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TextBook Solutions for CBSE HINDI Class 7 Hindi वसंत, भाग – 2 Chapter 20 विप्लव – गायन

Question 1
CBSEENHN7000437

कण-कण में है व्याप्त वही स्वर……………कालकूट फणि की चिंतामणि’

(क) ‘वही स्वर’,’वह ध्वनि’ एवं ‘वही तान’ आदि वाक्यांश किसके लिए/ किस भाव के लिए प्रयुक्त हुए हैं?

(ख) वही स्वर, वह ध्वनि एवं वही तान से संबंधित भाव का ‘रूद्ध-गीत की क्रुद्ध तान है/ निकली मेरी अंतरतर से’ – पंक्तियों से क्या कोई संबंध बनता है?

Solution

(क) कवि ने वह स्वर, वह ध्वनि, और वही तान क्रांति को जगाने की भावना से प्रयुक्त किया है।

कवि का आशय है कि उसके क्रांतिकारी गीत में इतनी उत्तेजना है कि इस संसार के कण-कण में व्याप्त क्रांति का ये स्वर मुखरित हुआ है। शरीर का रोम-रोम भी इसी क्रांति की ध्वनि को गा रहा है और वही क्रांति की तान भी दे रहा है। कवि आगे कहता है कि ये संसार नहीं अपितु शेषनाग के फन में विद्यमान मणि भी इस क्रांतिकारी के गीत का गायन कर रही है अर्थात्‌ मेरे गीत में इतनी उत्तेजना है कि संसार का हर प्राणी इसमें प्रवाहित हो गया है।

(ख) हाँ इन दोनों पंक्तियों में आपसी सम्बन्ध बनता है क्योंकि यह गीत कवि के क्रांतिकारी हृदय की गहराइयों से होता हुआ उनके स्वर के रूप में निकला है, उनकी ध्वनि उसे उत्तेजना प्रदान कर रही है। तान उसका सहायक बन उस गीत को सारे संसार में प्रवाहित कर रहा है। दोनों ही पंक्तियों में परिवर्तन की लहर लाने की बात है।

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