिल्लाने के अलावा कोई चारा नहीं था। वे केवल सोचते रहते थे कि क्या होगा? उनके मन में एक खौफ बना रहता था कि कहीं वे सभी पकड़े तो नहीं जाएँगे। उन्हें अपनी गिरफ्तारी का हर क्षण भय लगा रहता था। इस भय के कारण उनका जीवन असहज हो गया था।

    Sponsor Area

    Question 18
    CBSEENHN12026834

    इस पाठ में किस डायरी का उल्लेख है?

    Solution

    इस पाठ में उस डायरी का उल्लेख है जो 1942-44 के दौरान लिखी गई। यह 1947 में डच भाषा में प्रकाशित हुई। इसके बाद यह 1952 में ‘द डायरी ऑफ ए यंग गर्ल’ शीर्षक से प्रकाशित हुई। युद्ध के चलते इतिहास बनते बदलते और बिगड़ते हैं पर युद्ध का दंश कई पीढ़ियों को झेलना पड़ता है जैसे जापान।

    Question 19
    CBSEENHN12026835

    ऐन के साथ कौन-कौन से लोग छुपे हुए थे?

    Solution

    ऐन के साथ कुल आठ लोग छिपे थे। इनमें ऐन के माता-पिता और उसकी बहन मार्गोट सहित वान दान दंपत्ति और उनका सोलह साल का बेटा पीटर था। आठवाँ व्यक्ति मिस्टर डसले थे। ये आठों लोग दो वर्ष से ज्यादा समय तक छुपे रहे थे।

    Question 20
    CBSEENHN12026836

    ऐन ने अपने थैले में कौन-कौन से अजीबोगरीब चीजें भरीं और क्यों?

    Solution

    ऐन ने सबसे पहले अपने बैग में एक डायरी ठूँसी। उसके बाद उसने कर्लर रुमाल, स्कूली किताबें, एक कंघी और कुछ पुरानी चिट्ठियाँ थैले में डालीं। इस तरह की अजीबोगरीब चीजें रखने का कारण अज्ञातवास जाने के विचार को बताता है। वह इस विचार से बुरी तरह आतंकित थी। इसके बाद भी उसे अपने इस काम पर किसी तरह का अफसोस नहीं होता है। वह स्मृतियों को अपने लिए अपने पोशाक से ज्यादा महत्त्वपूर्ण मानती है।

    Question 21
    CBSEENHN12026837

    ऐन अधिक से अधिक कपड़े ले जाने के लिए क्या करती है और क्यों?

    Solution

    ऐन सहित उसके परिवार के सभी लोग कठिन परिस्थिति में थे। वे छुपने के लिए अपने घर से दूसरी जगह जाते हैं। वहाँ कब तक रहना होगा इस बारे में वे खुद नहीं जानते हैं। सूटकेस में कपड़े रखकर बाहर जाना एक यहूदी के लिए संभव नहीं था। इसीलिए ऐन ने दो बनियान तीन पैंट, एक ड्रेस और उसके ऊपर एक स्कर्ट, एक जैकेट एक बरसाती दो जोड़ी स्टाकिग्स, भारी जूते, एक केप, एक स्कार्फ और इन सबके अलावा और भी बहुत कुछ ओढ़-पहन रखा था। इस तरह वे अधिक-से- अधिक कपड़े ले जाना चाहते थे।

    Question 22
    CBSEENHN12026838

    ऐन के मम्मी और पापा ने अज्ञातवास में जाने की तैयारी कब और कैसे शुरू की थी?

    Solution

    ऐन का परिवार जब घर से निकलकर गली में आ गया, तब उसके पापा और मम्मी ने उन्हें बताया कि उन्होंने इस अज्ञातवास की तैयारी पहले से करनी शुरू कर दी थी। वे पिछले कई महीनों से थोड़ा- थोड़ा करके जितना भी हो सका, फर्नीचर और कपड़े लत्ते फ्लैट से बाहर पहुँचाते रहे। उन्होंने तो 16 जुलाई को ही अज्ञातवास में चले जाने का निर्णय किया था। ए. एम. एस. के लिए मार्गोट के लिए बुलावा आ जाने के कारण दस दिन पहले निकलना पड़ा था।

    Question 23
    CBSEENHN12026839

    ऐन को बुधवार तक अपनी जिंदगी में आये बड़े परिवर्तन के बारे में सोचने का अवसर क्यों नहीं मिला?

