मेघ आए
कविता में कवि ने आकाश में बादल और गाँव में मेहमान (दामाद) के आने का जो रोचक वर्णन किया है, उसे लिखिए।
कविता में मेघ और दामाद के आगमन में समानता बताई गई है। जिस प्रकार गाँव में मेघ के आगमन पर सभी लोग खुशियाँ मनाते हैं, अपने अपने खिड़की और दरवाजे मेघों के दर्शन के लिए खोल देते हैं। प्रकृति के सारे अंग भी जैसे उसके स्वागत के लिए तैयार बैठे होते हैं जैसे आँधी का उठना, धूल का अपना घाघरा उठा कर भागना, नदी का बाँकी नज़र से देखना आदि। वैसे ही गाँव में दामाद के आने पर भी उल्लास और उमंग का माहौल छाया रहता है। स्त्रियाँ ओट से दामाद को तिरछी नजरों से देखती है। गाँव के बड़े बुजुर्ग तथा अन्य सभी दामाद के स्वागत सम्मान में जुट जाते हैं।
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निम्नलिखित किसके प्रतीक हैं?
• धूल
• पेड़
• नदी
• लता
• ताल
लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों?
भाव स्पष्ट कीजिए -
क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की
भाव स्पष्ट कीजिए -
बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।
मेघ रूपी मेहमान के आने से वातावरण में क्या परिवर्तन हुए?
मेघों के लिए 'बन-ठन के, सँवर के' आने की बात क्यों कही गई है?
कविता में आए मानवीकरण तथा रूपक अलंकार के उदाहरण खोजकर लिखिए।
कविता में जिन रीति-रिवाजों का मार्मिक चित्रण हुआ है, उनका वर्णन कीजिए।
कविता में कवि ने आकाश में बादल और गाँव में मेहमान (दामाद) के आने का जो रोचक वर्णन किया है, उसे लिखिए।
काव्य-सौंदर्य लिखिए -
पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
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