टोपी शुक्ला
टोपी और इफ़्फ़न की दादी अलग-अलग मजहब और जाति के थे पर एक अनजान अटूट रिश्ते से बँधे थे। इस कथन के आलोक में अपने विचार लिखिए।
टोपी हिंदू धर्म का था और इफ़्फ़न की दादी मुस्लिम। परन्तु जब भी टोपी इफ़्फ़न के घर जाता दादी के पास ही बैठता। उनकी मीठी पूरबी बोली उसे बहुत अच्छी लगती थी। दादी पहले अम्मा का हाल चाल पूछतीं। दादी उसे रोज़ कुछ न कुछ खाने को देती परन्तु टोपी खाता नहीं था। अत: दोनों का रिश्ता जाति और धर्म से परे प्यार के धागे से बँधा था। यहाँ पर लेखक ने यह समझाने का प्रयास किया है कि जब रिश्ते प्रेम से बँधे होते है तो तब धर्म, मजहब सभी बेमानी हो जाते हैं।
Sponsor Area
इफ़्फ़न की दादी अपने बेटे की शादी में गाने-बजाने की इच्छा पूरी क्यों नहीं कर पाई?
'अम्मी' शब्द पर टोपी के घरवालों की क्या प्रतिक्रिया हुई?
दस अक्तूबर सन् पैंतालीस का दिन टोपी के जीवन में क्या महत्त्व रखता है?
टोपी ने इफ़्फ़न से दादी बदलने की बात क्यों कही?
पूरे घर में इफ़्फ़न को अपनी दादी से विशेष स्नेह क्यों था?
इफ़्फ़न की दादी के देहान्त के बाद टोपी को उसका घर खाली सा क्यों लगा?
टोपी और इफ़्फ़न की दादी अलग-अलग मजहब और जाति के थे पर एक अनजान अटूट रिश्ते से बँधे थे। इस कथन के आलोक में अपने विचार लिखिए।
टोपी नवीं कक्षा में दो बार फ़ेल हो गया। बताइए −
ज़हीन होने के बावजूद भी कक्षा में दो बार फ़ेल होने के क्या कारण थे?
टोपी नवीं कक्षा में दो बार फ़ेल हो गया। बताइए −
एक ही कक्षा में दो-दो बार बैठने से टोपी को किन भावनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
टोपी नवीं कक्षा में दो बार फ़ेल हो गया। बताइए −
टोपी की भावात्मक परेशानियों को मद्येनज़र रखते हुए शिक्षा व्यवस्था में आवश्यक बदलाव सुझाइए?
Sponsor Area
Sponsor Area