महावीरप्रसाद द्विवेदी - स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन
'स्त्रियों को पढ़ाने से अनर्थ होते हैं’ – कुतर्कवादियों की इस दलील का खंडन द्विवेदी जी ने कैसे किया है, अपने शब्दों में लिखिए?
1. द्विवेदी जी ने कुतर्कवादियों की स्त्री शिक्षा विरोधी दलीलों का जोरदार खंडन किया है, अनर्थ स्त्रियों द्वारा होते हैं, तो पुरुष भी इसमें पीछे नहीं हैं, अतः पुरुषों के लिए भी विद्यालय बंद कर दिए जाने चाहिए।
2. दूसरा तर्क यह है कि शंकुतला का दुष्यंत को कुवचन कहना या अपने परित्याग पर सीता का राम के प्रति क्रोध दर्शाना उनकी शिक्षा का परिणाम न हो कर उनकी स्वाभाविकता थी।
3. तीसरा तर्क व्यंग पूर्ण तर्क है – ‘स्त्रियों के लिए पढ़ना कालकूट और पुरूषों के लिए पीयूष का घूँट! ऐसी दलीलों और दृष्टान्तों के आधार पर कुछ लोग स्त्रियों को अशिक्षित रखकर भारतवर्ष का गौरव बढ़ाना चाहते हैं।
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महावीरप्रसाद द्विवेदी का निबंध उनकी दूरगामी और खुली सोच का परिचायक है, कैसे?
द्विवेदी जी की भाषा-शैली पर एक अनुच्छेद लिखिए?
निम्नलिखित अनेकार्थी शब्दों को ऐसे वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए, जिनमें उनके एकाधिक अर्थ स्पष्ट हों ?– चाल, दल, पत्र, हरा, पर, फल, कुल।
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