वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था
(i) वैश्वीकरण और उत्पादकों - स्थानीय एवं विदेशी दोनों, के बीच बेहतर प्रतिस्पर्धा से उपभोक्ताओं, विशेषकर शहरी क्षेत्र में धनी वर्ग के उपभोक्ताओं को लाभ हुआ हैं। इन उपभोक्ताओं के समक्ष पहले से अधिक विकल्प हैं और वे अब अनेक उत्पादों की उत्कृष्ट गुणवत्ता और काम कीमत से लाभान्वित्त हो रहे हैं। परिणामत: ये लोग पहले की तुलना में आज अपेक्षाकृत उच्चतर जीवन स्तर का आनंद ले रहे हैं।
(ii) विदेशी निवेश आकर्षित करने हेतु सरकार ने श्रम-कानूनों में लचीलापन लाने में अनुमति दे दी है। अब नियमित आधार पर श्रमिकों को रोज़गार देने के बजाए कंपनियों में जब काम का अधिक दवाब होता है, तो लोचदार ढंग से छोटी अवधि के लिए श्रमिकों को कार्य पर रखती हैं। कंपनी की श्रम लागत में कटौती करने के लिए ऐसा किया जाता हैं ।
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