निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये: मन की मन ही माँझ रही। कहिए जाइ कौन पै ऊधौ, नाहीं परत कही। अवधि अधार आस आवन की, तन मन बिथा सही। अब इन जोग सँदेसनी सुनि-सुनि, बिरहिनि बिरह दही। चाहति हुतीं गुहारि जितहिं तैं, उत तैं धार बही। ‘सूरदास’ अब धीर धरहिं क्यौं, मरजादा न लही।
किस शब्द शक्ति ने गोपियों के स्वर के गहनता-गंभीरता प्रदान की है?
Answer
Short Answer
लाक्षणिकता के प्रयोग ने गोपियों के स्वर को गहनता-गंभीरता प्रदान की है।