सर्वेश्वर दयाल सक्सेना - मानवीय करुणा की दिव्या चमक
प्रस्तुत पंक्ति का आशय है कि फ़ादर बुल्के की मृत्यु पर वहाँ उपस्थित नम आँखों वाले व्यक्तियों के नामों का उल्लेख करना सिर्फ स्याही को बरबाद करना है। कहने का आशय है कि आँसू बहाने वालों की संख्या इतनी अधिक थी कि उसे गिनना संभव नहीं था।
उस स्थान पर यदि नम आँखों के आँकड़े दिये जाएं तो इसे समय और मेहनत की बरबादी कहा जा सकता है।
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आपके विचार से बुल्के ने भारत आने का मन क्यों बनाया होगा?
‘मेरा देश भारत’ विषय पर 200 शब्दों का निबंध लिखिए?
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