    Solution

    ऐन का परिवार उसके पिता के आफिस में हुए कुछ कमरों में आ गया था। आने से पहले वहाँ किसी तरह की साफ-सफाई या व्यवस्था नहीं हो पायी थी। बैठक और दूसरे कमरों में सारा सामान बिखरा पड़ा था। रात को ढंग से सोने के लिए साफ-सफाई एवं सामानों को व्यवस्थित करने का कार्य करना आवश्यक था। एन की माँ और बहन बुरी तरह थक गयी थीं। ऐन और उसके पिता ने मिलकर दो दिनों तक सफाई एवं सामान व्यवस्थित करने का कार्य किया। इस तरह दोनों दो दिनों तक काम में ही जुटे रहे और ऐन को अपनी जिदंगी में आये बड़े परिवर्तन के बारे में साचने की फुर्सत नहीं मिली थी।

    Question 24
    CBSEENHN12026841

    ‘डायरी के पन्ने’ पाठ के आधार पर बताइए कि अब महिलाओं की स्थिति में क्यों बदलाव आ रहे हैं?

    Solution

    अब महिलाओं की स्थिति में इसलिए अनेक बदलाव आ रहे हैं क्योंकि:
    शिक्षा, काम और प्रगति ने औरतों की आँखें खोली हैं।
    उन्हें पुरुषों की बराबरी का हक दिया रजा रहा है।
    वे पूरी तरह स्वतंत्र आत्मनिर्भर बन रही हैं।
    वे ज्यादा सम्मान और सराहना की हकदार हैं।

    Question 25
    CBSEENHN12026842

    ऐन के अनुसार युद्ध घायल सैनिक गर्व का अनुभव क्यों कर रहे थे?

    Solution

    ऐन के अनुसार घायल सैनिक- अपने जख्मों को दिखाते हुए गर्व महसूस कर रहे थे। जिसके जितने ज्यादा घाव थे उसे उतना ही ज्यादा गर्व था। उन्होंने देश की रक्षा के लिए जो गोलियाँ खाई थीं या फिर बर्फ पर चलते-चलते अपने पाँव गँवा दिए थे। वे अपने त्याग को लेकर गर्व का अनुभव कर रहे थे।

    Question 26
    CBSEENHN12026843

    ऐन के परिवार को अज्ञातवास में जाने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा?

    Solution

    ऐन के पिता हालैंड में रहते थे। वहाँ पर जर्मन शासक हिटलर का प्रभाव स्थापित हो गया था। हालैंड में रहने वाले यहूदी परिवारों को भी हिटलर की नस्लवादी जहर का प्रभाव झेलना पड़ा। हजारों यहूदी नाजी यातना शिविरों में बन्द कर दिये गये थे। ऐन का परिवार भी यहूदी धर्म का अनुयायी था। कुछ समय तक इस परिवार का जीवन सामान्य ढंग से चलता रहा। एक दिन ऐन को अपनी बड़ी बहन मार्गोट से पता चलता है कि उसके पापा को ए. एस. एस. से बुलाए जाने का नोटिस मिला है। यह बुलावा यातना का बुलावा होता था। ऐन को बाद में पता चलता है कि यह बुलावा उसके पापा के लिए नहीं था बल्कि वह बुलावा तो उसकी सोलह वर्ष की बहन मागोट के लिए ही था। ऐन के लिए यह बड़ा सदमा था। उसका परिवार इस घटना की गंभीरता को समझता था इसीलिए वे तुरन्त छिप जाना चाहते थे। इस तरह उन्हें अज्ञातवास में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

    Question 27
    CBSEENHN12026844

    ऐन फ्रेंक कौन थी? उसकी डायरी क्यों प्रसिद्ध है?

