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वूलर झील निम्नलिखित में से किस राज्य में स्थित है?
राजस्थान
पंजाब
उत्तर प्रदेश
जम्मू-कश्मीर
D.
जम्मू-कश्मीर
जलविभाजक का क्या कार्य है? एक उदाहरण दीजिए l
वह उच्च भूमि जो दो पड़ोसी अफवाह द्रोणियों को एक-दूसरे से अलग करती है, जलविभाजक कहलाती हैl उदाहरण के लिए अंबाला, सिंधु और गंगा नदी प्रणाली के बीच जलविभाजक पर स्थित है।
लंबी धारा होने के बावजूद तिब्बत के क्षेत्रों में ब्रह्मपुत्र में कम गाद (सिल्ट) क्यों है?
नदियों तथा झीलों के कुछ आर्थिक महत्व को बताएँ।
नदियों के आर्थिक लाभ:
(i) यह गाद और तलछट बहाकर लाती है, जो बाढ़ के मैदानों को उपजाऊ बनाकर देश को उपजाऊ कृषि भूमि प्रदान करती हैं।
(ii) नदियाँ घरेलू कार्यों और वस्तुओं के लिए जल उपलब्ध करवाती है। विशेषकर भारत जैसे देश में जहाँ फसल मानसून पर निर्भर करती है।
(iii) नदियों के साथ-साथ औद्योगिक विकास भी फलता-फूलता है क्योंकि अनेक औद्योगिक प्रक्रियाओं में जल की अत्यंत आवश्यकता होती है। जैसे शीतलक में और जलविधुत उत्पादन में।
(iv) नदियाँ अपशिष्ट को गला देती है या बहाकर ले जाती हैं।
(v) नदियाँ परिवहन के साधन और अन्तर्दर्शीय जलमार्ग उपलब्ध करवाती है।
(v) तटीय नगरों के साथ-साथ मनोरंजन, पर्यटन प्रोत्साहन आदि भी विकसित होते हैं।
झीलों के आर्थिक महत्व:
(i) नदी के बहाव को सुचारु बनाने में झीले महत्पूर्ण भूमिका निभाती है।
(ii) विद्युत उत्पन्न करने के लिए भी झीलों का उपयोग किया जा सकता है।
(iii) अत्यधिक वर्षा के समय यह बाढ़ को रोकती।
(iv) सूखे के मौसम में यह पानी के बहाव को संतुलित करती है।
(v) जलीय पारितंत्र को संतुलित रखती है।
(vi) इनके द्वारा आस-पास के क्षेत्रों की जलवायु सामान्य बनती है।
(vii) झीलें प्राकृतिक सुंदरता व पर्यटन को बढ़ाती हैं।
नीच भारत की कुछ झीलों के नाम दिए गए हैं। इन्हे प्रकृति तथा मानव निर्मित वर्गो में बाँटिए।
(क) वुलर, (ख) डल, (ग) नैनीताल, (घ) भीमताल, (ङ) गोबिंद सागर, (च) लोकताक, (छ) बारापानी, (ज) चिल्का, (झ) सांभर, (य) राणा प्रताप सागर, (ट) निज़ाम सागर, (ठ) पुलीकट, (ड) नागार्जुन सागर, (ढ) हीराकुंड
प्राकृतिक झीलें- (क) वुलर, (ख) डल, (ग) नैनीताल, (घ) भीमताल, (ङ) लोकताल, (च)बारापान, (छ) चिल्का, (ज) सांभर, (झ) पुलीकट।
मानव निर्मित झीले- (क) गोबिंद सागर,(ख) राणा प्रताप सागर, (ग) निज़ाम सागर, (घ) नागार्जुन सागर, (ङ) हीराकुंड।
प्रायद्वीपीय नदियों और हिमालय की नदियों के बीच के कोई तीन अंतर बताइए।
हिमालय नदियाँ |
प्रायद्वीपीय नदियाँ |
(i) हिमालय नदियाँ लम्बी होती है और ये लम्बे रस्ते तय करती है। |
(i) ये नदियाँ अपेक्षाकृत छोटी होती है और छोटी दुरी तय करती है। |
प्रायद्वीपीय पठार के पूर्व एवं पश्चिम की और बहने वाली नदियों की तुलना कीजिए।
पूर्व की ओर बहने वाली नदियाँ
|
पश्चिम की और बहने वाली नदियाँ |
(i) गोदावरी, कृष्णा और कावेरी नदियाँ पश्चिमी घाट से निकल कर पूर्व की और बहते हुए बंगाल की खाड़ी में समाप्त हो जाती हैं। |
(i) नर्मदा और तापी दो ही ऐसी लम्बी नदियाँ है जो अरब सागर में गिरती हैं। |
किसी देश की अर्थव्यवस्था के लिए नदियाँ महत्वपूर्ण हैं?
