यमराज की दिशा
कवि की माँ ईश्वर से प्रेरणा पाकर उसे कुछ मार्ग-निर्देश देती है। आपकी माँ भी समय-समय पर आपको सीख देती होंगी-
वह आपको क्या सीख देती हैं?
माँ सदैव ही अपनी संतान का हित सोचती हैं। मेरी माँ भी अपने अनुभवो के आधार पर मुझे समय समय पर समाज में व्यापत सही ओर गलत की नसीहयत देती रहती हैं। इसके साथ साथ वह मुझे छोटों-बड़ों का उचित सम्मान करना, जीवन मूल्यों को जीवन में उतारना इत्यादि शिक्षा देती रहती हैं।
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भाव स्पष्ट कीजिए -
सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं
और वे सभी में एक साथ
अपनी दहकती आँखों सहित विराजते हैं
कवि की माँ ईश्वर से प्रेरणा पाकर उसे कुछ मार्ग-निर्देश देती है। आपकी माँ भी समय-समय पर आपको सीख देती होंगी-
वह आपको क्या सीख देती हैं?
कवि की माँ ईश्वर से प्रेरणा पाकर उसे कुछ मार्ग-निर्देश देती है। आपकी माँ भी समय-समय पर आपको सीख देती होंगी -
क्या उसकी हर सीख आपको उचित जान पड़ती है? यदि हाँ तो क्यों और नहीं तो क्यों नहीं ?
कभी-कभी उचित-अनुचित निर्णय के पीछे ईश्वर का भय दिखाना आवश्यक हो जाता है, इसके क्या कारण हो सकते हैं?
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