    Solution

    ऐन फ्रेंक एक यहूदी परिवार की लड़की थी। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान उसने अन्य यहूदी परिवारों की तरह हिटलर की यातनाओं का सामना किया। ऐन ने गुप्त आवास में बिताए दिनों की स्थिति को डायरी में शब्दबद्ध किया। यह डायरी नाजी अत्याचारों की कहानी को बताने वाला जीवंत दस्तावेज है। यह डायरी डच भाषा में लिखी गई तथा अंग्रेजी में ‘द डायरी ऑफ यंग गर्ल’ के नाम से छपी। इसे दुनिया के करोड़ों लोगों ने पढ़ा।

    Question 28
    CBSEENHN12026845

    ऐन फ्रैंक कौन थी? उसकी डायरी क्यों प्रसिद्ध है?

    Solution

    ऐन फ्रैंक हालैंड के एक यहूदी परिवार की तेरह वर्षीय बालिका थी। उसके यहूदी परिवार को गुप्त आवास में दो वर्ष छिपकर बिताने पड़े थे। इस दौरान ऐन को अकल्पनीय यातनाएँ सहनी पड़ी। यहीं रहकर ऐन ने अपने अनुभवों को डायरी के रूप में लिखा।

    यह डायरी बहुत प्रसिद्ध हुई। इस डायरी में ऐन का व्यक्तिगत जीवन ही नहीं, अपितु साठ लाख यहूदियों पर ढाए जुल्मों की जीवंत कहानी है। उसकी डायरी साठ लाख लोगों की तरफ से बोलने वाली आवाज है। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हिटलर ने यहूदियों को जिस तरह भूमिगत जीवन जीने के लिए विवश किया, उसी का सजीव एवं मार्मिक चित्रण इस डायरी में हुआ है। उस दौरान युद्ध की भयावहता से लोग काँप-काँप उठते थे। इस डायरी में उन्हीं साठ लाख लोगों की पीड़ा को अभिव्यक्ति मिली है। इस विवरण को सारे विश्व के लोग जानना चाहते थे। यही कारण है कि ऐन की डायरी बहुत प्रसिद्ध हो गई।

    Question 29
    CBSEENHN12026847

    ऐन के परिवार को अज्ञातवास में जाने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा?

    Solution

    पेन के पिता हालैंड में रहते थे। वहाँ पर जर्मन शासक हिटलर का प्रभाव स्थापित हो गया था। हालैंड में रहने वाले यहूदी परिवारों को भी हिटलर की नस्लवादी जहर का प्रभाव झेलना पड़ा। हजारों यहूदी नाजी यातना शिविरों में बन्द कर दिये गये थे। ऐन का परिवार भी यहूदी धर्म का अनुयायी था। कुछ समय तक इस परिवार का जीवन सामान्य ढंग से चलता रहा। एक दिन ऐन को अपनी बड़ी बहन मार्गोट से पता चलता है कि उसके पापा को ए. एस. एस. से बुलाए जाने का नोटिस मिला है। यह बुलावा यातना का बुलावा होता था। ऐन को बाद में पता चलता है कि यह बुलावा उसके पापा के लिए नहीं था बल्कि वह बुलावा तो उसकी सोलह वर्ष की बहन मार्गोट के लिए ही था। ऐन के लिए यह बड़ा सदमा था। उसका परिवार इस घटना की गंभीरता को समझता था इसीलिए वे तुरन्त छिप जाना चाहते थे। इस तरह उन्हें अज्ञातवास में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

    Question 30
    CBSEENHN12026848

    ऐन हालैंड की तत्कालीन दशा के बारे में क्या बताती है?

