सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
विप्लवी बादल की युद्ध-नौका की क्या-क्या विशेषताएँ हैं?
विप्लवी बादल की युद्ध-नौका की ये विशेषताएँ हैं-
(1) वह समीर-सागर पर तैरती है। (2) वह भेरी गर्जन से सजग है। (3) वह ऊँची आकांक्षाओं से भरी हुई है।
विप्लवी बादल की युद्ध -नौका पवन रूपी सागर पर ऐसे विचरण करती रहती है जैसे जीवन के अस्थायी सुखों पर दु:खों की काली छाया मँडराती रहती है। जिस प्रकार युद्ध-नौका युद्ध-सामग्री से भरी रहती है, उसी प्रकार इस विप्लवी बादल की युद्ध-नौका में शोषित वर्ग की आकांक्षाएँ भरी हुई हैं। विप्लवी बादल की युद्ध-नौका को देखकर शोषक वर्ग का हृदय उल्लास से भर जाता है।
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कवि ने बादलों का आहान क्यों किया है?
बादलों की गर्जना का संसार पर क्या प्रभाव पड़ता है?
कवि ने बादलों की क्या-क्या विशेषताएँ बताई हैं?
‘गगन स्पर्शी, स्पर्धावीर’ का आशय स्पष्ट करो।
शस्य अपार,
हिल-हिल,
खिल-खिल
हाथ हिलाते,
तुझे बुलाते,
तुझे बुलाते,
विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा पाते।.
क्रांति की गर्जना पर कौन हंसते हैं?
छोटे पौधे किनके प्रतीक हैं?
वे किस, किस प्रकार बुलाते हैं?
‘विप्लव रव’ किससे शोभा पाते है और क्यों?
सदा पंक पर ही होता जल-विप्लव-प्लावन,
क्षुद्र फुल्ल जलज से सदा छलकता नीर,
रोग-शोक में भी हँसता है
शैशव का सुकुमार शरीर।
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