मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार
मानव नेत्र के नीचे दिए गए प्रत्येक भाग का कार्य लिखिए :
(i) पुतली,
(ii)परितारिका,
(iii)क्रिस्टलीय लेंस,
(iv) पक्ष्माभी पेशियाँ
(i) पुतली (कॉर्निया) का कार्य : जब प्रकाश आंख में प्रवेश करता है, तो अधिकांश अपवर्तन पुतली की सतह पर होता है। पुतली प्रकाश को आंखों में प्रवेश करने की अनुमति देता है।
(ii) आपरितारिका का कार्य: नेत्र मे प्रवेश करने वाले प्रकाश के परिमाण को नियंत्रित करता है। पुतली केसाइज को नियंत्रित करता है।
(iii) क्रिस्टलीय लेंस: दृष्टिपटल (रेटीना) पर विभिन्न दूरी पर वस्तुओं को ध्यान केंद्रित करने के लिए आवश्यक फोकल लंबाई के बेहतर समायोजन में मदद करता है।
(iv) पक्ष्माभी मांसपेशियों: इसका कार्य क्रिस्टलीय लेंस की लंबाई को बदलने के लिए है ताकि विभिन्न दूरी पर वस्तुओं की छवि स्पष्ट रूप से रेटिना पर केंद्रित हो
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मानव नेत्र अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी को समायोजित कर के विभिन्न दूरियों पर रखी वस्तुओं को फोकसित कर सकता है ऐसा हो पाने का कारण है-
सामान्य दृष्टि के वयस्क के लिया दर्शन की अल्पतम दूरी होती है, लगभग-
अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी में परिवर्तन किया जाता है -
सामान्य नेत्र 25 सेंटीमीटर से निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट क्यों नहीं देख पाते ?
जब हम नेत्र से किसी वस्तु की दूरी को बढ़ा देते हैं तो नेत्र की प्रतिबिंब दूरी का क्या होता है?
तारे क्यों टिमटिमाते हैं?
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