(i) ऐतिहासिक रूप से नदी घाटियाँ प्रारम्भिक सभ्यताओं का केंद्र रही हैं, जैसे नील नदी की सभ्यता, सिंधु घाटी की सभ्यता इत्यादि।
(ii) भारत जैसी कृषि अर्थव्यवस्था वाले देश में नदियों में सिंचाई, नौसंचालन, जलविद्युत निर्माण इत्यादि द्वारा अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
(iii) नदियों के मैदान तथा सिंचाई को सुविधाओं ने विभिन्न प्रकार की खाद्य फसलों व नकदी फसलों को उगाने तथा दूसरे कृषि क्रिया-कलापों में काफी मदद पहुँचाई है।
(iv) नदियाँ बाढ़ के मैदान तथा डेल्टा का निर्माण करती हैं, जो कृषि हेतु उपजाऊ मृदा करती हैं।
(v) नदी घाटी विश्व के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्र होते हैं क्योंकि ये कृषि योग्य भूमि तथा जल प्रदान करती हैं। जैसे भारत की गंगा द्रोणी अथवा मैदान।
सिंधु एवं गंगा नदियाँ कहाँ से निकलती हैं?
सिंधु नदी तिब्बत में मानसरोवर झील के निकट से निकलती है। गंगा नदी हिमालय में गंगोत्री हिमानी से मिलती हैं।
गंगा की दो मुख्य धाराओं के नाम लिखिए। ये कहाँ पर एक-दूसरे से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती हैं?
गंगा की दो मुख्य धाराएँ भागीरथी और अलकनंदा हैं। ये उत्तरांचल राज्य के देवप्रयाग नामक स्थान पर मिलती हैं।
कौन-सी दो प्रायद्वीपीय नदियाँ गर्त से होकर बहती हैं? समुद्र में प्रवेश करने से पहले वे किस प्रकार की आकृतियों का निर्माण करती हैं?
नर्मदा एवं तापी दो प्रायद्वीपीय नदियाँ हैं जो गर्त से होकर बहती हैं। समुद्र में प्रवेश करने से पहले वे एश्चुरी का निर्माण करती हैं।
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बारहमासी और ऋतुगत नदियाँ किसे कहते है?
गोदावरी नदी को दक्षिणी गंगा क्यों कहा जाता है ?
गोदावरी प्रायद्वीपीय क्षेत्र की सबसे बड़ी नदी है। इसकी लम्बाई लगभग 1500 किलो मीटर है। यह नदी तंत्र महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश तथा आँध्रप्रदेश में फैला हुआ हैं । इसकी लम्बी दूरी तय करने और वृहत क्षेत्रो में फैले होने के कारण गोदावरी नदी को दक्षिणी गंगा के नाम से जाना जाता है। यह नदी महाराष्ट्र के नासिक जिले में पश्चिमी ढाल से निकलती है और पूर्व की ओर प्रवाहित होती हुई बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती है।
लवणीय झील का निर्माण कैसे होता है? भारत के कुछ लवणीय झील के उदाहरण दें।
वह झील जिसमें अधिक मात्रा में लवण की मात्रा मिली होती है उसे लवणीय झील कहते है। यह झील शुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों में पाई जाती है। इस प्रकार की झीले अक्सर ऋतुगत होती है। उदहारण के लिए: भारत में सांभर झील के पानी का उपयोग नमक बनाने के लिए होता है।
लैगून क्या है? यह झील से किस प्रकार भिन्न है।
स्पिट तथा बार (रोधिका) तटीय क्षेत्रों में लैगून का निर्माण करते है। हवाओं और समुंद्री धाराओं की क्रिया तटीय क्षेत्रों में समुद्र के जल को रोककर जिस आकार का निर्माण करते है उसे लैगून का निर्माण होता है। यह सामान्य रुप से गंगा नदी के विशाल डेल्टा और महानदी डेल्टा के पास पाया जाता है। उड़ीसा में चिल्का, तमिलनाडु में पुलीकट और आंध्रप्रदेश में ये प्रमुख लैगून हैं।
समुन्द्र के समीप ताजा हवायें भी तटीय बालू से जल को रोक लेती हैं जिससे, दलदली लैगून का निर्माण हो जाता है।
(1) लैगून में सामान्यत: लवणीय जल होता है जबकि झील शुद्ध जल या लवणीय जल से भरा होता।
(2) लैगून का निर्माण पवनों एवं तरंगो के क्रिया से तटीय क्षेत्रो में बनता है जबकि झील का निर्माण नदियों के द्ववारा होता है।
गार्जं क्या है?
