दिये जल उठे - मधुकर उपाध्याय
जज को पटेल की सजा के लिए आठ लाइन के फैसले को लिखने के लिए डेढ़ घंटा इसलिए लगा क्योंकि उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि किस धारा के तहत उन पर आरोप लगाया जाए और उन्हें जेल भेजा जाए। उस समय पटेल को 500 रूपए के जुर्माने के साथ 3 महीने की जेल की सजा हुई। पुलिस पहरे में ही तोरसद की अदालत में लाया गया। जज के सामने ही उन्होंने अपना अपराध कबूल किया था। वे उन्हें कितनी और किस प्रकार की सजा दें यह तथ्य उनकी समझ में नहीं आ रहा था।
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