निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये: किंतु कहीं ऐसा न हो कि तुम ही खाली करने वाले- अपने को समझो, मेरा रस ले अपनी भरने वाले। यह विडंबना! अरी सरलते तेरी हँसी उड़ाऊँ मैं। भूलें अपनी या प्रवंचना औरों की दिखलाऊँ मैं। उज्वल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की। अरे खिल-खिला कर हँसते होने वाली उन बातों की।
‘अरी सरलते’ में विद्यमान विशिष्टता क्या है?
Answer
Short Answer
‘अरी सरलते’ में प्रेमपूर्ण संबोधन विद्यमान है जिससे कवि ने अपनत्व का भाव प्रकट किया है।
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