बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर

Question

आदर्श समाज के तीन तत्त्वों में से एक ‘भ्रातृता’ को रखकर लेखक ने अपने आदर्श समाज में स्त्रियों को भी सम्मिलित किया है अथवा नहीं? आप इस ‘भ्रातृता’ शब्द से कहाँ तक सहमत हैं? यदि नहीं तो आप क्या शब्द उचित समझेंगे?

Answer

लेखक ने आदर्श समाज के ये तीन तत्त्व बताए हैं-

1. स्वतंत्रता।

2. समता।

3. भ्रातृता।

लेखक ने अपने आदर्श समाज में स्त्रियों को भी सम्मिलित किया है। हम ‘भ्रातृता’ शब्द के स्थान पर ‘बंधुता’ शब्द का प्रयोग अधिक उपयुक्त समझते हैं। यह शब्द अधिक स्पष्ट है। इसमें साथियों के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव है।

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लेखक के मत से ‘दासता’ की व्यापक परिभाषा क्या है?

शारीरिक वंश-परंपरा और सामाजिक परंपरा की दृष्टि में असमानता संभावित रहने के बावजूद डॉ. अंबेडकर ‘समता’ को एक व्यवहार्य सिद्धांत मानने का आग्रह क्यों करते हैं? इसके पीछे उनके क्या तर्क हैं?

सही में डॉ. आंबेडकर ने भावनात्मक समत्व और मान्यता के लिए जातिवाद का उन्मूलन चाहा है, जिसकी प्रतिष्ठा के लिए भौतिक स्थितियों व जीवन सुविधाओं का तर्क दिया है। क्या इससे आप सहमत हैं?

आदर्श समाज के तीन तत्त्वों में से एक ‘भ्रातृता’ को रखकर लेखक ने अपने आदर्श समाज में स्त्रियों को भी सम्मिलित किया है अथवा नहीं? आप इस ‘भ्रातृता’ शब्द से कहाँ तक सहमत हैं? यदि नहीं तो आप क्या शब्द उचित समझेंगे?

डॉ. आंबेडकर ने जाति प्रथा के भीतर पेशे के मामले में लचीलापन न होने की जो बात की है-उस संदर्भ में ‘गलता लोहा’ पर पुनर्विचार कीजिए।

कार्य कुशलता पर जाति प्रथा का प्रभाव विषय पर समूह में चर्चा कीजिए। चर्चा के दौरान उभरने वाले बिंदुओं को लिपिबद्ध कीजिए।

आंबेडकर की पुस्तक ‘जाति-भेद का उच्छेद’ की तरह राजकिशोर की पुस्तक भी है ‘जाति कौन तोड़ेगा?’ शिक्षक की सहायता से दोनों उपलब्ध कर पढ़िए।

हिंदी स्वराज नामक पुस्तक में गाँधीजी ने कैसे आदर्श समाज की कल्पना की है, उसे भी पढ़ें।

जाति प्रथा क्यों स्वीकार्य नहीं है?