मिठाईवाला
आपके माता-पिता के ज़माने से लेकर अब तक फेरी की आवाज़ों में कैसा बदलाव आया है? बड़ों से पूछकर लिखिए।
वक्त के साथ फेरी के स्वर भी बदल गए हैं। जैसे – पहले फेरी वाले गाकर या कविता के माध्यम से मधुर स्वर में अपने उत्पाद के गुणों को लोगों तक पहुँचाते थे परन्तु आज के फेरीवालों के स्वर में वैसी मधुरता सुनने को नहीं मिलती। साथ ही लाउडस्पीकर जैसे उपकरणों का भी प्रयोग होने लगा है।
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किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था ? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया ?
‘अब इस बार ये पैसे न लूँगा’-कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा ?
इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है?
मिठाईवाले के परिवार के साथ क्या हुआ होगा? सोचिए और इस आधर पर एक और कहानी बनाइए?
हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में कौन-कौन सी चीज़ें आपको सबसे ज़्यादा आकर्षित करती हैं? उनको सजाने-बनाने में किसका हाथ होगा? उन चेहरों के बारे में लिखिए।
मिठाईवाला |
बोलनेवाली गुड़िया |
आपके माता-पिता के ज़माने से लेकर अब तक फेरी की आवाज़ों में कैसा बदलाव आया है? बड़ों से पूछकर लिखिए।
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