भारतीय गायिकाओं में बेजोड़: लता मंगेशकर
लेखक ने पाठ में गानपन का उल्लेख किया है। पाठ के संदर्भ में स्पष्ट करते हुए बताएँ कि आपके विचार में इसे प्राप्त करने के लिए किस प्रकार के अभ्यास की आवश्यकता है?
लेखक ने पाठ में गानपन का उल्लेख किया है। ‘गानपन’ वह मिठास होती है जो श्रोता को मस्त कर देती है। इसका वह अनुभव कर सकता है। जिस प्रकार मनुष्यता होने पर ही मनुष्य होता है, उसी प्रकार ‘गानपन’ के होने पर ही संगीत होता है। लता के हर गाने में शत-प्रतिशत ‘गानपन’ मौजूद रहता है। लता की लोकप्रियता का मर्म भी यही ‘गानपन’ है।
हमारे विचार में इस ‘गानपन’ की विशेषता को प्राप्त करने के लिए नादमय उच्चार करके गाने के अभ्यास की आवश्यकता है। इसमें दो शब्दों का अंतर एक दूसरे में विलीन हो जाता है। गाने को मिठास और स्वाभाविकता के साथ गाया जाना भी आवश्यक है। बहुत ऊँची पट्टी में नहीं गाना चाहिए।
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लता की लोकप्रियता का मुख्य मर्म क्या है?
शास्त्रीय संगीत में लता का कौन-सा स्थान है?
दोनों प्रकार के संगीत के बारे में लेखक के विचारों को अभिव्यक्त कीजिए।
लेखक के विचार में शास्त्रीय गायक किस प्रवृत्ति के हैं?
चित्रपट संगीत दिनोंदिन क्यों विकसित होता चला जा रहा है?
चित्रपट संगीत के क्षेत्र में लता का क्या स्थान है?
चित्रपट संगीत ने समाज पर क्या प्रभाव डाला है?
लता की गायकी से संगीत के प्रति आम लोगों की सोच में क्या अंतर आया है?
लेखक ने पाठ में गानपन का उल्लेख किया है। पाठ के संदर्भ में स्पष्ट करते हुए बताएँ कि आपके विचार में इसे प्राप्त करने के लिए किस प्रकार के अभ्यास की आवश्यकता है?
लेखक ने लता की गायकी की किन विशेषताओं को उजागर किया है? आपको लता की गायकी में कौन-सी विशेषताएँ नजर आती हैं? उदाहरण सहित बताइए।
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