निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये: कितना प्रामाणिक था उसका दुख लड़की को दान में देते वक्त जैसे वही उसकी अंतिम पूँजी हो लड़की अभी सयानी नहीं थी अभी इतनी भोली सरल थी कि उसे सुख का आभास तो होता था लेकिन दुख बाँचना नहीं आता था पाठिका थी बह धुँधले प्रकाश की कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की
अंतिम पूंजी कौन थी और क्यों थी?
Answer
Short Answer
बेटी ही माँ की अंतिम पूँजी थी क्योंकि वह अपने जीवन के हर सुख-दुःख उसी के साथ बांटती है। बेटी ही माँ के सबसे निकट और दुःख-सुख की साथी होती है।
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