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TextBook Solutions for Board of High School and Intermediate Education Uttar Pradesh Class 12 अर्थशास्त्र व्यष्टिअर्थशास्त्र एक परिचय Chapter 4 पूर्ण प्रतिस्पर्धा की स्तिथि में फर्म का सिद्धांत

Question 1
CBSEHHIECH12013809

एक पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार की क्या विशेषताएँ हैं ?

Solution
  1. क्रेताओं और विक्रेताओं की बहुत बड़ी संख्या: पूर्ण प्रतिस्पर्धा बाज़ार में क्रेताओं और विक्रेताओं की संख्या बहुत बड़ी होती है। इस तरह प्रत्येक क्रेता-विक्रेता कुल बिक्री का बहुत ही छोटा भाग खरीदता अथवा बेच-पाता है।
  2. एक समान या समरूप वस्तु: पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाज़ार में प्रत्येक फॉर्म समरूप वस्तु बेचती है। वस्तु इतनी समरूप होती है कि कोई क्रेता दो भिन्न विक्रेताओं की वस्तु में भेद नहीं कर सकता। सभी विक्रेताओं द्वारा बेची गई वस्तुएँ गुण, आकार अथवा रंग- रूप में एक समान होती हैं।
  3. पूर्ण ज्ञान: पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाज़ार के अंतर्गत क्रेता और विक्रेताओं को बाजार का पूर्ण ज्ञान होता है। उन्हें बाजार में प्रचलित कीमत की पूर्ण जानकारी होती है। वे यह भी जानते हैं कि समरूप वस्तु बेची जा रही है। ऐसे में क्रेता बाजार कीमत से अधिक कीमत देने को तैयार नहीं होंगे तथा विक्रेता को बिक्री लागतें खर्च करने की आवश्यकता नहीं है।
  4. पूर्ण स्वतंत्रता: पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाज़ार के अंतर्गत किसी भी फॉर्म को उद्योग में प्रवेश करने अथवा उसे छोड़कर बाहर जाने की पूर्ण स्वतंत्र होती है। जब उद्योग में लाभ हो रहे हों, तो नई फर्में उद्योग में प्रवेश कर सकती हैं और जब हानि की अवस्था हो,तो कुछ फर्में उद्योग छोड़कर जा सकती है।
  5. विक्रय लागत का अभाव: पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाज़ार में वस्तुएँ समरूप होती हैं, इसलिए एक फर्म को वस्तु के प्रचार, विज्ञापन आदि पर व्यय करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। अतः पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाज़ार में बिक्री और परिवहन लागत शून्य होती है।

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