निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए [2 × 4 = 8]
(क) लेखक ने फादर कामिल बुल्के की याद को ‘यज्ञ की पवित्र अग्नि’ क्यों कहा है?
(ख) मन्नू भंडारी का अपने पिता से जो वैचारिक मतभेद था उसे अपने शब्दों में लिखिए।
(ग) “नेताजी का चश्मा’ पाठ में बच्चों द्वारा मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा लगाना क्या प्रदर्शित करता है?
(घ) बालगोबिन भगत अपने सुस्त और बोदे से बेटे के साथ कैसा व्यवहार करते थे और क्यों ?
(ङ) लखनवी अंदाज’ पाठ के आधार पर बताइए कि लेखक ने यात्रा करने के लिए सेकंड क्लास का टिकट क्यों खरीदा?
(क) लेखक ने फादर कामिल बुल्के की याद को ‘यज्ञ की पवित्र अग्नि’ इसलिए कहा है क्योंकि लेखक फादर बुल्के रूपी पवित्र ज्योति की याद में श्रद्धामत है, उनका सारा जीवन देश व देशवासियों के प्रति समर्पित था। जिस प्रकार यज्ञ की अग्नि पवित्र होती है तथा उसके ताप में उष्णता होती है उसी प्रकार फादर बुल्के को याद करना शरीर और मन में ऊष्मा, उत्साह तथा पवित्र भावे भर देता है। अतः फादर की स्मृति किसी यज्ञ की पवित्र आगे और उसकी लौ की तरह आजीवन बनी रहेगी।
(ख) मन्नू भंडारी और उनके पिता के बीच वैचारिक रूप से काफी मतभेद थे। उनके पिता अहंकारी, क्रोधी, शक्की तथा सामाजिक प्रतिष्ठा के प्रति सजग रहने वाले व्यक्ति थे। यद्यपि वे आधुनिकता के समर्थक थे, वे स्त्रियों की प्रतिभा एवं क्षमता को समझते तथा उनका सम्मान भी करते थे पर उनकी यह सारी भावना उनके दकियानूसी विचारों के तले दब जाती थी। लेखिका उनकी इन खामियों पर झल्लाती थी। वे लेखिका को घर-गृहस्थी के कार्यों से दूर रखकर जागरूक नागरिक बनाना चाहते थे, घर में राजनैतिक जमाबड़ो में भाग लेने की सीख देते थे पर घर के बाहर सक्रिय भागीदारी के विरूद्ध थे। इसके कारण वे पिता की दी हुई सीमित आजादी के दायरे में बँधना नहीं चाहती थी, वे आजाद ख्यालों की थी जिस कारण पिता-पुत्री में मतभेद होना स्वाभाविक था। इतना ही नहीं पिता पुत्री के विचारों को मतभेद विवाह के विषय में भी था। लेखिका राजेन्द्र के साथ विवाह करना चाहती थी परंतु पिता इसका विरोध करते थे। इन्हीं कारणों से लेखिका की अपने पिता के साथ वैचारिक टकराहट थी।
(ग) नेताजी का चश्मा पाठ में बच्चों द्वारा मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा लगाना यह प्रदर्शित करता है कि हमारी आने वाली भावी पीड़ी में भी देशभक्ति की भावना है। इस देश के नव निर्माण में न केवल युवा बल्कि बच्चा बच्चा भी अपना योगदान देने में तत्पर हैं। देशभक्त कैप्टन मरकर भी इस कस्बे के बच्चों में जिंदा हैं।
(घ) बालगोबिन भगत का अपने सुस्त और बोदे से बेटे के साथ अत्यंत आत्मीय व्यवहार था। वे जानते थे कि इसे अधिक प्रेम की आवश्यकता है। क्योंकि ऐसे बच्चों को विशेष स्नेह व देखभाल की जरूरत होती है। यदि ऐसे बच्चों को तिरस्कार व अपेक्षित किया जाए तो उनमें असुरक्षा व हीनता की भावना जन्म लेगी एवं उनका भविष्य खतरे में पड़ जाएगा
(ङ) लेखक ने सेकंड क्लास का टिकट इसलिए खरीदा क्योंकि लेखक का अनुमान था कि सेकंड क्लास का डिब्बा खाली होगा, जिससे वे भीड़ से बचकर नई कहानी के विषय में एकांत में चिंतन करने के साथ-साथ प्राकृतिक दृश्यों की शोभा भी निहार सकेंगे।