गार्जं संकीर्ण नदी घाटियों को कहा जाता है जो पर्वतीय क्षेत्रों में नदियों के क्रियाकलापों से बनता है। यह मुख्य रुप से उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
ब्रह्मपुत्र नदी किस प्रकार की प्रवाह प्रणाली से सम्पन्न है?
ब्रह्मपुत्र नदी पूरे असम क्षेत्र जल एवं सिल्ट की मात्रा लिए हुए प्रवाहित होती है। उत्तर पूर्वी भारत के क्षेत्रों में भारी वर्षा होती है। मानसून के दौरान असम में भारी वर्षा होती है। जिसके कारण ब्रह्मपुत्र नदी में जल की मात्रा काफी बढ़ जाती है। बड़े पैमाने पर मृदा अपरदन होने के कारण बहुत मात्रा में सिल्ट लेकर प्रवाहित होती है। यह सिल्ट नदी के तल में जमा हो जाती है। जिसके कारण नदी का जल कई प्रवाहों में बदल जाता है।
भारत में स्वच्छ जल झील कहां स्थित है?
भारत की अधिकतर स्वच्छ जल झील हिमालय में स्थित है। हिमालय की अधिकांश पर्वत श्रेणियां बर्फ़ो से ढकी है और हिमालय में अनेक हिमनद है। हिमालय क्षेत्र स्थित झीलों का निर्माण बर्फ़ो के पिघलने से होता है जिससे, इन झीलो का पानी शुद्ध होता है। भारत की सबसे बड़ी शुद्ध जल झील वुलर झील है।
नदी द्रोणी क्या है ?
वह क्षेत्र जहाँ से एक नदीं तंत्र या उसकी सहायक नदियों द्वारा जल प्रवाहित होता है उसे नदी द्रोणी कहते है। अपवाह शब्द एक क्षेत्र के नदी तंत्र का वर्णन करता है। कई छोटी- छोटी धाराएँ मिलकर एक मुख्य नदी का निर्माण करती है। मुख्य नदी में कई सहायक नदी और उपनदी मिलती है। अंत में नदियां समुंद्र में अपने पानी को प्रवाह करती है।
कृष्णा और उसकी सहायक नदियों पर नोट लिखें।
कृष्णा नदी महाबलेश्वर के निकट एक झील से निकलती है और यह पूर्व दिशा की ओर प्रवाहित होती हुई बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। इसकी लम्बाई लगभग 1400 किलो मीटर है। गोदावरी के बाद यह प्रायद्वीपय भारत की दूसरी सबसे लम्बी नदी है। तुंगभद्रा, कोयना तथा भीमा, घाट प्रभा और भूसी कृष्णा नदी की मुख्य सहायक नदियाँ है।
हिमालय से निकलने वाली तीन प्रमुख नदियों और उसकी सहायक नदियों के नाम लिखिए।
हिमालय से निकलने वाली तीन प्रमुख नदियाँ निम्न है:
1. सिंधु नदी तंत्र - सतलुज, व्यास और रावी सिंधु नदी की तीन प्रमुख सहायक नदियाँ है।
2. गंगा नदी तंत्र - यमुना, घाघरा और गंडक गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ है।
3. ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र - दिबांग, लोहित केनुला ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक नदियाँ है।
प्रायद्वीप भारत में पूर्व और पश्चिम दिशा में प्रवाहित होने वाली नदियों में उत्तर बताएँ।
पूर्व की ओर प्रवाहित होने वाली नदियाँ:
पश्चिम की ओर प्रवाहित होनेवाली नदियाँ:
सहायक नदी और उपनदी में अन्तर बतलाएँ ?
