वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

Question

वैश्वीकरण ने जीवन स्तर के सुधार में सहायता पहुँचाई है।
  • सभी लोगों के

  • विकसित देशों के लोगों के

     

  • विकासशील देशों के श्रमिकों के

  • उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer

B.

विकसित देशों के लोगों के

 

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भारत सरकार द्वारा विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाने के क्या कारण थे? इन अवरोधकों को सरकार क्यों हटाना चाहती थी?

श्रम कानूनों में लचीलापन कंपनियों को कैसे मदद करेगा?

दूसरे देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ किस प्रकार उत्पादन या उत्पाद पर नियंत्रण स्थापित करती हैं?

विकसित देश, विकासशील देशों से उनके व्यापार और निवेश का उदारीकरण क्यों चाहते हैं? क्या आप मानते हैं कि विकासशील देशों को भी बदले में ऐसी माँग करनी चाहिए?

‘वैश्वीकरण का प्रभाव एक समान नहीं है’। इस कथन की अपने शब्दों में व्याख्या कीजिए।

व्यापार और निवेश नीतियों का उदारीकरण वैश्वीकरण प्रक्रिया में कैसे सहायता पहुँचाती है?

विदेश व्यापार विभिन्न्न देशों के बाजारों के एकीकरण में किस प्रकार मदद करता है? यहाँ दिए गए उदाहरण से भिन्न उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।

वैश्वीकरण भविष्य में जारी रहेगा। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आज से बीस वर्ष बाद विश्व कैसा होगा? अपने उत्तर का कारण दीजिए।

मान लीजिए कि आप दो लोगों को तर्क करते हुए पाते हैं – एक कह रहा है कि वैश्वीकरण ने हमारे देश के विकास को क्षति पहुँचाई है, दूसरा कह रहा है कि वैश्वीकरण ने भारत के विकास में सहायता की है। इन लोगों को आप कैसे जवाब दोगे?

दो दशक पहले की तुलना में भारतीय खरीददारों के पास वस्तुओं के अधिक विकल्प हैं। यह ................की प्रक्रिया से नजदीक से जुड़ा हुआ है। अनेक दूसरे देशों में उत्पादित वस्तुओं को भारत के बाजारों में बेचा जा रहा है। इसका अर्थ है कि अन्य देशों के साथ ..................बढ़ रहा है। इससे भी आगे भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा उत्पादित ब्रांडों की बढ़ती संख्या हम बाजारों में देखते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में निवेश कर रही हैं क्योंकि .................। जबकि बाजार में उपभोक्ताओं के लिए अधिक विकल्प इसलिए बढ़ते .............और ....................के प्रभाव का अर्थ है उत्पादकों के बीच अधिकतम ...............।