    Solution

    ऐन ने हालैंड की खराब होती व्यवस्था और दशा के बारे में विस्तार से बताया है। वह बताती है कि वहाँ लोगों को सब्जियाँ और सभी प्रकार के सामानों के लिए लाइनों में खड़े होना पड़ता था। डॉक्टर अपने मरीजों को देख नहीं पाते थे क्योंकि नजर हटते ही कार और मोटर साइकिलें चोरी हो जाती हैं। चोरी के डर से डच लोगों ने अँगूठी तक पहनना छोड़ दिया था। छोटे-छोटे बच्चे तक घरों में घुसकर चोरी करा रहे थे। लोग पाँच मिनट के लिए भी अपना घर नहीं छोड़ते थे, क्योंकि इतनी देर में ही चोरी की घटना हो जाती थी। ऐन बताती है कि वहाँ के अखबारों में चोरी का सामान लौटाये जाने का विज्ञापन हर दिन पढ़ने को मिलता है। गली-गली में लगने वाली बिजली की घड़ियों को लोग उतारकर ले गए थे। इसी प्रकार सार्वजनिक टेलीफोन की भी चोरी हो जाती थी। चारों तरफ कामचोरी का वातावरण फैला था। पुरुषों को जर्मनी भेजा जा रहा था। सरकारी कर्मचारियों पर हमलों की घटना बढ़ती जा रही थी। इस तरह कुल मिलाकर हालैंड की तत्कालीन दशा बहुत ही खराब थी।

    Question 31
    CBSEENHN12026850

    ऐन ने अपनी डायरी ‘किट्टी’ (एक निर्जीव गुड़िया) को संबोधित चिट्ठी की शक्ल में लिखने की जरूरत क्यों महसूस की होगी?

    Solution

    ऐन की डायरी पढ़ने से हमें पता चलता है कि वह संवेदनशील एवं अंतर्मुखी लड़की थी। वह एक जगह कहती है कि “मैं सचमुच उतनी घमंडी नहीं हूँ जितना लोग मुझे समझते हैं।” इसी प्रकार वह यह भी कहती है कि “काश, कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गंभीरता से समझ पाता। अफसोस, ऐसा व्यक्ति अब तक नहीं मिला है इसलिए तलाश जारी रहेगी।” स्पष्ट है कि ऐन की बातों को समझने की क्षमता न तो उसके परिवार के किसी सदस्य में थी और न ही साथ रहने वाले’ दूसरे लोगों में। वह कहती भी है कि “किसी और की तुलना में वह अपनी कई कमजोरियों और खामियों को बेहतर तरीके से जानती है।” स्पष्ट है कि वह खुद को औरों से बेहतर समझती है। अपनी डायरी में अपनी गुड़िया को वह पत्र लिखती है। गुड़िया को पत्र लिखते हुए अपरोक्ष रूप से वह खुद से ही बातें करती है। वह जानती है कि जिन बातों को वह लिख रही है, शायद उन्हें दूसरे व्यक्ति ठीक ढंग से न समझ पायें। इसीलिए उसे अपनी गुड़िया को सम्बोधित करते हुए पत्र लिखना पड़ा।

    Question 32
    CBSEENHN12026851

    दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान शहरों का जीवन कैसा था?

    Solution

    ऐन फ्रैंक ने शहरों के माहौल के बारे में बताया है। वह बताती है कि युद्ध का फायदा डचों ने उठाया है। जो लोग साइकिलें या कारें खड़ी करके बाजार में खरीददारी करते थे, उनकी गाड़ियाँ चुरा ली जाती थीं। चोरी की घटनाओं में बढ़ोतरी के कारण लोगों ने अँगूठी पहनना तक छोड़ दिया। छोटी आयु के बच्चे भी खिड़की तोड़कर घर में रखे सामान को उठा ले जाते थे। थोड़े समय के लिए घर नहीं छोड़ सकते थे क्योंकि इतनी देर में उनका सारा घर लूट लिया जाता था। चोरी के सामान के बारे में विज्ञापन छपते थे कि जो यह सामान लौटाएगा उसे इनाम मिलेगा। गलियों और नुक्कड़ों पर लगी बिजली से चलने वाली घड़ियाँ तक लोग उतार ले जाते थे।

    Question 33
    CBSEENHN12026852

    ऐन ने यह डायरी क्यों लिखी?

