जॉर्ज पंचम की नाक

Question

जॉर्ज पंचम की लाट पर किसी भी भारतीय नेता, यहाँ तक कि भारतीय बच्चे की नाक फिट न होने की बात से लेखक किस ओर संकेत करना चाहता है।

Answer

यहाँ लेखक ने भारतीय समाज के महान नेताओं व साहसी बालकों के प्रति अपना प्रेम प्रस्तुत किया है।ज़ार्ज पंचम इंग्लैण्ड का राजा था जिसने भारतीय स्वतंत्रता-संग्रामियों पर बहुत ज़ुल्म ढाए थे। उसकी लाट की नाक टूट गई थी। बहुत ढ़ूँढ़ने पर भी किसी भारतीय महापुरूष या स्वतंत्रता सेनानी की नाक फिट न बैठ सकी। सभी भारतीय जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपने बलिदान दिए,चाहे वह बूढ़ा हो या जवान हो या फिर बच्चा ही क्यों न हो, उनकी मान-मर्यादा और इज्ज़त के समक्ष ज़ार्ज पंचम या उसके समतुल्य किसी अन्य की कोई इज्ज़त नहीं। इसलिए इनकी नाक जॉर्ज पंचम की नाक से सहस्त्रों गुणा ऊँची है।

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Some More Questions From जॉर्ज पंचम की नाक Chapter

नाक मान-सम्मान व प्रतिष्ठा का द्योतक है। यह बात पूरी व्यंग्य रचना में किस तरह उभरकर आई है? लिखिए।

जॉर्ज पंचम की लाट पर किसी भी भारतीय नेता, यहाँ तक कि भारतीय बच्चे की नाक फिट न होने की बात से लेखक किस ओर संकेत करना चाहता है।

अखबारों ने जिंदा नाक लगने की खबर को किस तरह से प्रस्तुत किया?

'नयी दिल्ली में सब था... सिर्फ़ नाक नहीं थी।' इस कथन के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?

जॉर्ज पंचम की नाक लगने वाली खबर के दिन अखबार चुप क्यों थे?

‘जार्ज पंचम की नाक’ पाठके माध्यम से लेखक ने समाज पर क्या व्यंग्य किया है?

अथवा

सिक्किम की युवती के कथन ‘मैं इंडियन हूँ’ से स्पष्ट होता है कि अपनी जाति, धर्म-क्षेत्र और संप्रदाय से। अधिक महत्वपूर्ण राष्ट्र है। आप किस प्रकार राष्ट्र के उत्तरप्रति अपने कर्तव्य निभाकर देश के प्रति अपना प्रेम प्रकट कर सकते हैं? समझाइए।