यतीन्द्र मिश्र - नौबतखाने में इबादत
बिस्मिल्ला खाँ पाँचों वक्त नमाज़ के बाद खुदा से सच्चा सुर पाने की प्रार्थना करते थे। वे खुदा से कहते उन्हें सच्चा सुर दे। उस सुर में इतनी ताकत हो कि उसे सुनने वालों की आँखों से सच्चे मोती की तरह आँसू निकल जाए। तभी उनके सुर की कामयाबी होगी।
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बिस्मिल्ला खाँ के जीवन से जुड़ी उन घटनाओं और व्यक्तियों का उल्लेख करें जिन्होंने उनकी संगीत साधना को समृद्ध किया?
बिस्मिल्ला खाँ के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया?
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