    Solution

    ऐन यहूदी थी। वह चाहती थी कि लोग नाजियों के अत्याचारों के बारे में विस्तार से जानें। कही या सुनी बातों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। स्थायी प्रभाव लिखित बातों का पड़ता है। इसलिए उसने उन सब अनुभूतियों तथा घटनाओं को लिखने का मन बनाया जो उसके साथ घटी थीं।

    वह लिखती है कि मैं सच बता रही हूँ कि युद्ध के दस साल बाद लोग इससे कितना चकित होंगे जब उन्हें पता चलेगा कि यहूदियों को अज्ञातवास क्यों जाना पड़ा? उन पर किस तरह के कितने जुल्म हुए?

    Question 34
    CBSEENHN12026853

    ‘डायरी के पन्ने’ पाठ के आधार पर ऐन के व्यक्तित्व की तीन विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

    Solution

    ‘डायरी के पन्ने’ पाठ के आधार पर ऐन के व्यक्तित्व की तीन विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

    (i) चिंतन मननशील स्वभाव: ऐन सोचती- विचारती है। यद्यपि उसकी आयु बहुत कम है फिर भी वह अपने सामने उपस्थित परिस्थितियों पर काफी सतर्क दृष्टि रखती है।

    (ii) बौद्धिक रूप से सक्रिय: ऐन नाजियों के यातना-शिविर में रहकर भी बौद्धिक रूप से सक्रिय बनी रही। तभी वह अपने अनुभवों को डायरी के रूप में लिखने में सफल हो पाई है।

    (iii) स्तियों को शिक्षा एवं उनके विकास की पक्षधर: पहले की स्त्रियाँ बेवकूफ थीं क्योंकि वे पुरुष की कमाई पर आश्रित रहती थीं। यदि महिलाएँ शिक्षित होंगी तो उन्हें पूरा सम्मान मिल सकेगा। शहीदों का तो सम्मान किया जाता है पर औरतों को सैनिक जैसा सम्मान नहीं मिलता।

    Question 35
    CBSEENHN12026855

    ऐन ने अपनी डायरी में किट्टी को क्या-क्या जानकारी दी है? ‘डायरी के पन्ने’ पाठ के आधार पर बताइए।

    Solution

    ऐन ने अपनी डायरी में निम्नलिखित जानकारियाँ दी है:

    (i) रविवार को दोपहर घटी घटना की: लगभग तीन बजे दरवाजे की घंटी बजी। मार्गेट गुस्से में थी क्योंकि पापा को ए एस. एस. से बुलाए जाने का नोटिस मिला था। हर कोई इस बुलावे का मतलब जानता था। उस दोपहर हमने अपनी जरूरी चीजें एक थैले में ठूँस लीं।

    (ii) इमारत की जानकारी: ऐन ने किट्टी को पापा के अफिस की इमारत की जानकारी दी। इसमें तल मंजिल पर बन। बड़ा-सा गोदाम है जो काम करने की जगह और भंडार घर के रूप में इस्तेमाल होता है। गोदाम से सटा एक बाहर का दरवाजा है जो आफिस का प्रवेश द्वार है। दूसरे दरवाजे के पीछे सीढ़ियाँ हैं। इसके पीछे गुप्त एनेक्सी है।

    (iii) अपने पंद्रहवें जन्म दिन की: 13 जनू, 1944 को ऐन का पंद्रहवाँ जन्मदिन था। उसे काफी उपहार मिले। इनमें पुस्तकें, दो बेल्टें, एक रूमाल, दही के दो कटोरे, जैम की शीशी शहद वाले बिस्कुट प्रमुख थे।

    Question 36
    CBSEENHN12026856

    “काश कोई ऐसा होता जो मेरी भावनाओं को गंभीरता से समझ पाता। अफसोस, ऐसा व्यक्ति मुझे अब तक नहीं मिला।”- क्या ऐन के इस कथन में उसके डायरी लिखने का कारण छिपा है? कारण सहित स्पष्ट कीजिए।

