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सर्वेश्वर दयाल सक्सेना - मानवीय करुणा की दिव्या चमक

Question
CBSEHIHN10002761

लेखक ने फादर बुल्के को ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ क्यों कहा?

Solution

फादर बुल्के के मन में अपने प्रियजनों के लिए असीम ममता और अपनत्व था। इसलिए लेखक ने फादर बुल्के को ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ कहा है।

Some More Questions From सर्वेश्वर दयाल सक्सेना - मानवीय करुणा की दिव्या चमक Chapter

फादर बुल्के भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं, किस आधार पर ऐसा कहा गया है?

पाठ में आए उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जिनसे फादर बुल्के का हिंदी प्रेम प्रकट होता है?

इस पाठ के आधार पर फादर कामिल बुल्के की जो छवि उभरती है उसे अपने शब्दों में लिखिए।

लेखक ने फादर बुल्के को ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ क्यों कहा?

 फादर बुल्के ने संन्यासी की परंपरागत छवि से अलग एक नयी छवि प्रस्तुत की है, कैसे?

आशय स्पष्ट कीजिए-
नम आँखों को गिनना स्याही फैलाना है।

 आशय स्पष्ट कीजिए-
फ़ादर को याद करना एक उदास शांत संगीत को सुनने जैसा है।

आपके विचार से बुल्के ने भारत आने का मन क्यों बनाया होगा?

‘बहुत सुंदर है मेरी जन्मभूमि रेन्स चैपल’-इस पंक्ति में फादर की अपनी जन्मभूमि के प्रति कौन-सी भावनाएं अभिव्यक्त होती हैं? उतप अपनी जन्मभूमि के बारे में क्या सोचते’?

‘मेरा देश भारत’ विषय पर 200 शब्दों का निबंध लिखिए?