समकालीन भारत 2 Chapter 5 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन
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    NCERT Solution For Class 10 सामाजिक विज्ञान समकालीन भारत 2

    खनिज तथा ऊर्जा संसाधन Here is the CBSE सामाजिक विज्ञान Chapter 5 for Class 10 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान खनिज तथा ऊर्जा संसाधन Chapter 5 NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान खनिज तथा ऊर्जा संसाधन Chapter 5 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 10 सामाजिक विज्ञान.

    Question 5
    CBSEHHISSH10018409

    निम्नलिखित में अंतर 30 शब्दों से अधिक न दें।
    लौह और अलौह खनिज

    Solution
    लौह खनिज अलौह खनिज

    (i) वे धात्विक खनिज पदार्थ जिन में लौह अंश पाया जाता है वे लौह खनिज कहलाते है।
    (ii) यह धात्विक उद्योगों के विकास के लिए आधार का कार्य करते हैं।
    (iii) लौह खनिज का भारत बड़ी मात्रा में निर्यात करता है।
    (iv) उदाहरण के लिए- हैमेटाइट आदि।

    (i) वे धात्विक खनिज पदार्थ जिन में लौह अंश नहीं पाया जाता वे अलौह खनिज कहलाते है।
    (ii) इनका इंजीनियरिंग तथा विद्युत उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान होता है।
    (iii) इनका महत्व आर्थिक आधार पर होता है।
    (iv) उदाहरण के लिए- सोना, चाँदी आदि।

    Question 6
    CBSEHHISSH10018410

    निम्नलिखित प्रश्‍नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
    परंपरागत तथा गैर-परंपरागत ऊर्जा साधन

    Solution
    परंपरागत ऊर्जा साधन गैर-परंपरागत ऊर्जा साधन

    (i) परंपरागत ऊर्जा के साधन- कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस है।
    (ii) इनसे उत्पन्न बिजली को प्रादेशिक तथा राष्ट्रीय ग्रिड में भेजा जाता है।
    (iii) इनका सबसे अधिक प्रयोग उद्योग, कृषि तथा घरेलू ईंधन में होता है।
    (iv) इसमें खर्चा अधिक आता है।

    (i) गैर परंपरागत ऊर्जा के साधन सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा बायोगैस, ज्वारीय ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा है।
    (ii) इन ऊर्जा के साधनों को उद्योग तथा घरेलू उपयोग में लाना महत्वपूर्ण उद्देश्य है।
    (iii) इनका स्थानीय महत्व है।
    (iv) इनमे खर्च कम आता है।

    Question 7
    CBSEHHISSH10018411

    खनिज क्या है?

    Solution

    भू-वैज्ञानिकों का मानना है कि खनिज एक प्राकृतिक रूप से विद्यामन समरूप तत्व है जिसकी एक निश्चित आंतरिक संरचना है। प्रकृति में खनिज कई रूपों में पाए जाते है। ये कठोर हीरे के रूप में भी और नरम चुने के रूप में भी मौजूद है। कुछ चट्टानें केवल एक ही खनिज से बनी है, परन्तु अधिकतर चट्टानें अनेक खनिजों का योग है। यद्यपि 2000 खनिजों की पहचान की जा चुकी है पर इसमें से कुछ ही उपयोग में आते है। एक विशेष खनिज जो किन्हीं खनिज तत्त्वों के मिश्रण से बनता है उसकी भौतिक और रासायनिक दशाओं पर निर्भर करता है। इसके फलस्वरूप इसमें रंग, कठोरता, चमक तथा खनिज का घनत्व आ जाता है। भू-वैज्ञानिक इन्ही विषेशताओं के आधार पर खनिजों का वर्गीकरण करते है।

    Question 8
    CBSEHHISSH10018412

    आग्नेय तथा कायांतरित चट्टानों में खनिजों का निर्माण कैसे होता है?

