टोपी नवीं कक्षा में दो बार फ़ेल हो गया। बताइए −
एक ही कक्षा में दो-दो बार बैठने से टोपी को किन भावनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
एक ही कक्षा में दो-दो बार बैठने से टोपी को कई भावनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ा जैसे वह अध्यापकों की हँसी का पात्र होता क्योंकि कमजोर लड़कों के रूप में अध्यापक उसका ही उदाहारण देते थे। उसका मज़ाक उड़ाते थे। मास्टर भी उससे कोई उत्तर नहीं पूछते बल्कि कहते अगले साल पूछ लेंगे या कहते इतने सालों में तो आ गया होगा। फेल होने के कारण उसके कोई नए मित्र भी नहीं बन पाए। मास्टर उसकी किसी भी बात पर ध्यान ही नहीं देते थे वह किसी से शर्म के मारे खुलकर बातें नहीं कर पाता था। पर फिर भी उसने इन चुनौतियों को स्वीकार कर सफलता प्राप्त की।