निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये: फटिक सिलानि सौं सुधारयौ सुधा मंदिर, उदधि दधि को सो अधिकाइ उमगे अमंद। बाहर ते भीतर लौं भीति न दिखैए ‘देव’, दूध को सो फेन फैल्यो आँगन फरसबंद। तारा सी तरुनि तामें ठाढ़ी झिलमिली होति, मोतिन की जोति मिल्यो मल्लिका को मकरंद। आरसी से अंबर में आभा सी उजारी लगै, प्यारी राधिका को प्रतिबिंब सो लगत चंद।।
भवन में बाहर से भीतर तक दीवारें क्यों नहीं दिखाई देती?
Answer
Short Answer
भवन स्फटिक का बना है और चाँदनी की उज्ज्वलता का प्रसार ऐसा है कि बाहर से भीतर तक की दीवार दिखाई नहीं देती।