स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा
हालदार साहब ने अपने कौतूहल के समाधान के लिए पानवाले से पूछा कि इस नेता जी की संगमरमर की मूर्ति का चश्मा हर बार कैसे बदल जाता है?
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निम्नलिखित पंक्तियों में स्थानीय बोली का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है, आप इन पंक्तियों को मानक हिंदी में लिखिए-
कोई गिराक आ गया समझो। उसको चौड़े चौखट चाहिए। तो कैप्टन किदर से लाएगा? तो उसको मूर्तिवाला दिया। उदर दूसरा बिठा दिया।
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