भारतीय गायिकाओं में बेजोड़: लता मंगेशकर
लेखक ने लता की गायकी की किन विशेषताओं को उजागर किया है? आपको लता की गायकी में कौन-सी विशेषताएँ नजर आती हैं? उदाहरण सहित बताइए।
लेखक ने लता की गायकी की निम्नलिखित विशेषताओं को उजागर किया है-
1. निर्मलता-लता की गायकी की एक प्रमुख विशेषता है-उसके स्वरों की निर्मलता। लता का जीवन की ओर देखने का जो दृष्टिकोण है, वही उसके गाने की निर्मलता में झलकता है।
2. स्वरों की कोमलता और मुग्धता-लता की गायकी के स्वरों में कोमलता और मुग्धता है। इसके विपरीत नूरजहाँ के गायन में एक मादक उत्तान दिखाई पड़ता था।
3. नादमय उच्चार-यह लता के गायन की एक अन्य प्रमुख विशेषता है। उसके गीत के किन्हीं दो शब्दों का अंतर स्वरों की आस द्वारा बड़ी सुंदर रीति से भरा रहता है और ऐसा प्रतीत होता कि वे दोनों शब्द विलीन होते-होते एक दूसरे में मिल जाते हैं।
4. श्रृंगार की अभिव्यक्ति–लेखक के मत में लता ने करुण रस के साथ तो अधिक न्याय नहीं किया, पर मुग्ध श्रृंगार की अभिव्यक्ति करने वाले गाने उत्कटता से गाए हैं।
हमें भी लता की गायकी में उपर्युक्त सभी विशेषताएँ नजर आती हैं। लता की गायकी में वह जादू है जो सभी को मंत्रमुग्ध कर देता है। लता के गायन की मिठास लोगों को मस्त कर देती है।
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शास्त्रीय संगीत में लता का कौन-सा स्थान है?
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लेखक के विचार में शास्त्रीय गायक किस प्रवृत्ति के हैं?
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चित्रपट संगीत के क्षेत्र में लता का क्या स्थान है?
चित्रपट संगीत ने समाज पर क्या प्रभाव डाला है?
लता की गायकी से संगीत के प्रति आम लोगों की सोच में क्या अंतर आया है?
लेखक ने पाठ में गानपन का उल्लेख किया है। पाठ के संदर्भ में स्पष्ट करते हुए बताएँ कि आपके विचार में इसे प्राप्त करने के लिए किस प्रकार के अभ्यास की आवश्यकता है?
लेखक ने लता की गायकी की किन विशेषताओं को उजागर किया है? आपको लता की गायकी में कौन-सी विशेषताएँ नजर आती हैं? उदाहरण सहित बताइए।
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