कुँवर नारायण

Question

कवि अपने लक्ष्य को क्यों नही पा सका?

Answer

कवि अपने लक्ष्य को इसलिए नहीं पा सका क्योंकि वह चाहता तो था अपनी बात को सहज और सरल बनाना, किंतु ऐसा करने के प्रयास में बात और भी जटिल होती चली गई। वह भाषा-जाल में उलझ गई।

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Some More Questions From कुँवर नारायण Chapter

कविता बच्चों के खेल के समान कैसे है?

इस काव्यांश में कविता की क्या-क्या विशेषताएँ उभर कर सामने आती हैं?

प्रस्तुत पक्तियों का सप्रसंग व्याख्या करें?

बात सीधी थी पर एक बार

भाषा के चक्कर में

 

जरा टेढ़ी फँस गई।

 

उसे पाने की कोशिश में

 

भाषा को उलटा पलटा

 

तोड़ा मरोड़ा

 

घुमाया फिराया

 

कि बात या तो बने

 

या फिर भाषा से बाहर आए-

 

लेकिन इससे भाषा के साथ साथ

 

बात और भी पेचीदा होती चली गई।

 

कवि ने अपनी बात के बारे में क्या कहा है?

कवि ने अपनी बात के लक्ष्य को पाने के लिए क्या-क्या किया?

कवि अपने लक्ष्य को क्यों नही पा सका?

बात पेचीदा क्यों होती चली गई?

प्रस्तुत पक्तियों का सप्रसंग व्याख्या करें?

सारी मुश्किल को धैर्य से समझे बिना

मैं पेंच को खोलने के बजाए

उसे बेतरह कसता चला जा रहा था

क्यों कि इस करतब पर मुझे

साफ सुनाई दे रही थी

तमाशबीनों की शाबाशी और वाह वाह!

आखिरकार वही हुआ जिसका मुझे डर था

जो़र ज़बरदस्ती से

बात की चूड़ी मर गई

और वह भाषा में बेकार घूमने लगी!

पेंच को खोलने की बजाय कसना’ का आशय स्पष्ट करो।

गलत कामों पर किनकी शाबासी मिलती और क्यों?