    Solution

    आग्नेय तथा कायांतरित चट्टानों में खनिज दरारों, जोड़ों, विदारों, भ्रंशों में मिलते है। छोटे जमाव सिराओं के रूप में तथा बृहत् जमाव परत के रूप में पाए जाते है। इनका निर्माण भी अधिकतर उस समय होता है जब ये तरल और गैसीय अवस्था में दरारों के सहारे भू-पृष्ठों की ओर धकेला जाता है और ऊपर आकर ठंडे हो जाते है। मुख्य धात्विक खनिज जैसे जस्ता, सीसा, जिंक आदि इसी तरह के दरारों से पाए जाते है।

    Question 9
    CBSEHHISSH10018413

    हमें खनिजों के संरक्षण की क्यों आवश्यकता होती है?

    Solution

    हमें खनिजों के संरक्षण की आवश्यकता इसलिए होती है क्योंकि उद्योग और कृषि दोनों ही खनिजों पर निर्भर करते है। खनिजों का प्रयोग लाखों वर्षों से होता रहा है। उन खनिजों का बहुत महत्व है जो कार्य योग्य होते है। खनिज निर्माण की भूगर्भिय प्रक्रियाएँ इतनी धीमी है कि उसके वर्तमान उपभोग की दर की तुलना में उनके पुनर्भरण की दर अपरिमित रूप से थोड़ी है। हमारे देश में मूल्वान खनिज पाए जाते है परन्तु कम समय के लिए। खनिज संसाधन सीमित तथा अनवीकरण योग्य है। अयस्क के निरंतर खनन से लागत बढ़ती है क्योंकि उत्खनन की गहराई बढ़ने के साथ-साथ उसकी गुणवत्ता घटती जाती है।

     
    Question 10
    CBSEHHISSH10018414

    भारत में कोयले के वितरण का वर्णन कीजिए।

    Solution

    (i) भारत में कोयले दो मुख्य भू-गर्भीय युगों के शैल क्रम में पाया जाता है, एक गोंडवाना निक्षेप जिसकी आयु 200 लाख वर्ष से अधिक है और दूसरा टरशियरी निक्षेप जो लगभग 55 लाख वर्ष पुराने है।
    (ii) गोंडवाना कोयला, जो धातु शोधन कोयला हैं, के प्रमुख संसाधन दामोदर घाटी, झरिया, रानीगंज, बोकारो में स्थित है ये महत्वपूर्ण कोयला क्षेत्र है।
    (iii) गोदावरी, महानदी, सोना और वर्धा नदी घाटियों में भी इस प्रकार के कोयले के जमाव पाये जाते है।
    (iv) टरशरी कोयला के निक्षेप उत्तर-पूर्वी राज्यों मेघालय, असम, अरुणांचल प्रदेश और नागालैंड में पाए जाते है।
    (v) कोयला शूल प्रदार्थ है जिसका प्रयोग करने पर इसका भार घटता है क्योंकि यह राख में परिवर्तित हो जाता है।

    Question 11
    CBSEHHISSH10018415

    भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्जवल है। क्यों?

    Solution

    भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य निम्नलिखित कारणों से उज्जवल है-
    (i) भारत एक उष्ण कटिबंधीय देश है।
    (ii) इसमें सौर ऊर्जा के दोहन करने की भारी संभावनाएँ हैं।
    (iii) फोटोवोल्टाइक प्रौद्योगिकी से सूर्य के प्रकाश को सीधे विद्युत में बदल दिया जाता है।
    (iv) ग्रामीण और दूरदराज इलाकों में सौर ऊर्जा तेजी से प्रचलित हो रही है।
    (v) सौर ऊर्जा संयंत्रों को भारत के विभिन्न भागों में स्थापित किया जा रहा है, जिससे प्रदूषण को कम करने में सहायता मिलती है। यह पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

    Question 12
    CBSEHHISSH10018717

    खनिजों में विविध रंग, कठोरता, विविध क्रिस्टल, चमक और घनत्व क्यों पाये जाते हैं?

    Solution

    खनिजों में विविध रंग, कठोरता, विविध क्रिस्टल, चमक और घनत्व पाये जाते हैं क्योंकि इसमें भौतिक और रासायनिक दशाएं होती हैं। 

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