सहायक नदी: वैसी नदी को कहते है जो मुख्य नदी में आकर मिलती है। जैसे - यमुना नदी, गंगा की सहायक नदी है। एक सहायक नदी मुख्य नदी के साथ अपना पानी मिला देती है।
उपनदी: उपनदी उस नदी को कहतेहै जो मुख्य नदी से अलग होती है। उपनदी मुख्य नदी से पानी लेती है, देती नही है।
हिमालय से निकलने वाली नदियों और प्रायद्वीपीय नदियों में अन्तर बताएँ ?
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ:
प्रायद्वीपीय नदियाँ:
सिंधु नदी तंत्र पर एक नोट लिखें?
सिंधु नदी तिब्बत मे मानसरोवर झील के निकट से निकलती है और दक्षिण पश्चिम में बहती हुई अरब सागर में गिर जाती है। इसकी लम्बाई लगभग 2900 किलो मीटर है। इसकी मुख्य सहायक नदियाँ सतलुज, रावी, व्यास, झेलम है। सिंधु नदी तंत्र में सम्मलित नदियों के बँटवारे के लिए भारत और पाकिस्तान में संधि हो रखी है जिसे सिंधु जल संधि कहा जाता है। इस संधि के अनुसार सतलुज, व्यास और रावी नदियों के पानी का प्रयोग भारत करता है। जबकी चिनीब झेलम और सिंध नदी के पानी का प्रयोग पाकिस्तान करता है। भारत इन नदियों के पानी का प्रयोग 20 प्रतिशत करता है। बाकि 80 प्रतिशत पानी का प्रयोग पाकिस्तान करता है।
ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र पर एक नोट लिखें?
ब्रह्मपुत्र नदी विश्व की सबसे लंबी नदी है परन्तु इसका अधिकतर भाग भारत के बाहर बहता है। ब्रह्मपुत्र नदी का उदगम तिब्बत के पूर्व मानसरोवर झील से है। यह हिमालय के समानांतर पूर्व की और बहती है। यह तिब्बत में सांगपो एवं बांग्लादेश में जमुना के नाम से जानी जाती है। तिब्बत एक शीत एवं शुष्क क्षेत्र है। इसलिए यहाँ इस नदी में जल एवं सिल्ट की मात्रा कम होती है।
नामचा बारवा शिखर के पास पहुँचकर यह अंग्रेजी के (U) अक्षर जैसा मोड़ बनाकर भारत के अरुणाचल प्रदेश में गॉर्ज के माध्यम से प्रवेश करती है। यहाँ इसे दिहांग के नाम से जाना जाता है तथा दिबांग, लोहित, केनुला एवं दूसरी सहायक नदियाँ इससे मिलकर असम में ब्रह्मपुत्र का निर्माण करती हैं।
भारत में यह उच्च वर्षा वाले क्षेत्र से होकर गुजरती है। यहाँ नदी में जल एवं सिल्ट की मात्रा बढ़ जाती हैं। असम में ब्रह्मपुत्र अनेक धाराओं में बहकर एक गुंफित नदी के रूप में बहती हैं तथा बहुत से नदीय द्वीपों का निर्माण करती हैं । प्रत्येक वर्ष वर्षा ऋतु में यह नदी अपने किनारों से ऊपर बहने लगती है एवं बाढ़ के द्वारा असम तथा बांग्लादेश में बहुत अधिक क्षति पहुँचाती है।
गंगा नदी तंत्र पर एक नोट लिखें?
गंगा नदी हिमालय पर्वत में स्थित गंगोत्री या हिमनदी से निकलती है और पूर्व दिशा में भारत और बंगलादेश से बहती हुई बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है। इसकी कुल लंबाई लगभग 2500 किलो मीटर है। यमुना, घाघरा, गंडक, कोसी, सोन आदी इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ है। इसकी मुख्य सहायक नदी यमुना है। जो इलाहाबाद में आकर गंगा से मिल जाती है। गंगा नदी के जल के बटवारा को लेकर भारत और बंगलादेश के बीच एक संधि हुई है जिसके अनुसार दोनों देश इस नदी के जल का उपयोग करेंगें।
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