Sponsor Area

NCERT Solutions for Class 10 Hindi क्षितिज भाग २ Chapter 9 मंगलेश डबराल - संगतकार

मंगलेश डबराल - संगतकार Here is the CBSE Hindi Chapter 9 for Class 10 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 10 Hindi मंगलेश डबराल - संगतकार Chapter 9 NCERT Solutions for Class 10 Hindi मंगलेश डबराल - संगतकार Chapter 9 The following is a summary in Hindi and English for the academic year

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined variable: current_year

Filename: ncert_suluctions/Chapter_Question.php

Line Number: 246

Backtrace:

File: /home/wiredfa1/public_html/application/views/final/ncert_suluctions/Chapter_Question.php
Line: 246
Function: _error_handler

File: /home/wiredfa1/public_html/application/controllers/Ncert_Solutions.php
Line: 250
Function: view

File: /home/wiredfa1/public_html/index.php
Line: 315
Function: require_once

-2025-26. You can save these solutions to your computer or use the Class 10 Hindi.

Question 1
CBSEENHN100018866

निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर संक्षेप लिखिए [2 × 4 = 8]

(क) संगतकार की मनुष्यता किसे कहा गया है। वह मनुष्यता कैसे बनाए रखता है?
(ख) ‘अट नहीं रही है’ कविता के आधार पर वसंत ऋतु की शोभा का वर्णन कीजिए।
(ग) परशुराम ने अपनी किन विशेषताओं के उल्लेख के द्वारा लक्ष्मण को डराने का प्रयास किया?
(घ) आपकी दृष्टि में कन्या के साथ दान की बात करना कहाँ तक उचित है? तर्क दीजिए।
(ङ) कवि ने शिशु की मुस्कान को दंतुरित मुस्कान क्यों कहा है? कवि के मन पर उस मुस्कान का क्या प्रभाव पड़ा?

Solution

(क) संगतकार की मनुष्यता अपने स्वर को अधिक न उठाने की कोशिश करना ही मनुष्यता’ है। अपने स्वर को अधिक ऊँचा न उठाना उसकी इंसानियत है। वह अपनी मनुष्यता बनाए रखने के लिए कभी भी मुख्य गायक को अकेलेपन का अहसास नहीं होने देता। वह अपने राग के माध्यम से मुख्य गायक को यह भी बता देता है कि पहले गाया गया राग फिर से भी गाया जा सकता है। वह गाते समय यह कोशिश करता है कि उसका स्वर मुख्य गायक के स्वर से किसी भी हालत में ऊँचा न उठ जाय।

(ख) वसंत ऋतु ऋतुओं का राजा है। इस ऋतु में प्रकृति ही निराला सौन्दर्य है। इस ऋतु में उद्यान में रंग-बिरंगे पुष्प दिखाई देते हैं। इस समय खेतों में गेहूँ, सरसों की फसलें कटने को तैयार हो जाती है। पीली सरसों की शोभा देखते ही बनती है, इस ऋतु को होली का संदेशवाहक भी कहा जाता है क्योंकि बसंत ऋतु में ही रंगों का त्योहार होली मनायी जाती है। राग और रंग इसके प्रमुख अंग हैं। यह त्योहार वसंत पंचमी को आरम्भ हो जाता है। चारों ओर सौन्दर्य राशि बिखरी हुई प्रतीत होती है।

(ग) परशुराम ने लक्ष्मण को डराते हुए सभा में बताया कि मैं बाल ब्रह्मचारी हूँ और अत्यंत क्रोधी स्वभाव का हूँ। मैं क्षत्रियों के कुल का संहारक हूँ। यह बात इस विश्व में सभी जानते थे कि मैंने अनेक बार सम्पूर्ण पृथ्वी को राजाओं से विहीन कर दिया है तथा पृथ्वी ब्राह्मणों को दान में दे दी है। मेरा फरसो बहुत भयानक है। इसी से मैंने सहस्रबाहु की भुजाओं को काटकर शरीर से अलग कर दिया था। इस फरसे की भयंकरता को देखकर गर्भवती स्त्रियों के बच्चे गर्भ में ही मर जाते हैं।

(घ) जब कोई वस्तु दान कर दी जाती है, तो वह अपनी नहीं रहती। इस सन्दर्भ में वस्तुएँ दान की जाती हैं। और कन्या कोई वस्तु नहीं है। परन्तु यदि उसका दान कर भी दिया जाता है, तो उससे सम्बन्धविच्छेद नहीं होता वह फिर भी अपने माता-पिता की लाड़ली रहती है तथा समय-समय पर अपने मायके’ आती जाती रहती है। आज समाज में लड़का व लड़की को समान अधिकार प्राप्त है। इस प्रकार हमारी दृष्टि में कन्या के साथ दान शब्द का कोई औचित्य नहीं है। हर माता-पिता कन्या के सुंदर भविष्य की कामना करते हैं, इसलिए वे इसे इस काबिल बना देते हैं कि उसका अपना अस्तित्व हो ।

(ङ) कवि ने शिशु की मुस्कान को दंतुरित मुस्कान इसलिए कहा है क्योंकि छोटे बच्चे के नए-नए दाँतों से झलकती लुभावनी मुस्कान मन मोह लेती है। बच्चे की दंतुरित मुस्कान का कवि के मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। बच्चे की मोहक मुस्कान कवि के हृदय को प्रसन्नता से भर देती है। उसे लगता है कि जैसे कमल तालाब को छोड़कर उसकी झोंपड़ी में आकर खिल गया हो। कवि का हृदय बच्चे की मुस्कान को देखकर आह्लादित हो जाता है।

Sponsor Area