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सर्वेश्वर दयाल सक्सेना - मानवीय करुणा की दिव्या चमक

Question
CBSEHIHN10002757

फादर की उपस्थिति देवदार की छाया जैसी क्यों लगती थी?

Solution

देवदार एक विशाल और छायादार वृक्ष होता है, जो अपनी सघन और शीतल छाया से श्रांत-पथिक एवं अपने आस-पड़ोस को शीतलता प्रदान करता है। ठीक ऐसे ही व्यक्तित्व वाले थे- फ़ादर कामिल बुल्क़े।
लेखक के बच्चे के मुँह में अन्न का पहला दाना फादर बुल्के ने डाला था। उस क्षण उनकी नीली आँखों में जो ममता और प्यार तैर रहा था, उससे लेखक को फादर बुल्के की उपस्थिति देवदार की छाया जैसी लगती थी।

Some More Questions From सर्वेश्वर दयाल सक्सेना - मानवीय करुणा की दिव्या चमक Chapter

 आशय स्पष्ट कीजिए-
फ़ादर को याद करना एक उदास शांत संगीत को सुनने जैसा है।

आपके विचार से बुल्के ने भारत आने का मन क्यों बनाया होगा?

‘बहुत सुंदर है मेरी जन्मभूमि रेन्स चैपल’-इस पंक्ति में फादर की अपनी जन्मभूमि के प्रति कौन-सी भावनाएं अभिव्यक्त होती हैं? उतप अपनी जन्मभूमि के बारे में क्या सोचते’?

‘मेरा देश भारत’ विषय पर 200 शब्दों का निबंध लिखिए?

आपका मित्र हडसन एंड्री आस्ट्रेलिया में रहता है। उसे इस बार की गर्मी की छुट्‌टियों के दौरान भारत के पर्वतीय प्रदेशों के भ्रमण हेतु निमंत्रित करते हुए पत्र लिखिए?

निम्नलिखित वाक्यों मैं समुच्यबोधक छांटकर अलग लिखिए-
तब भी जब वह-इलाहाबाद में थे और तब भी जब वह दिल्ली आते थे?

निम्नलिखित वाक्यों मैं समुच्यबोधक छांटकर अलग लिखिए-
माँ ने बचपन से ही घोषित कर दिया था कि लड़का हाथ से गया?

निम्नलिखित वाक्यों मैं समुच्यबोधक छांटकर अलग लिखिए-
वे रिश्ता बनाते थे तो तोड़ते नहीं थे?

निम्नलिखित वाक्यों मैं समुच्यबोधक छांटकर अलग लिखिए-
उनके मुख से सांत्वना के जादू भरे दो शब्द सुनना एक ऐसी रोशनी से भर देता था जो किसी गहरी तपस्या से जनमती है?

निम्नलिखित वाक्यों मैं समुच्यबोधक छांटकर अलग लिखिए-
पिता और भाइयों के लिए मन में बहुत लगाव नहीं था लेकिन वो स्मृति में अकसर डूब जाते।