यतीन्द्र मिश्र - नौबतखाने में इबादत

Question

मुहर्रम से बिस्मिल्ला खाँ के जुड़ाव को अपने शब्दों में लिखिए?

Answer

मुहर्रम पर्व के साथ 'बिस्मिल्ला खाँ' और शहनाई का सम्बन्ध बहुत गहरा है। मुहर्रम के महीने में शिया मुसलमान शोक मनाते थे। इसलिए पूरे दस दिनों तक उनके खानदान का कोई व्यक्ति न तो मुहर्रम के दिनों में शहनाई बजाते थे, और न ही संगीत के किसी कार्यक्रम में भाग लेते थे। आठवीं तारीख खाँ साहब के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती थी। इस दिन खाँ साहब खड़े होकर शहनाई बजाते और दालमंड़ी में फातमान के करीब आठ किलोमीटर की दूरी तक पैदल रोते हुए, नौहा बजाते हुए जाते थे। इन दिनों कोई राग-रागिनी नहीं बजाई जाती थी। उनकी आँखें इमाम हुसैन और उनके परिवार के लोगों की शहादत में नम रहती थीं।

Sponsor Area

Some More Questions From यतीन्द्र मिश्र - नौबतखाने में इबादत Chapter

आशय स्पष्ट कीजिए –
‘मेरे मालिक सुर बख्श दे। सुर में वह तासीर पैदा कर कि आँखों से सच्चे मोती की तरह अनगढ़ आँसू निकल आएँ’?

काशी में हो रहे कौन-से परिवर्तन बिस्मिल्ला खाँ को व्यथित करते थे?

पाठ में आए किन प्रसंगों के आधार पर आप कह सकते हैं कि –
बिस्मिल्ला खाँ मिली-जुली संस्कृति के प्रतीक थे।

पाठ में आए किन प्रसंगों के आधार पर आप कह सकते हैं कि –
वे वास्तविक अर्थों में एक सच्चे इनसान थे?

बिस्मिल्ला खाँ के जीवन से जुड़ी उन घटनाओं और व्यक्तियों का उल्लेख करें जिन्होंने उनकी संगीत साधना को समृद्ध किया?

बिस्मिल्ला खाँ के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया?

मुहर्रम से बिस्मिल्ला खाँ के जुड़ाव को अपने शब्दों में लिखिए?

बिस्मिल्ला खाँ कला के अनन्य उपासक थे, तर्क सहित उत्तर दीजिए?

निम्नलिखित मिश्र वाक्यों के उपवाक्य छाँटकर भेद भी लिखिए –
यह ज़रुर है कि शहनाई और डुमराँव एक-दूसरे के लिए उपयोगी हैं?

निम्नलिखित मिश्र वाक्यों के उपवाक्य छाँटकर भेद भी लिखिए –
रीड अंदर से पोली होती है जिसके सहारे शहनाई को फूँका जाता है?