    Solution

    ऐन एक साधारण लड़की थी। वह अपनी पढ़ाई सामान्य रूप से करती रही होगी। उसके डायरी के अंशों से यह संकेत मिलता है कि उसका परिवार पढ़ाई के प्रति सजग रहा होगा क्योंकि गुप्त अवास में भी वह ‘स्टडी’ की बात करती है। अब हम ऐन के डायरी लिखने के कारण को जानने का प्रयास करें। ऐन एक जगह कहती है कि “मेरे दिमाग में हर समय इच्छाएँ, विचार तथा डाँट-फटकार ही चक्कर खाते रहते हैं। मैं सचमुच उतनी घमंडी नहीं हूँ जितना लोग मुझे समझते हैं। मैं किसी और की तुलना में अपनी नई कमजोरियों और खामियों को बेहतर तरीके से जानती हूँ।” ऐन की यह सोच एक दो दिन में विकसित नहीं हुई थी। परिवार एवं अन्य लोगों के बीच उसकी यह छवि गुप्त आवास में जाने से पहले ही बनी थी। यही कारण है कि वह गुप्त आवास में जाने की तैयारी में सबसे पहले अपनी डायरी समेटती है। ऐन ने अपनी डायरी में संबोधन के लिए अपनी गुड़िया किट्टी को चुनाई, परिवार या बाहर के किसी व्यक्ति को नहीं। इस तरह वह स्वयं से ही बातें करती है। अगर कोई दूसरा उसकी भावनाओं और विचारों को जानने वाला होता तो शायद उसे डायरी लिखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। डायरी पढ़ते हुए हम पाते हैं कि ऐन के पास हर पहलू और घटना के बारे में अपनी एक सोच है। चाहे वह मिस्टर डसेल का व्यक्तित्व हो या समाज में स्त्रियों की स्थिति से जुड़े हुए प्रश्न इन सब पर वह बहुत सही ढंग से अपने विचार व्यक्त करती है। स्पष्ट है कि उसके इस कथन में ही डायरी लिखने का कारण निहित है।

    Question 37
    CBSEENHN12026858

    ‘डायरी के पन्ने’ के आधार पर औरतों की शिक्षा और उनके मानवाधिकारों के बारे में ऐन के विचारों को अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

    Solution

    ऐन के विचार: ऐन समाज मे स्त्रियों की स्थिति को बहुत अन्याय कहती है। वह उसके कारण जानना चाहती है। वह मानती है कि शारीरिक अक्षमता को बहाना बनाकर पुरुषों ने स्त्रियों को घर में बाँधकर रखा है। इस स्थिति को स्त्रियाँ अब तक सहती आ रही थीं। ऐन इसे बेवकूफी कहती है। वह स्पष्ट कहती है कि आधुनिक समाज में स्थिति बदली है और औरतों ने चेतनाशील होकर हर क्षेत्र में कदम बढ़ाया है। औरतों और कुछ पुरुषों ने इस गलत स्थिति का विरोध किया है। वह स्त्रियों की स्वतंत्रता के साथ उनका सम्मान भी चाहती है। समाज के निर्माण में सभी स्त्रियों का योगदान महत्वपूर्ण मानती है। वह एक पुस्तक ‘मौत के खिलाफ मनुष्य’ के हवाले से स्पष्ट करती है कि प्रसवपीड़ा दुनिया की सबसे बड़ी तकलीफ है। इस तकलीफ को भी झेलकर स्त्री मनुष्य जाति को जीवित रखे हुए है। उसकी इच्छा है कि स्त्रियों के विरोध और असम्मान देने वाले मूल्यों और मनुष्यों की निंदा की जाए। वह स्त्री जीवन के अनुभव को अतुलनीय बताती है। उसके भीतर आगामी भविष्य को लेकर आशा एवं सपने हैं कि अगली सदी में स्थिति बदलेगी। बच्चे पैदा करने वाली स्थिति बदलकर औरतों को ज्यादा सम्मान एवं सराहना प्राप्त होगी। ऐन के ये विचार बहुत सामाजिक एवं प्रभावी चिन्तन का गुण लिए हुए हैं।

    ऐन मानवाधिकारों के बारे में भी अपनी आवाज उठाती है। उसने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान घटी घोर अमानवीय स्थितियों का कुशलतापूर्वक चित्रण किया है। तब हिटलर की यातनाओं ने यहूदियों का जीवन दूभर बना दिया था।

    Question 38
    CBSEENHN12026859

    ऐन फ्रैंक ने अपनी डायरी ‘किट्टी’ को संबोधित चिट्ठी के रूप में क्यों लिखी होगी?

