सर्वेश्वर दयाल सक्सेना - मानवीय करुणा की दिव्या चमक
फादर बुल्के के मन में अपने प्रियजनों के लिए असीम ममता और अपनत्व था। इसलिए लेखक ने फादर बुल्के को ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ कहा है।
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आपके विचार से बुल्के ने भारत आने का मन क्यों बनाया होगा?
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