यतीन्द्र मिश्र - नौबतखाने में इबादत
सुषिर-वाद्यों से क्या अभिप्राय है? शहनाई को ‘सुषिर वाद्यों में शाह’ की उपाधि क्यों दी गई होगी?
सुषिर-वाद्यों से यह अभिप्राय है, कि फूँककर बजाये जाने वाले वाद्य को 'सुषिर-वाद्य' कहते हैं।
शहनाई एक अत्यंत मधुर स्वर उत्पन्न करने वाला वाद्य है। फूँककर बजाए जाने वाले वाद्यों में कोई भी वाद्य ऐसा नहीं है, जिसके स्वर में इतनी मधुरता हो। शहनाई में समस्त राग-रागिनियों को आकर्षक सुरों में बाँधा जा सकता है। इसलिए शहनाई की तुलना में अन्य कोई सुषिर-वाद्य नहीं टिकता और शहनाई को ‘सुषिर-वाद्यों के शाह’ की उपाधि दी गयी होगी।
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