रामवृक्ष बेनीपुरी- बालगोबिन भगत

Question

पाठ के आधार पर भगत के मधुर गायन की विशेषताँ लिखिए।

Answer

बालगोबिन भगत के गायन को न तो माघ की सर्दी और न ही जेठ की गर्मी प्रभावित करती थी। गर्मी में उमस से भरी शामें भी बालगोबिन भगत के गायन से शीतल प्रतीत होती थीं। गर्मियों में शाम के समय अपने घर के गिन में कुछ संगीत प्रेमियों के साथ आसन लगा कर बैठ जाते थे। सबके पास खँजड़ियाँ और करताल होते थे। बालगोबिन भगत एक पद गाते और उनके पीछे सभी लोग उसी पद को दोहराते हुए बार-बार गाते। गीत का स्वर धीरे-धीरे से ऊँचा होने लगता था। स्वर की लय में एक निश्चित ताल और गति होती थी। धीरे-धीरे उनके गीत मन से होते हुए तन पर हावी हो जाते थे। सुनने वाले और साथ गाने वाले अपने तन की सुध-बुध खो बैठते थे। बालगोबिन भगत उठकर नाचने लगते और सभी लोग उनका साथ देते थे। इस तरह गर्मी की उमस भरी शामें भी बालगोबिन भगत अपने मधुर गायन से शीतल कर देते थे।

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पाठ के आधार पर भगत के मधुर गायन की विशेषताँ लिखिए।

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