    Solution

    ऐन की डायरी पढ़ने से हमें पता चलता है कि वह संवेदनशील एवं अंतर्मुखी लड़की थी। वह एक जगह कहती है कि “मैं सचमुच उतनी घमंडी नहीं हूँ जितना लोग मुझे समझते हैं।” इसी प्रकार वह यह भी कहती है कि “काश, कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गंभीरता से समझ पाता। अफसोस, ऐसा व्यक्ति अब तक नहीं मिला है इसलिए तलाश जारी रहेगी।” स्पष्ट है कि ऐन की बातों को समझने की क्षमता न तो उसके परिवार के किसी सदस्य में थी और न ही साथ रहने वाले दूसरे लोगों में। वह कहती भी है कि “किसी और की तुलना में वह अपनी कई कमजोरियों और खामियों को बेहतर तरीके से जानती है।” स्पष्ट है कि वह खुद को औरों से बेहतर समझती है। अपनी डायरी में अपनी गुड़िया को वह पत्र लिखती है। गुड़िया को पत्र लिखते हुए अपरोक्ष रूप से वह खुद से ही बातें करती है। वह जानती है कि जिन बातों को वह लिख रही है, शायद उन्हें दूसरे व्यक्ति ठीक ढंग से न समझ पायें। इसीलिए उसे अपनी गुड़िया को संबोधित करते हुए पत्र लिखना पड़ा।

    Question 39
    CBSEENHN12026861

    ‘ऐन की डायरी उसकी निजी भावनात्मक उथल-पुथल का दस्तावेज भी है।’ इस कथन की विवेचना कीजिए।

    Solution

    ऐन यहूदी परिवार की होने के कारण हिटलर की नस्लवादी नीति से प्रभावित हुई थी। उसको अपने परिवार के साथ दो वर्ष तक एक गुप्त आवास में छुपे रहना पड़ा था। जब वह गुप्त आवास के लिए गई तो उस समय उसकी आयु तेरह साल हो थी। तेरह साल की उम्र में जीवन के घनघोर संकट का सामना, अपने आप में जिजीविया का प्रमाण है। ऐन की संवेदना का विकास छुपने से पहले ही हो चुका था। उसके भीतर अपने व्यक्तित्व की पहचान आदि को लेकर उथल-पुथल पहले से चलती रही थी। वह व्यक्तिगत जीवन, पारिवारिक जीवन और सामाजिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने का प्रयास करती है। गुप्त आवास में रहने की स्थिति का निर्माण, हिटलर के कारण ऐतिहासिक हो जाता है। यदि उस समय हिटलर नस्लवाद का नंगा नाच नहीं करता तो लोगों का जीवन इतना कठिन नहीं होता। ऐन को उस अनुभव से नहीं गुजरना पड़ता। ऐन ने अपने जीवन के जिन दो वर्षो को गुप्त रहकर बिताया, वह दोनों वर्ष उसके ही थे, लेकिन इन दो वर्षों के जीवन पर सामयिक इतिहास का भी असर था। ऐन ने इस जटिल स्थिति को गहराई से महसूस किया था। शायद इसीलिए वह डायरी में अपनी व्यक्तिगत जीवन की मानसिक उथल-पुथल के साथ युद्ध और राजनीति से जुड़ी बातें भी व्यक्त करती है। उसके विचार एक पीड़ित के विचार है। इस तरह दोनों का अंतर मिट जाता है।

    Sponsor Area

    Mock Test Series

    Sponsor Area

    Sponsor Area

    NCERT Book Store

    NCERT Sample Papers

    Entrance Exams Preparation

    1