बल तथा गति के नियम
कोई वस्तु शून्य बाह्य असंतुलित बल अनुभव करती है। क्या किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है? यदि हाँ, तो वस्तु के वेग के परिमाप एवं दिशा पर लगने वाली शर्तों का उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
हाँ, संभव है। वास्तव में, गति की अवस्था में परिवर्तन के लिए बल की आवश्यकता होती है न कि एक समान गति की अवस्था को बनाए रखने के लिए। अत: यदि कोई वस्तु पहले से गतिमान है तो वह बाह्य असंतुलित बल की अनुपस्थिति में भी एक समान गति की अवस्था को बनाए रखेगी।
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एक गाडी का द्रव्यमान 1500 kg है। यदि गाडी को 1.7 ms-2 के ऋणात्मक त्वरण (अवमंदन) के साथ विरामावस्था में लाना है तो गाडी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा?
हम एक लकड़ी के बक्से को 200 N बल लगाकर उसे नियत वेग से फर्श पर धकेलते हैं। बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा?
गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वास्तु को धक्का हैं, तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह वस्तु एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है; संभवत: हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा। एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे का निरस्त कर देते हैं इस तर्क पर अपना विचार दें और बताएँ कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता।
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