गजानन माधव मुक्तिबोध

Question

अपनी गरवीली गरीबी, गंभीर अनुभव, विचार-वैभव, दृढ़ता और भीतरी भाव तरंगों को कवि ने नितांत मौलिक बताया है, इसके लिए उसने क्या तर्क दिया है?

Answer

इसके लिए कवि ने तर्क दिया है कि कवि की जागरूकता तथा एकाग्रता, दृढ़ता एवं भावनाएँ मौलिक हैं। कवि इसके लिए तर्क देता है कि वह हर समय जागरूक रहता है। भीतर की इच्छाशक्ति उसे दृढ़ता प्रदान करती है। हृदय में भावनाओं का अंत:प्रवाह बहता रहता है। हाँ, संवेदन अवश्य उसकी प्रिया का दिया हुआ है।

Sponsor Area

Some More Questions From गजानन माधव मुक्तिबोध Chapter

प्रस्तुत पक्तियों की सप्रंसग व्याख्या करें

गरबीली गरीबी यह, ये गंभीर अनुभव सब

यह विचार-वैभव सब

दृढ़ता यह, भीतर की सरिता यह अभिनय सब

मौलिक है, मौलिक है,

इसलिए कि पल-पल में

जो कुछ भी जागृत है, अपलक है-

संवेदन तुम्हारा है!!

कवि किस-किसको मौलिक मानता है और क्यों?

इन पर किसकी संवेदना का प्रभाव है?

इस कविता पर किस बाद का प्रभाव झलकता है?

प्रस्तुत पक्तियों की सप्रंसग व्याख्या करें

जाने क्या रिश्ता है, जाने क्या नाता है

जितना भी उँडेलता हूँ, भर-भर फिर आता है

दिल में क्या झरना है?

मीठे पानी का सोता है

भीतर वह, ऊपर तुम

मुस्काता चाँद ज्यों धरती पर रात-भर

मुझ पर त्यों तुम्हारा ही खिलता वह चेहरा है।

कवि अपने दिल की तुलना किससे करता है और क्यों?

ऊपर कौन है?

कवि किससे प्रभावित है?

प्रस्तुत पक्तियों की सप्रंसग व्याख्या करें

सचमुच मुझे दंड दो कि

भूलूँ मैं

प्ले मैं

तुम्हें भूल जाने की

दक्षिण ध्रुवि अंधकार अमावस्या

शरीर पर, चेहरे पर, अंतर में पालूँ मैं

झेलूँ मैं, उसी में नहा लूँ मैं

इसलिए कि तुमसे ही परिवेष्टित आच्छादित

रहने का रमणीय यह उजेला अब

सहा नहीं जाता है।

नहीं सहा जाता है।

कवि अपने लिए किस प्रकार का दंड चाहता है?