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स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा

Question
CBSEENHN10002202

कस्बों, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी-न-किसी क्षेत्र के प्रसिद्‌ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है-
उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए?

Solution
चौराहे पर लगी मूर्ति के प्रति हमारा और दूसरे लोगों का यह उत्तरदायित्व होना चाहिए कि उस मूर्ति के प्रति आदर और सम्मान की भावना हो। दूसरे लोगों को मूर्ति वाले व्यक्ति के व्यक्ति से परिचित कराया जाए। इसके लिए समय-समय पर वहाँ पर देशभक्ति के समागम होने चाहिए, जिससे आम व्यक्ति में देशभक्ति की भावना प्रबल हो। उस मूर्ति के सामने से जब भी निकलो उसके आगे नतमस्तक हों। उनके द्वारा किए गए कार्यो को याद करके उन्हें अमल में लाने का प्रयत्न करें।

Some More Questions From स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा Chapter

हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा-
 मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है?

हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा-
हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे?

आशय स्पष्ट कीजिए
“बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िन्दगी सब कुछ होम देने वालों पर हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है।”

पानवाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए।

“वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!”
कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टिप्पणी पर आपकी क्या प्रतिक्रिया लिखिए

निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं-
हालदार साहब हमेशा चौराहे पर रुकते और नेताजी को निहारते।

निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं-
पानवाला उदास हो गया। उसने पीछे मुड़कर मुँह का पान नीचे थूका और सिर झुकाकर अपनी धोती के सिरे से आँखें पोंछता हुआ बोला-साहब! कैप्टन मर गया।

निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं-
कैप्टन बार-बार मूर्ति पर चश्मा लगा देता था।

जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात् देखा नहीं था तब तक उनके पास मानस पटल पर उसका कौन-सा चित्र रहा होगा, अपनी कल्पना से लिखिए।

कस्बों, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी-न-किसी क्षेत्र के प्रसिद्‌ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है।
इस तरह की मूर्ति लगाने का क्या उद्देश्य हो सकते हैं?