सर्वेश्वर दयाल सक्सेना - मानवीय करुणा की दिव्या चमक

Question

आशय स्पष्ट कीजिए-
नम आँखों को गिनना स्याही फैलाना है।

Answer

प्रस्तुत पंक्ति का आशय है कि फ़ादर बुल्के की मृत्यु पर वहाँ उपस्थित नम आँखों वाले व्यक्तियों के नामों का उल्लेख करना सिर्फ स्याही को बरबाद करना है। कहने का आशय है कि आँसू बहाने वालों की संख्या इतनी अधिक थी कि उसे गिनना संभव नहीं था।
उस स्थान पर यदि नम आँखों के आँकड़े दिये जाएं तो इसे समय और मेहनत की बरबादी कहा जा सकता है।

Sponsor Area

Some More Questions From सर्वेश्वर दयाल सक्सेना - मानवीय करुणा की दिव्या चमक Chapter

इस पाठ के आधार पर फादर कामिल बुल्के की जो छवि उभरती है उसे अपने शब्दों में लिखिए।

लेखक ने फादर बुल्के को ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ क्यों कहा?

 फादर बुल्के ने संन्यासी की परंपरागत छवि से अलग एक नयी छवि प्रस्तुत की है, कैसे?

आशय स्पष्ट कीजिए-
नम आँखों को गिनना स्याही फैलाना है।

 आशय स्पष्ट कीजिए-
फ़ादर को याद करना एक उदास शांत संगीत को सुनने जैसा है।

आपके विचार से बुल्के ने भारत आने का मन क्यों बनाया होगा?

‘बहुत सुंदर है मेरी जन्मभूमि रेन्स चैपल’-इस पंक्ति में फादर की अपनी जन्मभूमि के प्रति कौन-सी भावनाएं अभिव्यक्त होती हैं? उतप अपनी जन्मभूमि के बारे में क्या सोचते’?

‘मेरा देश भारत’ विषय पर 200 शब्दों का निबंध लिखिए?

आपका मित्र हडसन एंड्री आस्ट्रेलिया में रहता है। उसे इस बार की गर्मी की छुट्‌टियों के दौरान भारत के पर्वतीय प्रदेशों के भ्रमण हेतु निमंत्रित करते हुए पत्र लिखिए?

निम्नलिखित वाक्यों मैं समुच्यबोधक छांटकर अलग लिखिए-
तब भी जब वह-इलाहाबाद में थे और तब भी जब वह दिल्ली आते थे?